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कोरोना संकटकाल में इस युवा ने बना दी देश की पहली e-कक्षा, 1 करोड़ 70 लाख बच्चों पढाने उनके घर ऑनलाइन पहुंच रहे हैं शिक्षक

जयपुर. जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता का मूल मंत्र है व्यक्ति की दढ इच्छा शक्ति, अटूट विश्वास और एकनिष्ठ प्रयास. सफलता का इतिहास लिखने वाले सभी व्यक्तियों ने इसी गुण के बल पर महान सफलताएं अर्जित की हैं. और उन्नति के महान शिखरों पर आरुढ हुए हैं. ऐसा ही एक ताजा उदाहरण पेश किया है राजस्थान के एक युवा जिनेन्द्र सोनी ने. जहां कोरोना संकटकाल और लॉकडाउन के बीच लोग निराशा के वातावरण में जी रहे थे, भयभीत थे, कुछ नया करने से कतरा रहे थे, शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ठप थी, ऐसी तमाम बाधाओं के बीच जिनेन्द्र सोनी वो युवा थे जिन्होने ना केवल देश को इस संकटकाल में भी कुछ नया देने की ठानी, बल्कि करोड़ों बच्चों की स्कूली शिक्षा और पढाई खराब ना हो इस लिहाज से कुछ नया करने का संकल्प लिया. और दो माह के अपने दिन-रात के प्रयासों, फौलादी इरादों से वो काम कर दिखाया जो संकटकाल की इस घडी की सबसे बडी डिमांड बन...

आईपीएस द्वारा आसाराम पर लिखी किताब की रिलीज पर पटियाला कोर्ट ने लगाई रोक

नई दिल्ली. देश के चर्चित केस संत आसाराम की गिरफ़्तारी प्रकरण के खुलासे पर लिखी किताब के रिलीज पर पटियाला हाउस कोर्ट ने रोक लगा दी है. 30 सितंबर तक यह रोक लगाई गई है. राजस्थान कैडर के IPS अजयपाल लाम्बा ने यह किताब लिखी है. 'गनिंग फ़ॉर द गॉडमैन' बुक 5 सितम्बर को रिलीज होनी थी. बताया जा रहा है कि अजयपाल ने बुक में कई ऐसे बड़े खुलासे किए हैं जो सरकारी मशीनरी और लोगों को चौंका सकते हैं. वर्तमान में राजधानी जयपुर में एडिशनल पुलिस कमिश्नर के पद पर कार्यरत आईपीएस अजयपाल लांबा ने आसाराम की गिरफ्तारी से लेकर चार्जशीट पेश करने तक की पूरी जांच के बारे में एक किताब लिखी है. आईपीएस लांबा ने कई चौंकाने वाले खुलासे अपनी इस किताब में किए हैं. किताब में खुलासा किया गया है कि किस तरीके से इस केस की एक जांच अधिकारी चंचल मिश्रा की हत्या की सुपारी आसाराम ने दी थी और आरडीएक्स से मिश्रा को उड़ाने की साजिश ...

कोरोनाकाल में वित्तीय संकट, राजस्थान सरकार ने लिए 10 बडे कटौती के फैसले, पढें पूरी खबर

जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने कोरोना संकटकाल से निटपने के लिए एक और महत्वपूर्ण फैसला किया है. सरकारी खर्चों में बडे स्तर पर कटौती का फैसला किया गया है. कोरोना संकटकाल के बीच बिगडी प्रदेश की माली हालत को सुधारने और नियंत्रण में रखने के लिए कई ऐसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं जिनका असर तुरंत नजर आने लगेगा. 10 बडे फैसले 1. सरकारी यात्राओं को न्यूनतम करने और बेहद जरुरी होने पर ही यात्रा करने के आदेश. राजकीय व्यय पर विदेश यात्रा पूरी तरह से प्रतिबंधित की गई. 2. अब केवल इकॉनोमी क्लास में ही हवाई यात्रा कर पाएंगे अधिकारी. एक्जीक्यूटिव और बिजनेस क्लास की यात्रा पर लगाई गई रोक. विमान किराए पर लेने पर भी लगाई रोक. 3. सरकारी बैठकों को यथासंभव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही आयोजित करने के निर्देश. 4. नए कार्यालयों की स्थापना पर रोक लगाई गई. जो कार्यालय वर्तमान में अ...

सेहत खराब, जापान के पीएम शिंजो आबे ने इस्तीफा दिया

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. यह सब इसलिए क्योंकि शिंजो आबे का स्वास्थ्य फिलहाल ठीक नहीं है. लंबे समय से वो बीमार चल रहे हैं और उन्‍हें कई बार हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा है. बता दें कि शिंजो आबे को लंबे समय से आंत से जुड़ी बीमारी अल्सरट्रेटिव कोलाइटिस है. इसमें आंत में नासूर और सूजन जैसी समस्याएं होती हैं. जापान के सत्‍ताधारी दल ने कहा है कि आबे की तबीयत ठीक है, लेकिन उन्हें लागातार हॉस्पिटल जाना पड़ा रहा है. जिसपर सत्ताधारी दल ने भी चिंता जाहिर की है. इससे पहले भी बीमारी के चलते 2007 में शिंजो आबे ने कुछ वक्त का ब्रेक लिया था, तब उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के शुरुआती दिन थे. शिंजो आबे 2012 से लगातार जापान के प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले वह 2006 में कुछ वक्त के लिए देश के पीएम बने थे....

कांग्रेस में नाखुश हैं करीब 100 नेता, नेतृत्व में बदलाव के लिए लिखे पत्र: संजय झा

नई दिल्ली: क्या कांग्रेस में कोई राजनीतिक आपदा आने वाली है? एक विवाद शांत होता नहीं की दूसरा बखेड़ा खड़ा हो जाता है. पायलट-गहलोत विवाद अथक प्रयासों के बाद कांग्रेस ने शांत ही किया था कि अब कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता रहे संजय झा ने एक नया 'पॉलिटिकल ब्लास्ट' कर दिया है. हाल ही पार्टी से बाहर किए गए और कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने ट्वीट कर दावा किया है कि कई सांसदों सहित करीब 100 कांग्रेसी नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव और कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के चुनाव में पारदर्शिता लाने की बात कही गई है. यह नेता पार्टी की आंतरिक स्थिति से नाखुश हैं. संजय झा ने ट्वीट में खुलासा किया है कि कांग्रेस के पार्टी आंतरिक हालात ठीक नहीं हैं. आपको बताते चलें पिछले दिनों राजस्थान में चले सियासी घमासान के दौरान संजय झा ने सचिन पायलट क...

इंतजार खत्म, रूस ने बनाया पहला कोरोना वैक्सीन, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी को लगा टीका

मास्को. जिस कोरोना वायरस के खात्मे के लिए पूरी दुनिया रात दिन एक किए हुए है, और पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है. इन सबके बीच सबसे बड़ी राहत की खबर है कि रूस ने पहली कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को इसका ऐलान किया. इसके मार्फत COVID-19 के खिलाफ स्थाई इम्यूनिटी विकसित की जा सकती है. जो कोरोना को पस्त करने और धूल चटाने में सक्षम है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि 'आज सुबह दुनिया का पहला कोरोना वायरस का टीका तैयार कर लिया गया है. जिसका इस्तेमाल उनकी बेटी पर भी किया जा चुका है.' पुतिन के मुताबिक कि उनकी बेटी ने भी इसका टीका लिया है, पहले उसका बुखार टीके के बाद बढ़ा लेकिन बाद में काबू में आने लगा. इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि कुछ लोगों को टीका लगने के बाद कोरोना का कोई लक्षण नहीं ह...

गहलोत-पायलट की लड़ाई में CM पद के लिए भंवर जितेन्द्र सिंह का नाम चर्चा में, जानें इसके 10 बड़े कारण!

जयपुर. राजस्थान की सियासत में उठापटक के बीच नित नई राजनीतिक थ्योरी सामने आ रही है. इनमें कुछ अफवाहें हैं तो कुछ इतनी मजबूत कि किसी सच से कम नहीं लग रही. कोर्ट, कचहरी, पुलिस, खरीद फरोख्त, आरोप प्रत्यारोप, बाड़ेबंदी, बगावत के बीच राजस्थान सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस में हर रोज एक नया फॉर्मूला सामने आ रहा है. इस बार इसी फॉर्मूले से एक नाम सामने आया है, और वो नाम है अलवर क्षेत्र के कद्दावर युवा कांग्रेस नेता भंवर जितेन्द्र सिंह का. यह भी पढ़ें: राजनीतिक आपदा के बीच CM गहलोत का सभी विधायकों को पत्र, लिखी यह 10 बड़ी बातें बताया जा रहा है कि आलाकमान इस बात पर मंथन में जुटा है कि अगर पायलट के साथ बगावत पर उतरे नेताओं को संतुष्ट रखना है, सरकार बचानी है और गहलोत खेमे के भी स्वाभिमान की रक्षा हो सके तो कोई बीच का रास्ता निकाला जाए. वैसे नम्बर गेम में अभी तक अशोक गहलोत अनिश्चितता के भंवर ...

90 साल की बुजुर्ग मां कोरोना पॉजिटिव हुई, बेटा जंगल में फेंक आया!

मुंबई.  देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान, कितना बदल गया इंसान... एक गाने के यह बोल आज सच होते दिखाई देते हैं. खासकर उस वक्त जब एक मां, जिसने हर कष्ट सहकर अपने बेटे को 9 महीने कोख में रखा, उसे जन्म दिया और उसे अपनी अंगुलियों से हाथ पकड़कर चलना सिखाया. उसी कलयुगी बेटे ने मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना को अंजाम दिया. और जब मां कोरोना पॉजिटिव निकली तो उसकी सेवा करने के बजाए, उसका इलाज कराने के बजाए, उसकी देखरेख करने के बजाए, उसके लिए अपना जीवन समर्पित करने के बजाए, उसे घर से दूर जंगल में फेंक आया. यह भी पढ़ें: इंतजार खत्म! रूस में अगले हफ्ते रजिस्टर होगी दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन तो भारत में मिलेगी 225 रुपये में मानवता को शर्मसार कर देने वाली यह घटना औरंगाबाद की है. यहां एक बेशर्म, नालायक बेटे ने अपनी 90 साल की बूढ़ी मां को जंगल में फेंक दिया और वहां से...

इंतजार खत्म! रूस में अगले हफ्ते रजिस्टर होगी दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन तो भारत में मिलेगी 225 रुपये में

मास्को/नई दिल्ली. देश और दुनिया के लिए राहत की बड़ी खबर है. विश्वभर में कोरोना के कोहराम से मचे हाहाकार पर जल्द ही शिकंजा कसने वाला है. कोरोना को मात देने वो जादुई दवा अब तैयार हो चुकी है जिसका इंतजार दुनियाभर को था. मौत की चित्कारों और हाहाकार के बीच लोगों की प्रार्थना का ही असर है कि अब कोरोना वायरस वैक्‍सीन को लेकर दुनिया का इंतजार खत्‍म होता दिख रहा है. रूस के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मिखाइल मुराश्‍को ने दावा किया है कि 'रूस की वैक्‍सीन ट्रायल में सफल रही है. रूस रक्षा मंत्रालय और गमलेया नैशनल सेंटर फॉर रिसर्च द्वारा तैयार वैक्‍सीन के क्लिनिकल ट्रायल में 100 फीसदी सफल परिणाम मिले हैं. अब अक्‍टूबर में रूस में बडे पैमाने पर लोगों के टीकाकरण काम काम शुरू होगा. वैक्‍सीन को लगाने में आने वाला पूरा खर्च रूस की सरकार उठाएगी.'  इतना ही नहीं...

11 अगस्त का कोर्ट का फैसला गहलोत सरकार को देगा झटका या बसपा को, पायलट कैम्प की धड़कनें बढ़ी

जयपुर. राजस्थान की सियासत में हर रोज कुछ ना कुछ नया देखने को मिल रहा है. बड़ी बात यह है कि सियासी उठापटक के बीच कभी पायलट के खेमा कमजोर दिखता है तो कभी अशोक गहलोत खेमा. दोनों ही टीमों के अलावा बीजेपी इस त्रिकोणीय मुकाबले में पूरे राजनीतिक मैच को रोमांचक बनाए है. इस बीच गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) विधायकों के केस को सिंगल बेंच के पास वापस भेज दिया. सिंगल बेंच में BSP की याचिका पर सुनवाई की जा रही थी, जिसमें मांग की गई थी कि BSP विधायकों के विलय पर स्थगन आदेश दिया जाए, क्योंकि यह अवैध था. अब सिंगल बेंच ही 11 अगस्त को तय करेगी कि BSP विधायकों के कांग्रेस में विलय पर स्थगनादेश दिया जाए या नहीं. BSP की याचिका के इस फैसले पर बहुत कुछ निर्भर करेगा कि किसका पलड़ा भारी होता है, गहलोत या पायलट खेमे का.   सुशांत सिंह राजपूत क...