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त्योंहारी मौसम में मिठाइयां खाते वक्त जरा सावधान, कहीं यह मिठास ना घोल दे जीवन में जहर

नई दिल्ली. दीपोत्सव के साथ ही बाजार में हजारों करोड़ का मिठाइयों का बाजार भी फल फूल रहा है. चमक धमक के साथ रंग बिरंगी ​मिठाइयों से बाजार अटे पड़े हैं. लेकिन त्योंहारी मौसम में मिठाइयों की मिठास के चक्कर में कहीं आपका स्वास्थ्य ना बिगड़ जाए इसका खास ध्यान रखें. खासकर बाजार में बिकने ​वाली मावे की मिलावटी और घटिया सामग्री से बनी रंग बिरंगी मिठाइयों से सावधान रहें. लोगों की जान से खिलवाड़ कर मिलावटी मिठाइयों के कारोबार से मुनाफा कमाने वाले कम नहीं हैं. राष्ट्रीय उपभोक्ता परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनंत शर्मा के मुताबिक ऐसा नहीं है कि सभी जगह आपके साथ बाजार में धोखा हो रहा हो लेकिन भारतीय बाजारों में सरकारी निगरानी, सख्त कानूनों के बावजूद मिलावट रूक नहीं रही है. त्योंहारों के वक्त मिठाइयों की डिमांड अचानक बढ़ जाती है और उसकी आपूर्ति संभव नहीं होती ऐसे में मिलावट का कारोबार बढ़ जाता है. दिव...

विशेष: गांधी जी एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि अपने आप में एक संस्था

गांधीजी एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि अपने आप में एक संस्था व युग दृष्टा थे। गांधी जी के विचार इतने गहन थे कि शायद उस समय उनके विचारों का महत्व हम नहीं समझ पाए वरना आज विश्व जिन समस्याओं का सामना कर रहा है उसकी नौबत नहीं आती। आज विश्व दो बड़ी समस्याओं से जूझ रहा है। पहली बेरोजगारी और दूसरी पर्यावरण संरक्षण। दोनों ही समस्याओं का समाधान गांधी जी की विचारधारा में मौजूद है, दुर्भाग्य है कि गांधीजी के विचारों को हमने महत्व नहीं दिया। श्रम के महत्व पर उनका बहुत बल था।शिक्षा भी ऐसी होनी चाहिए जो श्रम आधारित,हस्तशिल्प आधारित हो जैसे बागवानी ,चरखा चलाना, लकड़ी के कार्य (कार्पेंट्री), मृदा के शिल्प आदि। बच्चे हस्तकला के माध्यम से भाषा, गणित व सामाजिक विज्ञान सीख जाते हैं। हस्त कार्य, आत्मा व मस्तिष्क के बीच समन्वय आवश्यक है। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो इन तीनों में संतुलन रख सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2...

World Heart Day: आपका शरीर दे रहा है यह 7 संकेत? तो तुरंत हो जाएं सावधान, हो सकता है हार्ट अटैक

आज की भागदौड भरी जिंदगी में हम कई बार अपने शरीर की अनदेखी करते हैं. कई बार शरीर में होने वाले परिवर्तन छोटे छोटे संकेतों के जरिए हमें बडे रोगों की आशंकाओं को लेकर आगाह करते हैं लेकिन हम लापरवाही में इन पर ध्यान नहीं देते. ऐसी ही एक बड़ी लापरवाही सामान्तया हार्ट अटैक में भी देखी जाती है. जिस पर हमें समय रहते ध्यान देने की जरूरत होती है. पर लापरवाही या जानकारी के अभाव में हम शरीर के इन संकेतों को अनदेखा कर देते हैं और यही हम पर भारी पड़ता है. ऐसे में आपको ​यदि इन 7 में से कोई भी एक संकेत मिले तो तुरंत सावधान हो जाएं, वरना यह जानवाले हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं. 1: नसों में फुलाव शरीर की नसें यदि फूल रही हों या फिर पैर के पंजे और टखने में सूजन दिखाई दे तो फौरन डॉक्टर से सम्पर्क करें. यह हार्ट अटैक आने से पहले का संकेत हो सकता है. यह बताता है कि दिल सही तरीके से शरीर में खून की सप्...

राजस्थान सरकार के इस अधिकारी ने 10 मिनट में करा दी 7 कोर्ट मैरिज, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हुआ नाम दर्ज

जयपुर. अक्सर सरकारी अधिकारियों पर काम में लापरवाही और ढिलाई के आरोप लगते आए हैं, और सरकारी सिस्टम की सुस्ती पर भी सवाल उठते रहे हैं. लेकिन इस बात को गलत साबित करते हुए राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ने ना केवल भारत के अधिकारियों को अपने काम की गतिशीलता के मामले में पछाड़ा बल्कि उनके जितना तेजी से दुनिया में कोई भी अधिकारी सरकारी काम को अब तक निपटा नहीं पाया, जिसके चलते उन्होंने विश्व रिकॉर्ड बना डाला है. इंडिया हेल्थ: अच्छे स्वास्थ्य के लिए अजवाइन के ये 7 रामबाण फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी पंकज ओझा ने 10 मिनट में करा दी 7 कोर्ट मैरिज करा कर यह विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करवाया है. पंकज ओझा ने 4 जनवरी 2019 को कोटा एडीएम सिटी और मैरिज रजिस्ट्रार रहते हुए यह विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया था. वर्ल्ड  बुक ऑफ रिकॉर्ड, लंदन द्वारा यह र...

शिक्षक दिवस विशेष: बच्चों के भविष्य निर्माण में शिक्षक की मर्यादाएं अहम

"भारत का भविष्य उसकी कक्षाओं में आकार लेता है" । डॉ डी. एस.कोठारी का यह उद्धरण आज भी प्रासंगिक है। यह गौरवान्वित करने वाली अनुभूति है कि शिक्षक का पद इतना सम्माननीय है कि पूरा देश शिक्षक दिवस के रूप में आयोजित करता है। डॉक्टर, इंजीनियर, वकील आदि सभी शिक्षकों के हाथों मढ़े जाते हैं। यह सर्वविदित है कि पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन के जन्मदिवस 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। जब राधाकृष्णन राष्ट्रपति बने तो उनके छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी, इस पर राधाकृष्णन ने कहा कि यदि मेरा जन्मदिन मनाना ही है तो शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाए ,तब से आज तक प्रतिवर्ष 5 सितंबर को यह दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। भिन्न-भिन्न संस्थाओं में इसे भिन्न-भिन्न तरीके से आयोजित किया जाता है। कई संस्थाओं में छात्र स्वयं एक दिन के लिए शिक्ष...

भगवान ही बचाए ऐसी नर्स से, 8 हजार 600 लोगों को गुमराह कर कोरोना की जगह लगा दी नमक के पानी की वैक्सीन

एक ओर जहां कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए दुनिया भर में लंबी कतारें देखी जा रही है और लोग आंख बंद करके मेडिकल स्टाफ के भरोसे यह वैक्सीन लगवा रहे हैं वहीं दूसरी ओर जर्मनी में एक अजीब ही मामला सामने आया है. जहां कोरोना वैक्सीन के प्रति एक नर्स में इतनी नफरत थी कि उसने कोरोना वैक्सीन तो लगाई ही नहीं बल्कि उसकी जगह नमक के पानी की वैक्सीन लगा दी. यह कोई मजाक नहीं है बल्कि सच है. जर्मनी (Germany) के रेड क्रॉस अस्पताल (Red Cross Hospital) का यह मामला है. यहां एक नर्स लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए इस कारनामे को अंजाम दिया. इस नर्स को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) से इतनी नफरत थी कि उसने करीब 8 हजार 6 सौ लोगों को वैक्सीन की जगह सलाइन सॉल्यूशन (Vaccine Solution) का इंजेक्शन लगा दिया. पर जैसे ही इसका खुलासा हुआ तो अस्पताल से इंजेक्शन लगवाने वाले लोगों के होश उड़ गए. उधर अस्पताल ने इस म...

अब खत्म होगा सचिन पायलट का वनवास! राजस्थान कांग्रेस के लिए 'सुलह का फॉर्मूला' तैयार, किसी भी वक्त सामने आ सकते हैं नतीजे

नई दिल्ली/जयपुर (आलोक शर्मा). पंजाब कांग्रेस में विवाद खत्म करने और कांग्रेस को नुकसान से बचाने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाने के निर्णय के बाद अब बारी राजस्थान की है. मानेसर काण्ड के बाद अब सचिन पायलट का वनवास खत्म होने वाला है. पंजाब की तर्ज पर ही अब राजस्थान के लिए भी एक सुलह का फॉर्मूला तैयार कर लिया गया है. पायलट के साथ ही उनके खेमे के लिए भी CM अशोक गहलोत को साथ लेकर एक 'मास्टर प्लान' भी तैयार किया गया है. ताकि पायलट के मन में इस बात को लेकर नाराजगी ना रहे कि उनकी टीम की अनदेखी की गई.  सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को विश्वास में लेकर अब मानेसर काण्ड को भूल जाने का भी आग्रह किया है और पायलट के प्रति जो राजनीतिक नाराजगी गहलोत के मन में है उसे बुरा सपना मानकर फिलहाल भूलकर आगे बढने को कहा गया है. यही बात प...

क्या कोविड-19 वैक्सीन से प्रजनन क्षमता पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है? बूस्टर डोज क्या है? पढें वैक्सीनेशन से जुड़ी और भी कई शंकाओं के जवाब

नई दिल्ली. क्या कोरोना वैक्सीन से प्रजनन क्षमता पर कोई नकारात्मक असर पड़ता है? यह सवाल सबके मन में घर किया हुआ है और लोग जाने अंजाने में इस तरह की अफवाहों के चक्कर में वैक्सीनेशन से अभी भी दूरी बनाए हुए हैं. इन सबके बीच The National Technical Advisory Group on Immunisation in India (NTAGI) में कोविड-19 कार्य समूह के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा द्वारा कोविड-19 टीकाकरण पर सामान्य प्रश्नों के जवाब दिए और उन्होंने साफ कहा कि कोविड वैक्सीन से प्रजनन क्षमता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता.  सवाल. क्या वैक्सीन से प्रजनन क्षमता पर कोई असर पड़ता है? जवाब. जब पोलियो वैक्सीन आई थी और भारत तथा दुनिया के अन्य भागों में दी जा रही थी, तब उस समय भी ऐसी अफवाह फैली थी। उस समय भी यह गलतफहमी पैदा की गई थी कि जिन बच्चों को पोलियो वैक्सीन दी जा रही है, आगे चलकर उन बच्चों की प्रजनन क्ष...

जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा विकसित करने में राजस्थान बना  देश का पहला राज्य, कोरोना के खिलाफ होगा यह फायदा

जयपुर। राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा प्रारम्भ कर दी गई है। राज्य स्तर पर टोटल जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा उपलब्ध होने की दृष्टि से राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है।  कोविड-19 की रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुये प्रदेश में जिनोम सिक्वेन्सिंग की यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जिनोम सिक्वेन्सिंग की तकनीक से वॉयरस के नये वेरियेन्ट के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकेगी। एसएमएस मेडिकल कॉलेज में करीब 1 करोड रूपये व्यय कर जिनोम सिक्वेन्सिंग की व्यवस्था प्रारम्भ की गई है।  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि जिनोम सिक्वेन्सिंग के लिये अब तक प्रदेश से सेम्पल केन्द्र सरकार की इण्डियन कौसिंल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा राजस्थान के लिये निर्धारित दिल्ली स्थिति आईजीआईबी लैब में भिजवाये जा रहे थे। प्रदेश से प्रतिदिन 10...

वैक्सीनेशन को गति देने और कम से कम वेस्टेज के लिए अब राजस्थान सरकार इस मास्टर प्लान पर करेगी काम

जयपुर। कोविड टीकाकरण को आवश्यक गति प्रदान करने और कम से कम वेस्टेज सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान सरकार ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के साथ चिकित्सा संस्थानों व अन्य के लिए विशेष गाइडलाइन जारी की गई है.  प्रदेश में सुगम, सुचारू एवं समयबद्ध कोविड टीकाकरण हेतु जिला स्तर पर सत्र स्थलों का चयन, प्रचार प्रसार पर्याप्त वेक्सीन स्टॉक की उपलब्धता, सुरक्षा व्यवस्था हेतु पर्याप्त स्वयंसेवकों की तैनातगी एवं पर्याप्त मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए दिशा निर्देशों लबरेज एक मास्टर प्लान जारी किया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निर्देश - राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार जिले में वेक्सीन की उपलब्धता के दृष्टिगत ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतवार ऑफलाईन टीकाकरण कैम्प आयोजित किये जावे। - ऐसी ग्राम पंचायतें जिनका भौगोलिक क्षेत्रफल अधिक है तथा ग्राम पंचायत मुख्यालय से अन्...