गहलोत को सबक सिखाने के लिए सही समय का इंतजार कर रही थी: मायावती, कही यह 10 बड़ी बातें


जयपुर. राजनीति मौका परस्त होती है और हर परिपक्व राजनेता हमेशा सही समय का इंतजार अपने राजनीतिक दुश्मनों को ठीकाने लगाने के लिए करता है. ऐसी ही बानगी इस वक्त राजस्थान की सियासत में देखने को मिल रही है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी जंग में अब बसपा ने भी ताल ठोक दी है.

इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और साफ कहा है कि उनके जिन छह विधायकों को कांग्रेस में असवैंधानिक और अनैतिक तरीके से कांग्रेस में शामिल किया गया उस कांग्रेस को अब इसका सबक जरुर सीखाया जाएगा. मंगलवार सुबह मीडिया से मुखातिब होत हुए मायावती ने अपने इरादे साफ कर दिए कि वो इस मौके पर अपना बदला लेने में कहीं पीछे नहीं रहने वालीं.

 

मायावती ने कही 10 बड़ी बातें:


1- 26 जुलाई को हमने राजस्थान में अपने छह बसपा विधायकों को व्हिप जारी करके साफ कहा कि वो सदन में यदि फ्लोर टेस्ट होता है कांग्रेस की गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करेंगे और यदि ऐसा नहीं करेंगे तो उनकी विधायकी रद्द करवाने की कार्रवाई की जाएगी.


2- हम अब इस लड़ाई को पूरी तरह से लड़ने के लिए तैयार हैं, अब राजस्थान में सरकार रहती है या नहीं रहती है इसका पूरा दोष कांग्रेस और मुख्यमंत्री गहलोत का ही होगा.


3- राज्यसभा चुनाव से पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त और विधानसभा के रिटर्निंग ऑफिसर को हमने अपनी आपत्ति दर्ज करा दी थी लेकिन इन छह विधायकों पर कोई निर्णय नहीं होने के कारण हमें कोर्ट की शरण लेनी पड़ रही है.


4- हमारे पास इस पूरे घटनाक्रम के बीच कोर्ट में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.


5- वैसे बीएसपी पहले ही कोर्ट में जा सकती थी लेकिन कांग्रेस को खासतौर पर अशोक गहलोत को इसका सबक सीखाने के लिए हम सही समय का इंतजार कर रहे थे और इसलिए हम पीछे हटने वाले नहीं.


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6- इस मामले को हम किसी भी सूरत में ठंडा नहीं पडने देंगे, सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे.


7- हमने इस बार तय कर लिया है कांग्रेस जो बार-बार असवैंधानिक कार्य कर रही है उसका सबक जरुर सीखाएंगे.


8- गहलोत सरकार का यह बयान काफी हास्यासपद है कि वो बागी हुए विधायकों के लिए कह रहे हैं कि उनके विधायक चोरी हो गए हैं जबकि कि इन्होंने स्वयं इस कार्य को किया जिसको यह चोरी कहते हैं.


9- जब यह कार्य असवैंधानिक होने के साथ-साथ अनैतिक भी था, बावजूद इसके गहलोत ने बीएसपी के छह विधायकों को साथ देने के बावजूद कांग्रेस में शामिल किया.


10- यह कार्य असवैंधानिक और अनैतिक इस लिहाज से भी है क्योंकि जनता ने कांग्रेस प्रत्याशी को हराते हुए बीएसपी को वोट दिया था, खुद गलत काम करते हैं, और हम पर आरोप लगाते हैं.