कोरोना संकटकाल में इस युवा ने बना दी देश की पहली e-कक्षा, 1 करोड़ 70 लाख बच्चों पढाने उनके घर ऑनलाइन पहुंच रहे हैं शिक्षक


जयपुर. जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता का मूल मंत्र है व्यक्ति की दढ इच्छा शक्ति, अटूट विश्वास और एकनिष्ठ प्रयास. सफलता का इतिहास लिखने वाले सभी व्यक्तियों ने इसी गुण के बल पर महान सफलताएं अर्जित की हैं. और उन्नति के महान शिखरों पर आरुढ हुए हैं. ऐसा ही एक ताजा उदाहरण पेश किया है राजस्थान के एक युवा जिनेन्द्र सोनी ने. जहां कोरोना संकटकाल और लॉकडाउन के बीच लोग निराशा के वातावरण में जी रहे थे, भयभीत थे, कुछ नया करने से कतरा रहे थे, शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ठप थी, ऐसी तमाम बाधाओं के बीच जिनेन्द्र सोनी वो युवा थे जिन्होने ना केवल देश को इस संकटकाल में भी कुछ नया देने की ठानी, बल्कि करोड़ों बच्चों की स्कूली शिक्षा और पढाई खराब ना हो इस लिहाज से कुछ नया करने का संकल्प लिया. और दो माह के अपने दिन-रात के प्रयासों, फौलादी इरादों से वो काम कर दिखाया जो संकटकाल की इस घडी की सबसे बडी डिमांड बन गया.

 

जिनेन्द्र को लगा आज कोरोना संकट से पढाई बर्बाद हो गई तो कल को कोई और वायरस या आपदा आएगी और बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा. इसी समस्या से निपटने के लिए जिनेन्द्र ने देश का पहला डिजिटल e-कक्षा प्रोजेक्ट तैयार किया है. सबसे पहले राजस्थान राज्य से इसकी शुरुआत की है. जिसमें एक एप Mission Gyan या यूट्यूब चैनल Ekaksha और वेबसाइट लिंक के मार्फत RBSE व CBSE कक्षा 6 से 12 का पूरा पाठ्यक्रम बहुत ही रोचक और सरल अंदाज में बच्चों को पढाया जा सकेगा. इसके लिए बच्चों को ना तो कक्षा में आने की जरुरत है, ना ही किसी समय विशेष पर इससे जुड़ने की. जब चाहें, जहां चाहें, मोबाइल या लेपटॉप, TV सेट को ऑन करें और आपको टीचर लेसन पढाना स्टार्ट कर देंगे.

 

ऑडियो-वीडियो माध्यम से तैयार किए गए इस पाठयक्रम को पढाने के लिए पचास से ज्यादा एक्सपर्ट टीचर्स के-कक्षा की टीम में शामिल हैं. बडी बात यह है कि यदि आपके पास इंटरनेट नहीं है तो आप अपने जरुरत के मुताबिक पाठयक्रम डाउनलॉड कर लें और जब चाहें ऑफलाइन भी इसे पढ सकते हैं. वरिष्ठ एवं अनुभवी शिक्षकों द्वारा डिजिटल पढ़ाई के लिए प्रथम चरण में राजस्थान के 1 लाख 3 हजार स्कूलों में ऑनलाइन पाठयक्रमों की e-Library भी बनाई गई है. जिसका लाभ करीब 1 करोड 70 लाख स्टूडेंटस को मिल सकेगा. ग्राम पंचायतों में TV DISPLAY के मार्फत भी बच्चों को पढाई कराई जा सकेगी.

बडी बात यह है कि कक्षा 6th से 12th तक के छात्रों की फ्री एजुकेशन के लिए जिनेन्द्र सोनी के मिशन ज्ञान अभियान को राज्य सरकार ने भी सराहा है. और अब इसके तहत केयर्न आयल एंड गैस वेदांता लिमिटेड और राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग के साथ मिलकर इस e-कक्षा कार्यक्रम की शुरूआत की है.

मिशन ज्ञान ट्रस्ट के प्रबंध निदेशक जिनेन्द्र सोनी का कहना है कि e-कक्षा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान (आरबीएसई) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के विद्यार्थियों को मुफ्त एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करना है. इस कार्यक्रम से ग्रामीण शिक्षा प्रणाली में डिजिटल परिवर्तन लाना संभव हो सकेगा. यह कार्यक्रम डिजिटल प्लेटफार्म के ज़रिये पूरे देश के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध रहेगा.

यूट्यूब चैनल (RBSE E -Kaksha), मोबाइल एप (Mission Gyan) और वेबसाइट के ज़रिए सभी विषयों के वीडियो छात्रों को उपलब्ध कराये जायेंगे. इस कार्यक्रम के तहत 6 लाख सरकारी शिक्षकों की मदद से राज्य के 33 जिलों में 1 .70 करोड़ छात्रों को लाभ होगा. सोनी का उद्देश्य भविष्य में इस मिशन को पूरे देश में आगे बढाना है ताकि गरीब और सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी अच्छी गुणवत्तायुक्त हाईटेक शिक्षा मिल सके.