India

कौन हैं राजघराने के गौरवी कुमारी और महाआर्यमन सिंधिया जिनके विवाह के चल रहे चर्चे?

मध्यप्रदेश/राजस्थान. देश के दो बड़े राजपरिवारों में जल्द एक नया संबंध बनने के चर्चे मीडिया में हैं. जयपुर के कच्छवाहा (कुशवाहा) और मध्यप्रदेश के सिंधिया परिवारजनों के बीच मिलन की खबरें हैं. जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महाआर्यमन सिंधिया और दीया कुमारी की बेटी गौरवी कुमारी के विवाह संबंध की बातें चल रही हैं. पूर्व महाराजा कर्ण सिंह को इस संबंध को कराने का सूत्रधार बताया जा रहा है. हालांकि यह पुष्ट खबर नहीं है लेकिन ऐसा होता है तो दो बडे सम्मानित सियासी और राजशाही परिवारों के मध्य एक नया रिश्ता कायम होगा. जानकार मानते हैं यदि यह रिश्ता होता है तो दोनों ही परिवारों के लिए इससे बड़ी खुशी और गर्व की बात हो नहीं सकती.   कौन हैं गौरवी कुमारी, 10 फैक्ट?    1- गौरवी जयपुर राजघराने की बेटी दीया कुमारी और नरेंद्र सिंह की बेटी हैं. वो न्यूयॉर्क में पढ़ाई कर रही हैं...

राधा स्वामी डेरा ब्यास के प्रमुख की पत्नी शबनम ढिल्लों का निधन, शोक की लहर

ब्यास (पंजाब): राधा स्वामी डेरा ब्यास के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लो की पत्नी शबनम ढिल्लों का लंदन में आज निधन हो गया. पेट की बीमारी से ग्रसित शबनम इलाज के लिए इंग्लैंड गई हुई थीं जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर से ना केवल डेरा प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई, बल्कि दुनियाभर में राधा स्वामी सत्संग से जुड़ी संगत में शोक देखने को मिल रहा है. लंदन के बेडफ़ोर्ड अस्पताल में आखिरी सांस ली. उन्हे बचाने के हर संभव प्रयास भी चिकित्सकों की विशेष टीम द्वारा किए गए लेकिन सारे प्रयास असफल रहे. पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी, जिसके कारण इलाज के लिए उन्हें वहां ले जाया गया था. भारत में भी शबनम का इलाज चल रहा था लेकिन तबीयत में सुधार ना होने पर लंदन ले जाया गया था.  जानकारी के मुताबिक 12 नवम्बर को इलाज के लिए शबनम को लंदन ले जाया गया था. 20 नवम्बर को उनकी एब्डोमिनल सर्जर...

शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी का याराना नया नहीं बहुत पुराना है! 10 फैक्ट से समझिए आखिर कैसे?

महाराष्ट्र (सुभद्र पापड़ीवाल). क्या शिवसेना,एनसीपी और कांग्रेस का मेल सिर्फ मौका परस्ती का गठबंधन है! यह सवाल आज सबके जहन में है. या इन दलों के बीच सच में कुछ दशकों पुरानी गहरी जड़ें भी हैं जो आज संकट की घडी में महाराष्ट्र की महाभारत में साथ नजर आ रहे हैं. सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या हिंदुत्व का विषय शिवसेना के जन्म और अंतरात्मा से जुड़ा है अथवा यह उनके लिए एक प्रोडक्ट की मार्केटिंग मात्र है. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच पॉलिटिकल कैमैस्ट्री के दस रोचक तथ्य आपको बताएं उससे पहले जरा यह भी जान लें कि अपने उग्र हिंदुवादी तेवरों के लिए जानी जाने वाली शिव सेना को कांग्रेस के साथ गठबंधन में भी परहेज क्यों नहीं है. जब तक शरद पवार कांग्रेस में रहे तब भी बाला साहब ठाकरे को कांग्रेस से परहेज नहीं था, और कांग्रेस छोडकर एनसीपी बनाने के बाद भी परहेज नहीं रहा. ज्यादा पुराने इतिहास पर जाने...

राजस्थान निकाय चुनाव: 37 निकाय आए कांग्रेस के हाथ में, तो 12 पर खिला 'कमल', यहां पढ़ें, कहां किसने बाजी मारी

जयपुर (राजस्थान). राजस्थान में स्थानीय निकाय चुनावों की तस्वीर साफ हो चुकी है. खास बात यह रही कि देशभर में एक तरफ जहां संविधान दिवस मनाया जा रहा था और संविधान की रक्षा की शपथ ली जा रही थी ठीक उसी वक्त राजस्थान में निकाय चुनावों की साम, दाम, दण्ड, भेद की हर नीति का इस्तेमाल कर हर दल अपना-अपना निकाय प्रमुख बनाने में जुटे थे. जहां पार्षदों के चुनाव परिणाम में 20 ही जगह पर कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला था वहां कांग्रेस बावजूद इसके कांग्रेस 37 जगह अपने बोर्ड बनाने में सफल रही, वहीं भाजपा 6 जगह ही स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी 12 निकायों में बोर्ड बना डाले. एक जगह निर्दलीय अध्यक्ष बना तो वो भी जीत के बाद कांग्रेस में शामिल हो गया.  गौरतलब है कि राजस्थान में गत 16 नवम्बर को 49 निकायों में स्थानीय सरकार के लिए चुनाव हुए थे. इस चुनाव की मतगणना गत 19 नवंबर को हुई थी और...

70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले के आरोपी अजित पवार को ACB से क्लीन चिट

'सियासत की अपनी अलग इक जुबां है, लिखा हो जो इक़रार, इनकार पढ़ना' महाराष्ट्र. कभी एक दूसरे के नम्बर वन राजनीतिक दुश्मन बने देवेन्द्र फडनवीस और एनसीपी के अजित पवार आज इतने करीबी हैं कि हर कोई दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर है. यही कारण है कि एनसीपी नेता अजित पवार बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर महाराष्ट्र के नए-नवेले उप मुख्यमंत्री बने तो 70 हजार करोड के सिंचाई घोटाले के आरोपी अजित पवार को ACB से क्लीन चिट भी मिल गई बताए. कांग्रेसी इसे बीजेपी के प्रति वफादारी और जनादेश के साथ धोखे की पहली किश्त बता रहे हैं. बड़ी बात यह है कि जो फडनवीस कहते थे कि 'अजित पवार को जेल में डालेंगे, अब उन्हीं पवार साहब को क्लीन चिट मिल गई.' पवार पर महाराष्ट्र में राजनेताओें, नौकरशाहों और कॉन्ट्रैक्टर्स की मिलीभगत से 1999 से 2009 के बीच कथित तौर पर 70 हजार करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले...

महाराष्ट्र की सियासत में अब आगे क्या होने वाला है? 10 फैक्ट से समझिए

महाराष्ट्र (सुभद्र पापड़ीवाल). राजनीति संभावनाओं का खेल है. और यहां बाप बड़ा है ना भैया सबसे बड़ा रुपैया का गेम चलता है. शायद इसीलिए कहा जाता है यह लोकतंत्र की सड़कें हैं इन पर जरा संभल कर चलिए कब आपके साथ क्या हादसा हो जाए पता नहीं. जो चीज आपको दूर से बहुत बेहतर नजर आ रही हो बाद में पता चलता है वही सबसे बड़ी मृग मरीचिका थी. ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र की राजनीति में देखने को मिला जहां बीजेपी को मुख्यमंत्री की रेस से लोगों ने बाहर समझ लिया था वहीं मोदी और अमित शाह के मास्टर स्ट्रोक ने राजनीति का सबसे बड़ा खेल करके ना केवल खुद को साबित कर दिया, बल्कि यह भी साबित कर दिया की राजनीति में इस दिग्गज जोड़ी का कोई मुकाबला नहीं. इसे 'पॉलिटिकल सर्जिकल स्ट्राइक' कहा जाए तो कम नहीं होगा. अब यह समझना बहुत जरूरी है क्या आगे क्या होने वाला है. क्योंकि किसी ने खूब कहा है कि 'सियासत की अपनी अलग इक जु...

'महाराष्ट्र की महाभारत' के वो 10 बारीक दाव पेंच जो जानना जरुरी है

महाराष्ट्र/नई दिल्ली. विधानसभा चुनावों के बाद महाराष्ट्र की महाभारत में Political Crisis का सबसे बड़ा उदाहरण देखने को मिला.चुनाव परिणाम से लेकर राष्ट्रपति शासन तक यहां देखने को मिला तो राजनीति में महत्वाकांक्षा और जनादेश के अपमान के बेहतर उदाहरण भी सामने आए. भारतीय लोकतंत्र का दुखद पक्ष भी यहां के राजनैतिक दलों ने पेश किया. जनादेश का अपमान, सिद्धांतों की तिलांजलि के बीच बनते बिगड़ते समीकरणों ने किसी बड़ी राजनीति आपदा का उदाहरण यहां पेश किया. इस बीच हर कोई जानना चाहता है कि आखिर महाराष्ट्र में चल क्या रहा है. देश के जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक सुभद्र पापड़ीवाल के नजरिए से समझिए 10 वो बड़ी बातें जो आपको महाराष्ट्र की राजनीति को समझने में मदद करेंगे.   महाराष्ट्र की राजनीति के 10 बारीक दाव पेंच?   1- कांग्रेस हमेशा यह चाहेगी कि सरकार नहीं बना सकने का आरोप उस पर नहीं ल...

क्या है वो 'कालापानी' विवाद, जिसे लेकर नेपाल ने दिखाई भारत को आंख?

भारत/काठमांडू. भारत ने हाल में नवगठित जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश को उनकी सीमाओं के साथ अपने नए नक्शे में दिखाया. नक्शे में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को नवगठित जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के हिस्से के रूप में जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान को लद्दाख के हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया गया है. नेपाल को इस मानचित्र के उस हिस्से से आपत्ति है, जहां विवादित कालापानी क्षेत्र को भारतीय सीमा में रखा गया है. नेपाल का दावा है कि कालापानी क्षेत्र नेपाल के दार्चुला जिले का हिस्सा है. दार्चुला नेपाल के सुदुरपश्चिम प्रोविंस का एक जिला है. नेपाल का कहना है कि कालापानी को लेकर भारत और नेपाल के बीच बातचीत जारी है लेकिन मसला अभी सुलझा नहीं है. इस बीच नेपाल ने भारत को आंख दिखाने की कोशिश की है. नेपाल में भारत के नए मानचित्र को लेकर विरोध-प्रदर्शन जोरों पर है. प्रधानमंत्री केपी ओली ने भी ...

अयोध्या में किसी और जगह मस्जिद मंजूर नहीं - AIMPLB, अयोध्या विवाद फिर जाएगा कोर्ट में

यूपी. AIMPLB को दूसरी जगह मस्जिद मंजूर नहीं है. अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर के हक में जाने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी जाएगी और उन्हें किसी और जगह मस्जिद मंजूर नहीं है. बोर्ड के सचिव मोहम्मद महफूज रहमानी ने कहा कि हम मस्जिद के बदले जमीन नहीं लेंगे. शरीयत के हिसाब से हमें ऐसा कोई हक नहीं है क्योंकि शरीयत के मुताबिक एक बार मस्जिद हो गई तो वो आखिरी तक मस्जिद होती है. रविवार को लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की बैठक में यह भी सर्वसम्मति से लिया गया कि राजीव धवन ही सुप्रीम कोर्ट में AIMPLB की तरफ से केस की पैरवी करेंगे. बोर्ड के सचिव मोहम्मद महफूज रहमानी ने कहा कि हमें वही जमीन चाहिए, जिसके लिए हमनें लड़ाई लड़ी थी. मस्जिद के बदले में मुसलमान कोई भी दूसरी जमीन नहीं लेंगे. हम दूसरी मस्जिद लेने सुप्रीम कोर्ट नहीं...

कुरकुरे के साथ बच्चे ने खिलौना खाया, बच्चे की मौत

नीमच, मध्यप्रदेश. सावधान हो जाएं. कुरकुरे में निकलने वाले खिलौने आपके बच्चे की कभी भी जान ले सकते हैं. ऐसा ही एक वाकया हुआ है मध्यप्रदेश के नीमच में, जहां तीन साल के मासूम बच्चे रोहित बंजारा ने अंजाने में कुरकुरे के साथ उसमें निकलने वाला खिलौना खा लिया. खिलौना बच्चे की आहार नली में अटक गया, जिसके कारण बच्चे को सांस लेने में लगातार तकलीफ हुई और उसकी मौत हो गई. इससे पहले मध्यप्रदेश के ही रीवा में भी सितम्बर माह में ऐसा ही एक वाकया सामने आया था. जिसमें आठ माह का मासूम बच्चा कुरकुरे खाते समय खिलौना भी निगल गया. खिलौना उसके गले में फंस गया, जिससे वह परेशान हो गया. यह देख परिजनों के होश उड़ गए है. इसके बाद उसको इलाज के लिए संजय गांधी चिकित्सालय लाया गया, जहां डॉक्टरों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद उसके गले में फंसा खिलौना निकालने में सफलता प्राप्त की. बच्चे की जान जाने से बमुश्किल बची. 2017 में...