70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले के आरोपी अजित पवार को ACB से क्लीन चिट


'सियासत की अपनी अलग इक जुबां है,

लिखा हो जो इक़रार, इनकार पढ़ना'

महाराष्ट्र. कभी एक दूसरे के नम्बर वन राजनीतिक दुश्मन बने देवेन्द्र फडनवीस और एनसीपी के अजित पवार आज इतने करीबी हैं कि हर कोई दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर है. यही कारण है कि एनसीपी नेता अजित पवार बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर महाराष्ट्र के नए-नवेले उप मुख्यमंत्री बने तो 70 हजार करोड के सिंचाई घोटाले के आरोपी अजित पवार को ACB से क्लीन चिट भी मिल गई बताए. कांग्रेसी इसे बीजेपी के प्रति वफादारी और जनादेश के साथ धोखे की पहली किश्त बता रहे हैं. बड़ी बात यह है कि जो फडनवीस कहते थे कि 'अजित पवार को जेल में डालेंगे, अब उन्हीं पवार साहब को क्लीन चिट मिल गई.'

पवार पर महाराष्ट्र में राजनेताओें, नौकरशाहों और कॉन्ट्रैक्टर्स की मिलीभगत से 1999 से 2009 के बीच कथित तौर पर 70 हजार करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले के आरोप थे. कई बार बीजेपी नेताओं ने अजित पवार पर इस घोटाले में आरोप भी लगाया. 28 नवंबर 2018 को महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पूर्व उप मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को 70 हजार करोड़ के कथित सिंचाई घोटाले में आरोपी ठहराया था. अजित पवार एनसीपी के उन मंत्रियों में शामिल रहे, जिनके पास महाराष्ट्र में 1999 से 2014 के दौरान कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार में सिंचाई विभाग का प्रभार था. मुंबई में ACB के तत्कालीन डीजी संजय बर्वे ने नागपुर हाइकोर्ट में एक हलफनामा देकर कहा था कि सिंचाई घोटाले के लिए पवार जिम्मेदार हैं. यह हलफनामा जनहित मंच की याचिका पर दाखिल किया गया. उसी एसीबी ने महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक उठापट के बीच पवार को यह क्लीन चिट दे दी.

हालांकि महाराष्‍ट्र एसीबी ने कहा है कि 'अजित पवार के खिलाफ आज कोई मामला बंद नहीं किया गया है और सिंचाई घोटाले से जुड़े करीब 3 हजार टेंडरों की भी जांच चल रही है.70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले से जुड़े 9 केस बंद किए हैं, लेकिन एक में भी अजित पवार का नाम नहीं था.'

'मुझे मत देखो यूं उजाले में लाकर,

सियासत हूं मैं कपडे नहीं पहनती'

माना जा रहा है कि अब अजित पवार दूसरी बार उप मुख्यमंत्री बने हैं. दिलचस्प बात है कि बीजेपी जब महाराष्ट्र में विपक्ष में थी तब से ही अजित पवार को सैकड़ों करोड़ के सिंचाई घोटाले में आरोपी बताकर घेरती रही. साथ ही MSCB घोटाला मामले में भी एनफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट ने NCP नेता शरद पवार और अजित पवार समेत 70 अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. कोर्ट ने माना था कि इन सभी आरोपियों को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी. शरद पवार और जयंत पाटिल समेत बैंक के अन्य डायरेक्टर के खिलाफ बैंकिंग और आरबीआई के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है. आरोपियों में बैंक की 34 शाखाओं के अधिकारी भी शामिल हैं. हाई कोर्ट के जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस एसके शिंदे की बेंच ने कहा था कि आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं. अब कांग्रेस का आरोप है कि इस मामले में भी अजित पवार को क्लिच चिट मिलना निश्चित हो गया है.

शिवसेना ने इस पूरे घटनाक्रम पर कहा कि 'यह एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने की कोशिश है'. समझा जाता है कि अजित पवार के खिलाफ सिंचाई घोटाले के मामले बंद होने को बड़ा मुद्दा बनाएगी. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी सिंचाई घोटाला मामले में अजित पवार पर सवाल उठाया था.

भाजपा नेता शाइना एनसी ने कहा कि यह मामला कोर्ट के समक्ष है और साक्ष्य साबित करेंगे कि कोई व्यक्ति दोषी है या नहीं. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि इस मामले को मौजूदा सरकार के साथ जोड़ने की जरूरत नहीं है. भाजपा यहां स्थिर सरकार देने के लिए है.'