अयोध्या में किसी और जगह मस्जिद मंजूर नहीं - AIMPLB, अयोध्या विवाद फिर जाएगा कोर्ट में


यूपी. AIMPLB को दूसरी जगह मस्जिद मंजूर नहीं है. अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर के हक में जाने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी जाएगी और उन्हें किसी और जगह मस्जिद मंजूर नहीं है. बोर्ड के सचिव मोहम्मद महफूज रहमानी ने कहा कि हम मस्जिद के बदले जमीन नहीं लेंगे. शरीयत के हिसाब से हमें ऐसा कोई हक नहीं है क्योंकि शरीयत के मुताबिक एक बार मस्जिद हो गई तो वो आखिरी तक मस्जिद होती है.

रविवार को लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की बैठक में यह भी सर्वसम्मति से लिया गया कि राजीव धवन ही सुप्रीम कोर्ट में AIMPLB की तरफ से केस की पैरवी करेंगे. बोर्ड के सचिव मोहम्मद महफूज रहमानी ने कहा कि हमें वही जमीन चाहिए, जिसके लिए हमनें लड़ाई लड़ी थी. मस्जिद के बदले में मुसलमान कोई भी दूसरी जमीन नहीं लेंगे. हम दूसरी मस्जिद लेने सुप्रीम कोर्ट नहीं गए थे. हम कोर्ट न्याय के लिए गए थे. पर्सनल लॉ बोर्ड ने कुल 10 बिंदुओं पर फैसले को लेकर सवाल उठाए और कहा फैसले में कई खामियां हैं. इसलिए पुनर्विचार याचिका दाखिल करना जरूरी है.

गौरतलब है कि 9 नवंबर को देश की सबसे बड़ी अदालत ने सबसे बड़े फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना. जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की विशेष बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया था. जिसके बाद AIMPLB ने इस आदेश का रिव्यू कर फैसले को सुप्रीम कोर्टमें चुनौति देने का फैसला किया.

उधर बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने बैठक का बहिष्कार करते हुए कहा कि 'अब इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएंगे'.

हिंदू महासभा के वकील वरुण सिन्हा ने कहा कि 'एआईएमपीएलबी (AIMPLB) इस मामले में पार्टी नहीं, इसलिए पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं कर सकता.'

राम जन्मभूमि के पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि 'पुनर्विचार याचिका का कोई औचित्य नहीं, सामान्य मुसलमान फैसले से खुश'.