राजस्थान निकाय चुनाव: 37 निकाय आए कांग्रेस के हाथ में, तो 12 पर खिला 'कमल', यहां पढ़ें, कहां किसने बाजी मारी


जयपुर (राजस्थान). राजस्थान में स्थानीय निकाय चुनावों की तस्वीर साफ हो चुकी है. खास बात यह रही कि देशभर में एक तरफ जहां संविधान दिवस मनाया जा रहा था और संविधान की रक्षा की शपथ ली जा रही थी ठीक उसी वक्त राजस्थान में निकाय चुनावों की साम, दाम, दण्ड, भेद की हर नीति का इस्तेमाल कर हर दल अपना-अपना निकाय प्रमुख बनाने में जुटे थे. जहां पार्षदों के चुनाव परिणाम में 20 ही जगह पर कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला था वहां कांग्रेस बावजूद इसके कांग्रेस 37 जगह अपने बोर्ड बनाने में सफल रही, वहीं भाजपा 6 जगह ही स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी 12 निकायों में बोर्ड बना डाले. एक जगह निर्दलीय अध्यक्ष बना तो वो भी जीत के बाद कांग्रेस में शामिल हो गया.

 गौरतलब है कि राजस्थान में गत 16 नवम्बर को 49 निकायों में स्थानीय सरकार के लिए चुनाव हुए थे. इस चुनाव की मतगणना गत 19 नवंबर को हुई थी और इसके परिणाम में कांग्रेस को 20 स्पष्ट और 9 निकायों में भाजपा से बढ़त हासिल थी, वहीं भाजपा को 6 निकायों में स्पष्ट बहुमत और 9 निकायों में कांग्रेस के मुकाबले बढ़त हासिल थी. 5 निकायों में निर्दलियों को बढ़त थी. इस तरह 23 निकायों में निर्दलियों पर सब कुछ निर्भर था.

 

नतीजों से जुड़े 10 (TEN) फैक्ट

1- तीन में से दो निगमों उदयुपर और बीकानेर में भाजपा एक बार फिर अपना बोर्ड बनाने में सफल रही. उदयुपर में पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत था और वहां जीएस टांक महापौर बने. बीकानेर में पार्टी के पास बढ़त थी और वहां सुशीला कंवर महापौर बनने में सफल रहीं. भरतपुर में कांग्रेस के अभिजीत कुमार महापौर बने.

2- भरतपुर में भाजपा के पास कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा पार्षद थे, लेकिन महापौर कांग्रेस का बना. यहां 51 वोट लेकर कांग्रेस के अभिजीत कुमार ने महापौर पद पद कब्जा जमाया, जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ 18 पार्षद थे, भाजपा के 22 और निर्दलीय भी 22 थे. ऐसे में निर्दलियों और भाजपा के भी कई पार्षदों की क्राॅस वोटिंग से कांग्रेस ने यहां अपना बोर्ड बना लिया.

3- मंगलवार को 46 निकायों में निकाय प्रमुख के चुनाव हुए थे क्यों​कि तीन निकायों में पहले ही निर्विरोध निर्वाचन हो चुका था. पहले निर्विरोध निवार्चन वाले तीनों निकायों पर कांग्रेस का कब्जा हो चुका है. निंबाहेड़ा, मकराना में निर्विरोध कांग्रेस प्रत्याशी जीते थे. रूपवास में भाजपा समर्थित निर्दलीय ने निर्वरोध निर्वाचन के तत्काल बाद कांग्रेस का दामन थामा था.

4- दो निकायों नसीराबाद और छबड़ा में लाटरी डालकर फैसला हुआ. एक में बीजेपी और एक में कांग्रेस समर्थित को जीत मिली है. नसीराबाद में कांग्रेस समर्थित निर्दलीय के नाम निकली लाटरी छाबड़ा में बीजेपी के पक्ष में लाटरी निकली.

5- छबडा में भाजपा की किस्मत ने साथ दिया. यहां नगरीय निकाय में कांग्रेस के पास भाजपा से लगभग दोगुने पार्षद थे, लेकिन अध्यक्ष भाजपा का बना. हालांकि यहां लाॅटरी से फैसला करना पडा, क्योंकि दोनों दलों को बराबर वोट मिले थे.

6- नसीराबाद में कांग्रेस का बोर्ड बना, लेकिन यहां भी लाॅटरी से फैसला हुआ.

7- मंगलवार को मतदान के दिन दल अपने अपने खेमे के पार्षदों को एक साथ लाए और वोट डलवा कर वापस ले गए. दरअसल अगले ही दिन उपाध्यक्ष का भी चुनाव होना था. ऐसे में उस पद पर कब्जे के लिए भी खींचतान होनी लाजमी थी.

8- हनुमानगढ़ में भाजपा को स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी हाथ धोना पडा. मेयर पद भाजपा से कांग्रेस ने छीन लिया.

9- रूपवास में निर्विरोध चुनाव हुआ था और भाजपा के सिम्बल पर अध्यक्ष बनी पार्षद जीत के तुरंत बाद कांग्रेस में चली गई.

10- जैसलमेर नगर परिषद के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को शिकस्त देते हुए निर्दलीय प्रत्याशी हरिवल्लभ कल्ला सभापति चुने गए हैं. कल्ला को 19 वोट मिले हैं जबकि कांग्रेस के कमलेश छंगाणी को 13 वोट, बीजेपी के विक्रमसिंह को 12 वोट मिले हैं.

 

 

'जनता भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा भांप चुकी है, 49 में से 37 निकायों में कांग्रेस का बोर्ड बनना सरकार की नीतियों पर जनता की मुहर है.'

-अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री राजस्थान

 

'इस चुनाव में राज्य सरकार की बडी भूमिका होती है और जनता के मानस सत्ताधारी दल के साथ होता है, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई. परिणाम के बाद सत्तारूढ दल ने अलवर, रूपवास और अन्य कई स्थानों पर इस चुनाव को पार्षदों की खरीद मंडी बना दिया. हिंसा भी हुई सरकार का और कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया.'

- सतीश पूनिया, प्रदेशायध्यक्ष, भाजपा 

 

निकाय क्षेत्र के पार्टीवार ​परिणाम

भरतपुर नगर निगम- अभिजीत कुमार (कांग्रेस)

बीकानेर नगर निगम- सुशीला कंवर (भाजपा)

उदयपुर नगर निगम- गोविन्द सिंह टांक (भाजपा)

ब्यावर नगर पालिका- नरेश कुमार (भाजपा)

पुष्कर नगर पालिका- कमल किशोर (भाजपा)

अलवर नगर परिषद- बीना गुप्ता (कांग्रेस)

भिवाड़ी नगर परिषद- शीशराम तंवर (कांग्रेस)

बांसवाड़ा नगर परिषद- जैनेंद्र त्रिवेदी (कांग्रेस)

छबड़ा नगर पालिका- कैलाश चंद जैन (भाजपा)

मांगरोल नगर पालिका- कौशल किशोर सुमन (कांग्रेस)

बाड़मेर नगर परिषद- दिलीप (कांग्रेस)

बालोतरा नगर परिषद- सुमित्रा देवी (भाजपा)

चित्तौड़गढ़ नगर परिषद- संदीप शर्मा (कांग्रेस)

निंबाहेड़ा नगर पालिका- सुभाष चन्द्र शारदा (कांग्रेस)

रावतभाटा नगर पालिका- दीपिका तिल्लानी (कांग्रेस)

चूरू नगर परिषद- पायल सैनी (कांग्रेस)

राजगढ़ नगर पालिका- रजिया (कांग्रेस)

गंगानगर नगर परिषद- करुणा चांडक (कांग्रेस)

सूरतगढ़ नगर पालिका ओमप्रकाश (कांग्रेस)

हनुमानगढ़ नगर परिषद गणेशराज बंसल (कांग्रेस)

जैसलमेर नगर परिषद- हरिवल्लभ कल्ला (निर्दलीय)

भीनमाल नगर पालिका- विमला (कांग्रेस)

जालौर नगर परिषद- गोविन्द (भाजपा)

बिसाऊ नगर पालिका- मुश्ताक अली (कांग्रेस)

झुंझुनूं नगर परिषद- नगमा बानो (कांग्रेस)

पिलानी नगर पालिका- हीरालाल नायक (कांग्रेस)

फलौदी नगर पालिका- पन्नालाल व्यास (कांग्रेस)

कैथून नगर पालिका- आइना महक (कांग्रेस)

सांगोद नगर पालिका- कविता सुमन (कांग्रेस)

डीडवाणा नगर पालिका रचना (कांग्रेस)

मकराना नगर परिषद- समरीन (कांग्रेस)

पाली नगर परिषद- रेखा भाटी (भाजपा)

सुमेरपुर नगर पालिका- उषा कंवर (भाजपा)

नीमकाथाना नगर पालिका- सरिता दीवान (कांग्रेस)

सीकर नगर परिषद- जीवन खान (कांग्रेस)

माउंट आबू नगर पालिका- जीतू राणा (कांग्रेस)

पिंडवाड़ा नगर पालिका- जितेन्द्र कुमार (भाजपा)

शिवगंज नगर पालिका- वजींगराम घांची (कांग्रेस)

सिरोही नगर परिषद- महेन्द्र कुमार मेवाड़ा (कांग्रेस)

आमेट नगर पालिका- कैलाश मेवाड़ा (कांग्रेस)

नाथद्वारा नगर पालिका- मनीष राठी (कांग्रेस)

टोंक नगर परिषद- अली अहमद (कांग्रेस)

उदयपुर कानौद नगर पालिका- चन्दा देवी मीणा (कांग्रेस)

नसीराबाद नगर पालिका- शारदा मित्तलवाल (कांग्रेस)

थानागाजी नगर पालिका- चैथमल सैनी (कांग्रेस)

प्रतापपुर गांधीनगर पालिका- दिलीप कुमार परमार (भाजपा)

रूपवास नगर पालिका - बबीता ( भाजपा )

महुआ नगर पालिका- नर्मदा देवी (कांग्रेस)

खाटूश्याम जी नगर पालिका- ममता मुंडोतिया (भाजपा)