Politics

भाजपा, आरएसएस और मोदी पर गहलोत ने किए कौनसे 10 बडे प्रहार? पूरी खबर पढें

जयपुर (राजस्थान). राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ ऐसी बातें कहीं जो विपक्ष का नागवार गुजरी तो विपक्ष को सचेत भी किया. राज्य विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे और अंतिम दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने भाषण में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने की सियासत में कोई कसर नहीं छोडी. विपक्ष में बैठी भाजपा ने भी गहलोत के भाषण पर चुटकी ली और कहा कि गहलोत ने 46 बार मोदी का नाम लिया और 26 बार कहा 'मोदी है तो मुमकिन है'. जिससे लगता है प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मोदी का खौफ है और मोदी जी के बिना उनकी सियासत नहीं चल सकती. संविधान दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष सत्र के दौरान महाराष्ट्र मामले पर भी बीजेपी की केन्द्र सरकार और महाराष्ट्र के राज्यपाल पर निशाना साधा. गहलोत ने मोदी है तो मुमकिन नारे को लेकर भी तंज कसे.   गहलोत की 10 बडी बातें ...

शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी का याराना नया नहीं बहुत पुराना है! 10 फैक्ट से समझिए आखिर कैसे?

महाराष्ट्र (सुभद्र पापड़ीवाल). क्या शिवसेना,एनसीपी और कांग्रेस का मेल सिर्फ मौका परस्ती का गठबंधन है! यह सवाल आज सबके जहन में है. या इन दलों के बीच सच में कुछ दशकों पुरानी गहरी जड़ें भी हैं जो आज संकट की घडी में महाराष्ट्र की महाभारत में साथ नजर आ रहे हैं. सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या हिंदुत्व का विषय शिवसेना के जन्म और अंतरात्मा से जुड़ा है अथवा यह उनके लिए एक प्रोडक्ट की मार्केटिंग मात्र है. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच पॉलिटिकल कैमैस्ट्री के दस रोचक तथ्य आपको बताएं उससे पहले जरा यह भी जान लें कि अपने उग्र हिंदुवादी तेवरों के लिए जानी जाने वाली शिव सेना को कांग्रेस के साथ गठबंधन में भी परहेज क्यों नहीं है. जब तक शरद पवार कांग्रेस में रहे तब भी बाला साहब ठाकरे को कांग्रेस से परहेज नहीं था, और कांग्रेस छोडकर एनसीपी बनाने के बाद भी परहेज नहीं रहा. ज्यादा पुराने इतिहास पर जाने...

राजस्थान निकाय चुनाव: 37 निकाय आए कांग्रेस के हाथ में, तो 12 पर खिला 'कमल', यहां पढ़ें, कहां किसने बाजी मारी

जयपुर (राजस्थान). राजस्थान में स्थानीय निकाय चुनावों की तस्वीर साफ हो चुकी है. खास बात यह रही कि देशभर में एक तरफ जहां संविधान दिवस मनाया जा रहा था और संविधान की रक्षा की शपथ ली जा रही थी ठीक उसी वक्त राजस्थान में निकाय चुनावों की साम, दाम, दण्ड, भेद की हर नीति का इस्तेमाल कर हर दल अपना-अपना निकाय प्रमुख बनाने में जुटे थे. जहां पार्षदों के चुनाव परिणाम में 20 ही जगह पर कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला था वहां कांग्रेस बावजूद इसके कांग्रेस 37 जगह अपने बोर्ड बनाने में सफल रही, वहीं भाजपा 6 जगह ही स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी 12 निकायों में बोर्ड बना डाले. एक जगह निर्दलीय अध्यक्ष बना तो वो भी जीत के बाद कांग्रेस में शामिल हो गया.  गौरतलब है कि राजस्थान में गत 16 नवम्बर को 49 निकायों में स्थानीय सरकार के लिए चुनाव हुए थे. इस चुनाव की मतगणना गत 19 नवंबर को हुई थी और...

70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले के आरोपी अजित पवार को ACB से क्लीन चिट

'सियासत की अपनी अलग इक जुबां है, लिखा हो जो इक़रार, इनकार पढ़ना' महाराष्ट्र. कभी एक दूसरे के नम्बर वन राजनीतिक दुश्मन बने देवेन्द्र फडनवीस और एनसीपी के अजित पवार आज इतने करीबी हैं कि हर कोई दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर है. यही कारण है कि एनसीपी नेता अजित पवार बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर महाराष्ट्र के नए-नवेले उप मुख्यमंत्री बने तो 70 हजार करोड के सिंचाई घोटाले के आरोपी अजित पवार को ACB से क्लीन चिट भी मिल गई बताए. कांग्रेसी इसे बीजेपी के प्रति वफादारी और जनादेश के साथ धोखे की पहली किश्त बता रहे हैं. बड़ी बात यह है कि जो फडनवीस कहते थे कि 'अजित पवार को जेल में डालेंगे, अब उन्हीं पवार साहब को क्लीन चिट मिल गई.' पवार पर महाराष्ट्र में राजनेताओें, नौकरशाहों और कॉन्ट्रैक्टर्स की मिलीभगत से 1999 से 2009 के बीच कथित तौर पर 70 हजार करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले...

महाराष्ट्र की सियासत में अब आगे क्या होने वाला है? 10 फैक्ट से समझिए

महाराष्ट्र (सुभद्र पापड़ीवाल). राजनीति संभावनाओं का खेल है. और यहां बाप बड़ा है ना भैया सबसे बड़ा रुपैया का गेम चलता है. शायद इसीलिए कहा जाता है यह लोकतंत्र की सड़कें हैं इन पर जरा संभल कर चलिए कब आपके साथ क्या हादसा हो जाए पता नहीं. जो चीज आपको दूर से बहुत बेहतर नजर आ रही हो बाद में पता चलता है वही सबसे बड़ी मृग मरीचिका थी. ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र की राजनीति में देखने को मिला जहां बीजेपी को मुख्यमंत्री की रेस से लोगों ने बाहर समझ लिया था वहीं मोदी और अमित शाह के मास्टर स्ट्रोक ने राजनीति का सबसे बड़ा खेल करके ना केवल खुद को साबित कर दिया, बल्कि यह भी साबित कर दिया की राजनीति में इस दिग्गज जोड़ी का कोई मुकाबला नहीं. इसे 'पॉलिटिकल सर्जिकल स्ट्राइक' कहा जाए तो कम नहीं होगा. अब यह समझना बहुत जरूरी है क्या आगे क्या होने वाला है. क्योंकि किसी ने खूब कहा है कि 'सियासत की अपनी अलग इक जु...

'महाराष्ट्र की महाभारत' के वो 10 बारीक दाव पेंच जो जानना जरुरी है

महाराष्ट्र/नई दिल्ली. विधानसभा चुनावों के बाद महाराष्ट्र की महाभारत में Political Crisis का सबसे बड़ा उदाहरण देखने को मिला.चुनाव परिणाम से लेकर राष्ट्रपति शासन तक यहां देखने को मिला तो राजनीति में महत्वाकांक्षा और जनादेश के अपमान के बेहतर उदाहरण भी सामने आए. भारतीय लोकतंत्र का दुखद पक्ष भी यहां के राजनैतिक दलों ने पेश किया. जनादेश का अपमान, सिद्धांतों की तिलांजलि के बीच बनते बिगड़ते समीकरणों ने किसी बड़ी राजनीति आपदा का उदाहरण यहां पेश किया. इस बीच हर कोई जानना चाहता है कि आखिर महाराष्ट्र में चल क्या रहा है. देश के जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक सुभद्र पापड़ीवाल के नजरिए से समझिए 10 वो बड़ी बातें जो आपको महाराष्ट्र की राजनीति को समझने में मदद करेंगे.   महाराष्ट्र की राजनीति के 10 बारीक दाव पेंच?   1- कांग्रेस हमेशा यह चाहेगी कि सरकार नहीं बना सकने का आरोप उस पर नहीं ल...

महाराष्ट्र की सियासत में 'महाभारत कथा', राष्ट्रपति शासन लागू, जानें राष्ट्रपति शासन से जुड़े 10 फैक्ट

महाराष्ट्र/नई दिल्ली.महाराष्ट्र में सियासत की महाभारत का अंत कैसे होगा यह सबके लिए बड़ा सवाल बन गया. द ग्रेट इंडियन पॉलिटिकल शो का सबसे बड़ा नजारा महाराष्ट्र में देखने को मिला. इस बीच मोदी कैबिनेट ने महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की. जिसके बाद महाराष्ट्र की सियासी अनिश्चितता का फिलहाल पटाक्षेप हो गया. राज्यपाल की सिफारिश पर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सिफारिश पर मुहर लगाई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी, जहां यह फैसला लिया गया. कैबिनेट की बैठक ऐसे समय पर बुलाई गई थी, जब महाराष्ट्र में पिछले महीने विधानसभा के लिये हुए चुनाव के बाद अब तक कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना पाई है और इसके कारण प्रदेश में राजनीतिक संकट की स्थिति बन रही है.   महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभ...

राम मंदिर विवाद का THE END, फैसले के बाद अब ट्रस्ट का इंतजार

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में 40 दिनों तक लगातार चली सुनवाई के बाद शनिवार को फैसला आया. फैसले में कहा गया कि राम मंदिर विवादित स्थल पर बनेगा और मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन अलग से दी जाएगी. अदालत ने कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन रहेगी. केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन रामलला को सौंप दी है. जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है. यानी सुन्नी वफ्फ बोर्ड को कोर्ट ने अयोध्या में ही अलग जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब सरकार 3 महीने के भीतर ही राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने में जुट गई है. ऐसा माना जा रहा है कि गुजरात के...

'कांग्रेस विलुप्त हो रही है, सोनिया के पुत्रमोह के चक्कर में सबकुछ बिखर गया है'- पंकज शंकर

नई दिल्ली. 'राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस धीरे-धीरे खत्म हो रही है. सोनिया गांधी के पुत्रमोह के चक्कर में सबकुछ बिखर गया है' यह कहना है गांधी परिवार के सबसे करीबी लोगों में शामिल पंकज शंकर का. गांधी परिवार के करीबी रहे पंकज शंकर ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए जमकर कांग्रेस लीडरशिप को कोसा और कहा कि यही हालात रहे तो कहीं कांग्रेस पार्टी विलुप्त ना हो जाए. राजीव गांधी, इंदिरा गांधी के बाद एक्टिव रुप से 1991 से गांधी परिवार से जुड़े पंकज शंकर ने एबीपी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पहली बार गांधी परिवार के खिलाफ जुबान खोलते हुए ऐसे कड़वा सच बोला कि कई लोगों की नींद उड़ गई है. बड़ी बात यह है कि गांधी परिवार और कांग्रेस की इस दुर्गति पर जल्द ही पंकज शंकर एक बेव सीरिज भी ला रहे हैं. पंकज शंकर ने कहा कि 'अपनी बातें एक छोटी फिल्म के माध्यम से रखूंगा, जिसमें बताउं...

भारत-पाक परमाणु युद्ध में मारे जाएंगे 12.5 करोड़ लोग, वो 10 खतरनाक फैक्ट जो आपको डरा देंगे

अमेरिका. भारत और पाक के बीच चल रहा तनाव 12.5 करोड़ लोगों की जान ले सकता है. यदि दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ तो 12.5 करोड़ तक की संख्या में लोग एक सप्ताह के भीतर मर जाएंगे. अमेरिका की साइंस एडवांस जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है यह संख्या दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मारे गए लोगों से कहीं ज्यादा होगी. दुनियाभर में जलवायु संबंधी आपदाएं आना शुरु हो जाएंगी. कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय और रुतगेर्स विश्वविद्यालय के विश्लेषकों की ओर से किए गए इस विश्लेषण में बताया गया कि भविष्य में भारत-पाक में परमाणु युद्ध हुआ तो उसकी विभीषिका और कुप्रभाव कैसा होगा? साइंस एडवांस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन रिपोर्ट में भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध के परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित किया गया है. जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद उपजे तनाव के बीच यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है. ...