Politics

वो 10 वजह जिनकी गांधी परिवार ने की अनदेखी और हाथ से निकल गए सिंधिया, हो गए कमल'अनाथ

नई दिल्ली. 25 नवंबर 2019, याद करें उस दिन को, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्वीटर हैंडल का बायो अचानक बदल दिया था और खुद के कांग्रेसी होने के परिचय की जगह खुद को सिर्फ जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी बताने वाला बायो अपडेट किया था. उसी वक्त साफ हो गया था कि कांग्रेस और सिंधिया के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. सोशल मीडिया यूजर्स ने उसी वक्त सिंधिया के पार्टी छोड़ने की कयास लगा ली थी. कई मौके ऐसे भी आए जब सिंधिया ने पीएम मोदी के फैसलों का स्वागत किया. और कई मौके ऐसे भी आए पिछले एक साल में जब उन्होंने अपनी ही पार्टी की कमलनाथ सरकार की आलोचना की. एक के बाद एक हो रहे घटनाक्रमों का नतीजा यह हुआ कि ज्योतिरादित्य सिंधिया 10 मार्च को जब भारत में होली की खुशियां मनाई जा रही थी तब कांग्रेस को ऐसा झटका दे दिया कि कांग्रेस संभलती उससे पहले ही पासा पलट गया और रंग में भंग हो गया. कांग्रेस के लिए यह राजनीत...

राज्यसभा चुनाव: किसकी बचेगी कुर्सी, किसकी जाएगी? शह-मात का खेल शुरु

नई दिल्ली. राज्यसभा चुनाव भी कभी इतने रोचक हो सकते हैं, जितना आज हो रहे हैं ऐसा शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा. जोड़-तोड़, अपना-पराया, खरीद-फरोख्त और सौदेबाजी की राजनीति ने इन चुनावों को इतना रोचक बना दिया कि देश में होली जैसे त्योंहार पर भी भारतीय मीडिया में राज्यसभा चुनाव ही छाए रहे. राज्यसभा चुनावों के पल-पल के अपडेट्स हेडलाइन्स और ब्रेकिंग न्यूज के रुप में स्क्रिन पर कब्जा जमाए नजर आए. सबसे बड़ा सियासी संकट मध्यप्रदेश का था तो कई जगह राजनीतिक समीकरणों को साधकर बीच का रास्ता निकालने में राजनीतिक दलों के पसीने छूटते नजर आ रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लिए सरकार बचाना एक बड़ी चुनौति बन गई. राज्यसभा की 55 सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होंगे. 17 राज्यों की 55 सीटों के लिए होने वाला यह चुनाव कांग्रेस और बीजेपी दोनों राजनीतिक द...

ट्रंप ने कह दी वह 10 बातें, जिससे भारत-अमेरिका की दोस्ती से दुश्मन देश डरे

अहमदाबाद(भारत). अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मोलनिया ट्रंप का पीएम मोदी ने अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचकर जोरदार स्वागत किया. गुजरात के लोगों और देशभर से आए भारतीय कलाकारों ने ट्रंप के स्वागत को भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. मोदी और ट्रंप ने साबरमती आश्रम तक 22 किलोमीटर लंबा रोड शो किया. ट्रंप ने अपनी पत्नी के साथ साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और चरखा भी चलाया. 'मुझे खुशी है कि ट्रंप की लीडरशिप में भारत और अमेरिका के रिश्ते और गहरे हुए हैं. यह एक नया अध्याय है. ट्रंप बहुत बड़ा सोचते हैं और अमेरिकन ड्रीम को साकार करने के लिए उन्होंने जो किया वह पूरी दुनिया जानती है. हम पूरे परिवार का तहे दिल से स्वागत करते हैं. ट्रंप ने यहां आकर भारत का गौरव बढ़ाया है. संबंध का सबसे बड़ा आधार विश्वास होता है. मैंने इस विश्वास को मजबूत होते देखा है.&...

जयपुर के इन सोने-चांदी के सैट्स में राष्ट्रपति ट्रंप करेंगे लंच-डिनर, देखें 10 बेहद खास तस्वीरें

जयपुर (राजस्थान). डोनाल्ड ट्रम्प के भारत में दौरे को लेकर अमेरिका और भारत दोनों ही देशों के लिए उत्साहित हैं, हर कोई इस दौरे से जुड़ी रोचक और महत्वपूर्ण बातों को जानना चाहता है. ऐसी ही एक जिज्ञासा है कि आखिर डोनाल्ड ट्रम्प का खाना कितना शाही होगा और किस तरह के कटलरी और टेबल वेयर का इस्तेमाल किया जाएगा. तो आइए आपको बता देते हैं वो दस (TEN) खास तस्वीरें जो आपको बताएंगी कि आखिर कैसे शाही कटलरी और टेबल वेयर का इस्तेमाल लंच और डिनर में किया जाएगा. उधर राजस्थान प्रदेश के लिए सबसे बड़े गर्व की बात यह है कि कटलरी और टेबल वेयर का निर्माण राजस्थान के जयपुर से संचालित अरुण ग्रुप ने किया है. हीरे-जवाहरात के साथ बेहतरीन कलाकृतियों की कारीगरी से दुनियाभर में अपनी विशेष पहचान रखने वाला राजस्थान अब ट्रंप की यात्रा में भी अपनी अहम भूमिका निभाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान लंच और डिनर के लि...

क्या राजस्थान में परिवहन मंत्री बनाना 'दूध की रखवाली बिल्ली को' देने जैसा साबित हुआ!

जयपुर (राजस्थान). कांग्रेस की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे चर्चित और बड़ी कार्रवाई में परिवहन विभाग के कई बड़े अधिकारी, दलाल तो फंसे ही पर क्या खुद विभाग के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी इसमें फंस गए हैं! कांग्रेस के ही अंदर अपने ही मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ विधायक और मंत्री खुलकर सामने आ गए हैं. कारण साफ है मंत्री जी खुद के विभाग में हुई कार्रवाई से इतने हतोत्साहित और खफा नजर आ रहे हैं कि वो एंटी करप्शन ब्यूरो की इस कार्रवाई पर ही सवाल उठा रहे हैं. और तो और उनके बयान कहीं ना कहीं पकड़े गए दलालों और अधिकारियों के प्रति सहानुभूति प्रकट करने जैसे नजर आ रहे हैं. राजस्थान विधानसभा में जब मामला गर्माया तो प्रताप सिंह ने कहा 'एसीबी की ऐसी कार्रवाई से अधिकारियों में भय का माहौल है, भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़े गए कई आईएएस, आईपीएस आज भी ऑन रोल हैं...

राजस्थान के RTO में मासिक बंधी का खेल, ACB जांच में अभी कई बड़ी मछलियों के नाम!

राजस्थान (THE END NEWS). सूबे में भ्रष्ट्राचार का खेल कुछ ऐसे चल रहा था कि हजारों वाहन मालिकों को डरा धमकाकर मासिक बंधी ली जा रही थी. राजस्थान के अन्य जिलों की छोड़िए जिस राजधानी से सरकार चल रही है, हर बड़ा अधिकारी और खुद परिवहन विभाग के मंत्री जहां बैठते हैं वहीं गुलाबी नोटों का यह खेल चरम पर था. भ्रष्टाचार के इस अक्क्ड़-बक्कड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरो के 18 दलों ने जब एक साथ ताबड़तोड़ कार्रवाई कि तो परिवहन विभाग के 8 अधिकारी, 7 दलाल तुरंत रडार पर आ गए. कस्टडी में लेकर अचानक सर्च अभियान चलाया तो बचे अधिकारी और दलाल भनक लगते ही तौबा-तौबा करने लगे और इधर-उधर फरार हो गए. ऐसा होना भी लाजमी था क्योंकि ACB का यह मास्टर प्लान ही कुछ ऐसा था, जहां किसी को संभलने और समझने का मौका तक नहीं दिया गया. एसीबी ने चार माह से दलालों और अफसरों के मोबाइल सर्व...

अंग्रेज भी घबराते थे इस कवि के देशभक्ति गीतों से, गिरफ्तारी के दे दिए थे आदेश

मुंबई. बात 1943 की है जब हिंदुस्तान में फिल्म 'किस्मत' रिलीज हुई. फिल्म में एक गाना उस वक्त बहुत पॉपुलर हुआ जब हिंदुस्तान अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी का दंश झेल रहा था और दूसरी तरफ हिंदुस्तान की आजादी की जंग के लिए देश एक हो रहा था. फिल्म का गाना था 'आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकरा है, दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिन्दुस्तान हमारा है...' यह गाना उस वक्त हर हिंदुस्तानी की जुबान पर कुछ ऐसा चढ़ा की राष्ट्रीय एकता, आजादी की मांग के बीच हर देशवासी की जुबान पर चढ़ गया. अंग्रेजी हुकुमत को यह देशभक्ति गीत इतना नागवार गुजरा की उन्होने इस गीत के लेखक की गिरफ्तारी के आदेश दे दिए. इसके चलते कई सालों तक इस महान गीतकार को भूमिगत रहना पड़ा. यह महान शख्स कोई और नहीं बल्कि हिंदी कविता और हिंदी सिनेमा में देशभक्ति और मानवीय मूल्यों का अलख जगाने वाले गीतकार कवि स्वर्गीय प्रदीप उर्फ रामचंद्र न...

अशोक गहलोत के वो 10 मजबूत पक्ष जो बनाते हैं उन्हें राजस्थान का सबसे ताकतवर नेता

जयपुर (राजस्थान). अशोक गहलोत ना केवल राजस्थान के बल्कि देश के सबसे मजबूत नेताओं में शुमार हैं. वो मुख्यमंत्री के तौर पर अपने तीसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा कर चुके हैं. कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले गहलोत 1973 से 1979 तक राजस्थान एनएसयूआई के अध्यक्ष रहे. गहलोत 7वीं लोकसभा के लिए 1980 में पहली बार जोधपुर से कांग्रेस के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे. इसके बाद जोधपुर से ही 8वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा में चुनाव जीता. यह उनके लगातार शानदार प्रदर्शन का ही नतीजा था कि बतौर इनाम उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया. गहलोत को इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पी.वी.नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में सेवाएं देने का मौका मिला. इसके अलावा वह तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने. अशोक गहलोत पांच बार सांसद रह चुके हैं और पांचवीं बार विधायक चुने गए हैं. वे केंद्र और राज...

भारत में कानून बना नागरिकता संशोधन विधेयक. 10 फैक्ट्स से समझें पूरे इतिहास और भावी चुनौतियों को

नई दिल्ली (सुभद्र पापड़ीवाल). देशभर में विरोध और समर्थन की राजनीतिक रस्म अदायगी के बीच नागरिकता संशोधन विधेयक कानून बन गया है. लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसे मंजूरी दे दी. नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया गया था. नागरिकता बिल में इस संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो अब साफ हो गया है. इसके अलावा भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए देश में 11 साल निवास की बाध्यता घटाकर अब इसे 6 साल करने का प्रावधान हो गया है. बड़ी बात यह है कि ऐसे अवैध प्रवासी भारतीय नागरिकता के लिए सरकार के पास आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश...

कौन है सोनिया गांधी? 73 वें जन्मदिन पर 10 बड़ी बातों से समझें सोनिया के जीवन को.

नई दिल्ली (THE END NEWS). पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की बहू और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी अपने जीवन के 73 साल पूरे कर चुकीं हैं. जीवन में कई उतार चढाव देखने और आलोचनाओं को सहने के बावजूद भारतीय राजनीति में खुद को स्थापित और साबित करने वाली सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसम्बर 1946 को इटली के विसेन्जा से कुछ दूर एक छोटे से गांव लूसियाना में हुआ. भले ही कांग्रेस पिछले दो लोकसभा (2014 और 2019) चुनावों में राजनीतिक आपदा की शिकार हुई हो बावजूद इसके सोनिया गांधी आज भी दिन रात फिर से पार्टी को खड़ा करने के लिए उम्र के इस पड़ाव पर भी समर्पित हैं. लगातार विदेशी होने का मुद्दा भी उठता रहा लेकिन सियासत के यह वार उनके मजबूत इरादों के आगे कमजोर नजर आए. एक महिला होने के बावजूद जीवन में दुखों के कई पहाड़ों को अपने फौलादी इरादों से पिघलाकर फिर से खड़ा होना सोन...