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कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में मिथक तोड़ नायाब उदाहरण बन रहे निजी अस्पताल और चिकित्सक

मुंबई (ऋचा मिश्रा). कोरोना वायरस का खतरा इस कदर है कि सिर्फ सरकारी डॉक्टर और स्टाफ ही इससे दो-चार होते दिखाई दे रहे हैं. अधिकांश प्राइवेट अस्पताल ऐसे हैं जो संकट की इस घड़ी में दूर भाग खड़े हुए हैं. कोरोना का इलाज तो छोड़िए सामान्य रोगियों को देखने से भी कई चिकित्सकों ने मना कर दिया है. हालात यह है कि जिस वक्त देश को उनकी जरूरत है उस वक्त अस्पताल मलिक नदारद दिखाई दे रहे हैं. जबकि उन्होंने इसी देश के राज्य और केंद्र सरकारों से रियायती जमीनें, अन्य सुविधाएं भी ले रखी हैं. पर ऐसा नहीं है कि हर प्राइवेट अस्पताल या डॉक्टर ऐसा कर रहा है. कुछ ऐसे भी है जिन्होंने संकट की इस घड़ी में सरकार और जनता के लिए अपनी सेवा को समर्पित किया है. कहीं अस्पतालों द्वारा निशुल्क जरूरतमंदों के खाने की व्यवस्था की जा रही है तो कुछ अस्पतालों ने मरीजों की देखभाल और उनके दवाओं तक की भी निशुल्क व्यवस्था की है. अ...

देश के टॉप 25 IPS का सर्वे जारी, अरविंद कुमार, समंत कुमार, बीएल सोनी को मिला प्रमुख स्थान

नई दिल्ली. भारत में अपने प्रशंसनीय, बेहतर कार्यों और प्रयासों से लोगों में विश्वास कायम करने और पुलिस का जनता में विश्वास बढाने वाले टॉप 25 आईपीएस ऑफिसर्स की फेम इंडिया ने लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में कई दिग्गज अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में सुरक्षा की भावना बढ़ाने, समाज में सौहार्द स्थापित करने और सकारात्मक संभावनाओं को मजबूत करने की निरंतर और ईमानदार कोशिश की. फेम इंडिया ने 25 उत्कृष्ट आईपीएस अधिकारियों 2020 का यह सर्वे उनकी कार्यशैली, ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा, जज्बा, जागरूकता, कानून व्यवस्था, जनता से जुड़ाव, प्रभाव, छवि और कार्यकाल जैसे 12 मानदंडों पर किया गया है. खास बात यह है कि इस लिस्ट में जहां इंटेलिजेंस प्रमुख 1984 बैच के आईपीएस अरविंद कुमार को बेहद प्रभावशाली अधिकारी बताया गया है वहीं राजस्थान में तैनात 1988 बैच के एडीजी क्राइम बीएल सोनी (भगवान लाल...

कोरोना महामारी के बीच चीन और अमेरिका से आई अच्छी खबर! सबकुछ ठीक रहा तो...

वुहान/न्यूयॉर्क. दुनियाभर में आतंक मचाने वाला कोरोना वायरस कैसे काबू में आएगा? इसके लिए भारत, अमेरिका, चीन, जापान, रशिया से लेकर हर कोई बड़ा देश अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है. हर कोई उम्मीद कर रहा है कि किसी भी तरह से एकबारगी तो इसको कंट्रोल करने की दवा तैयार कर ली जाए या वैक्सीनेशन बना लिया जाए. इस खबर में हम दो राहतभरी बातें आपके साथ शेयर करेंगे. एक चीन के वुहान में वैज्ञानिकों  द्वारा किए जा रहे प्रयोग की और दूसरा अमेरिका के एक साइंटिस्ट के उस दावे की जिसमें उन्होंने कोरोना का इलाज खोजने का दावा किया है. यह दोनों ही खबरें लोगों को कोरोना संकट के इस दौर में आशा की एक नई किरण नज़र आ रही है. सबसे पहले बात अमेरिका की करें तो एक बड़ा दावा अमेरिकी साइंटिस्ट डॉ. जैकब ग्लानविले ने किया है. यह वही साइंटिस्ट हैं जो नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री पैन्डेमिक से चर्चा में आए थे. डॉ. जै...

COVID-19: लॉक डाउन के बीच दुनियाभर में कॉन्डोम का अकाल, संकट में कई अभियान

TEN वर्ल्ड डेस्क. कोरोना संक्रमण के चलते दुनिया में अब नई-नई तरह की समस्याएं सामने आ रही है. एक ओर जहां पूरी दुनिया अभी कोरोना वायरस से ही सही से लड़ नहीं पा रही थी कि अब दुनिया को आबादी बढ़ने का खतरा सताने लगा है. तो HIV-एड्स कंट्रोल जैसे अभियान भी प्रभावित होंगे. दुनिया के करीब 3 अरब लोग इस वक्त घरों में मौजूद है, जिसके चलते दुनिया भर में कॉन्डोम बहुत डिमांड बढ़ गई है. करीब 10 करोड कॉन्डोम की तुरंत जरूरत है लेकिन कॉन्डोम सप्लाई करने वाली कई फैक्ट्रियां बंद पड़ी है. मेडिकल स्टोर पर कॉन्डोम खत्म हो चुके हैं या बाहर निकलकर कॉन्डोम लाना आसान नहीं रहा है. दुनियाभर में इस तरह के हालात चिंता पैदा कर देने वाले हैं. खासकर चीन, भारत, पाकिस्तान, मैक्सिको, बांग्लादेश, ब्राज़ील सहित कई ऐसे देश जहां बढ़ती आबादी एक बहुत बड़ा चिंता और चुनौती का कारण है, वहां समस्या बड़ी है. कोरोना महामारी के मह...

COVID-19: असल चुनौतियां अब आएंगी सामने, 10 फैक्ट्स से समझिए कैसे बदलेगा विश्व परिदृश्य

नई दिल्ली (सुभद्र पापड़ीवाल). दुनिया के अर्थ जगत के सामने गंभीर चुनौतियां वो नहीं हैं जो वे लॉक डाउन के दौरान देख रहे हैं. इस वैश्विक तालाबंदी की असल गंभीर चुनौतियां आनी शेष हैं. अभी जो परिदृश्य बन रहा है वह प्रथमदृष्टया स्वास्थ्य संबंधित और तात्कालिक आर्थिक हालात का चित्रण कर रहा है. इस महायुद्ध से फुर्सत मिलने के बाद समस्त विश्व में राजनीतिक हालात क्या बनेंगे यह कहना असंभव है. मनोवैज्ञानिक प्रभाव, सामाजिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार व संबंध, पोस्ट ट्रोमा इफैक्ट ये सब परिस्थितियां मिल कर क्या स्वरूप लेंगे यह काल के गर्भ में है. पर इतना अवश्य मान सकते हैं कि इस वैश्विक महामारी के बाद जब समस्त विश्व का जीवन पुनः जीवंत ऊर्जा के साथ अपने तंत्र को स्विच ऑन करेगा तब सबसे पहले भारत रीबूट होगा. वास्तविक सांख्यिकी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है लेकिन भावी राजनीतिक- आर्थिक परिदृश्य को इन दस बिंदुओं से ...

Covid-19: चीन की स्पेन से डील पर उठे सवाल, क्या चीन सच में अपनी साजिश में कामयाब!

न्यूयॉर्क ( निमिषा सिंह, TEN) यूरोप में COVID-19 (कोरोना) का क़हर जारी है. लोग दहशत में हैं सड़के सुनसान हैं. यूरोप के कई देश संकट के दौर से गुजर रहे हैं. चीन दुनिया की नजरों में सबसे बड़ा दुश्मन बन गया है. ऐसे में स्पेन और चीन के बीच एक समझोते ने नई बहस छेड़ दी है. स्पेन ने चीन से 432 मिलियन यूरो ( करीब 3.55 हजार करोड़ रू.) की चिकित्सा सामग्री खरीदने के लिए एक सौदा किया है. इसके तहत स्पेन को 55 करोड़ मास्क, 1.1 करोड़ दस्ताने, 55 लाख जांच किट और 950 रेसपीरटोर प्राप्त होंगे. यह सब कोरोना की रोकथाम में प्रयोग में आएंगे. ऐसे में इस समझोते ने विश्व भर में इस बीमारी के पीछे चीन की साज़िश होने की आशंकाओं को और प्रबल कर दिया है और एक बार फिर बहस का मुद्दा बना दिया है. सोशल मीडिया पर इस खबर को चीन की साजिश के सबूत के जैसे पेश किया जा रहा है. 'तो ये है चीन का असल खेल', 'आ गया चीन अपन...

80 करोड़ गरीबों को 3 महीने तक मिलेगा राशन फ्री: कोरोना से लड़ाई के लिए सरकार की 10 (TEN) बड़ी घोषणाएं

नई दिल्लीः  कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एलान करते हुए कहा कि कोई भूखा न रहे सरकार की यही कोशिश है. लॉक डाउन का असर ग़रीबों और दिहाड़ी मजदूरों पर सबसे ज्यादा पडा है इस लिहाज से पैकेज भी ज्यादातर उन्हीं को समर्पित है. अन्न और धन दोनों तरीकों से सरकार गरीबों की मदद करेगी. 1 - प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से 80 करोड़ लोगों को अन्न दिया जाएगा. हर व्यक्ति को 5 किलो खाद्यान्न अलग से मुफ्त दिया जाएगा. अगले तीन महीनों तक 80 करोड़ गरीबों को 5 किलो ज्यादा राशन (गेहूं या चावल) मिलेगा. इसके साथ ही हर घर को उनकी पसंद की एक किलो दाल भी दी जाएगी. 2 - संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए इपीएफ की 24% रकम अगले 3 महीने तक सरकार ही देगी. ये 100 कर्मचारियों तक के संस्थानों के लिए होगा, जिसमे...

दुनिया के सामने एक नई चुनौती कोरोना से निपटे तो कैसे बचेंगे मानसिक तनाव से!

नई दिल्ली (ऋचा मिश्रा, TEN वर्ल्ड डेस्क). इंसान एक सामाजिक प्राणी है, लेकिन आज वो अपनी नैसर्गिक परवर्ती और महामारी के बीच दोराहे पर खड़ा है. एक तरफ नए सूक्ष्म जीव कोविड 19 (कोरोना) से बचने के लिए वो घरों में रहने को मजबूर है वहीं इसके चलते एक अद्रश्य शत्रु विकराल रूप धर रहा है. ये है अवसाद, कोरोना का भय और आर्थिक अनिश्चितता के बीच समाज से कट जाने के मानसिक दुष्प्रभावों को लेकर आज दुनिया भर के मनो-वेज्ञानिक चिंतित हैं.अधिकांश देशों ने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए नागरिकों को अपने घरों में ही रहने की हिदायत दी है, भारत सहित कई देशों में इसे सख़्ती के साथ लागू किया जा रहा है. करोड़ों नागरिक आज अपने ही घरों में क़ैद हैं, दिन पर दिन अपने ही घर में रहने को मजबूर. ये एक ऐसी स्थिति है जो इंसान ने शायद ही पहले कभी देखी होगी. ब्रिटेन के प्रख्यात मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ सिमोन वेस्ल...

अमेरिकी सांसद ने चीन पर ठोका 200 खरब डॉलर का केस, Covid-19 जैविक हथियार बनाने का आरोप

न्यूयॉर्क (ऋचा शर्मा, वर्ल्ड डेस्क). मानव जाति के लिए इस वक्त पूरी दुनिया की नजर में चीन सबसे बड़ा विलेन बन गया है. चीन की एक छोटी सी लापरवाही ने पूरी दुनिया को खतरे में डाल दिया है. कोरोना वायरस को लेकर अब चीन दुनिया के कई देशों के निशाने पर है. जुबानी जंग तेज हो चुकी है तो भविष्य में चीन का दुनिया के अलग-थलग पड़ना तय है. इसकी शुरुआत हो चुकी है. चीन की चाल और साजिशों  को धीरे-धीरे पूरी दुनिया समझ रही है. अमेरिका के वकील लैरी केलमेन ने विश्व स्तर पर कोरोना वायरस फैलाने को लेकर चीन के खिलाफ 200 खरब डॉलर का मुकदमा ठोक दिया है. मुकदमे में चीन पर दुनिया के 3.34 लाख लोगों की जान से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया गया है. आपको बता दें कि टेक्सास की एक कंपनी में फ्रीडम वॉच नामक निगरानी समूह की वकालत करने वाले केलमेन ने टेक्सास के उत्तरी डिस्ट्रिक्ट की अदालत में मुकदमा दायर करते हुए आरोप ...

चीन में अब हंता वायरस की दस्तक, एक की मौत, लोगों में दहशत

बीजिंग. चीन में अब हंता वायरस ने दस्तक दे दी है. कोरोना वायरस के बाद में हंता वायरस से एक व्यक्ति की मौत हो गई है. ग्लोबल टाइम्स में छपी इस रिपोर्ट के बाद में पूरी दुनिया में फिर से कोहराम मचा है. हालांकि जानकारों का मानना है कि हंता वायरस भी खतरनाक है लेकिन यह कोरोना की तरह खतरनाक नहीं है. लेकिन समय रहते चीन को इस पर काबू पाना पड़ेगा. कुछ विशेषज्ञों का यह भी दावा है कि जब तक चीन में जिंदा जानवरों को खाने का सिलसिला नहीं थमेगा तब तक इसी तरह के वायरस चीन में फैलते रहेंगे. ताजा मामला चीन के युन्नान प्रांत का है. यहां एक व्‍यक्ति की सोमवार को हंता वायरस से मौत हो गई. पीड़ित व्यक्ति काम करने के लिए बस से शाडोंग प्रांत लौट रहा था. इसी दौरान उसकी अचानक मौत हो गई. उसे हंता वायरस से पॉजिटिव पाया गया था. जैसे ही पीड़ित की मौत का पता चला तो बस में सवार अन्य 32 अन्‍य लोगों की भी जांच की ग...