COVID-19: लॉक डाउन के बीच दुनियाभर में कॉन्डोम का अकाल, संकट में कई अभियान


TEN वर्ल्ड डेस्क. कोरोना संक्रमण के चलते दुनिया में अब नई-नई तरह की समस्याएं सामने आ रही है. एक ओर जहां पूरी दुनिया अभी कोरोना वायरस से ही सही से लड़ नहीं पा रही थी कि अब दुनिया को आबादी बढ़ने का खतरा सताने लगा है. तो HIV-एड्स कंट्रोल जैसे अभियान भी प्रभावित होंगे. दुनिया के करीब 3 अरब लोग इस वक्त घरों में मौजूद है, जिसके चलते दुनिया भर में कॉन्डोम बहुत डिमांड बढ़ गई है. करीब 10 करोड कॉन्डोम की तुरंत जरूरत है लेकिन कॉन्डोम सप्लाई करने वाली कई फैक्ट्रियां बंद पड़ी है. मेडिकल स्टोर पर कॉन्डोम खत्म हो चुके हैं या बाहर निकलकर कॉन्डोम लाना आसान नहीं रहा है.

दुनियाभर में इस तरह के हालात चिंता पैदा कर देने वाले हैं. खासकर चीन, भारत, पाकिस्तान, मैक्सिको, बांग्लादेश, ब्राज़ील सहित कई ऐसे देश जहां बढ़ती आबादी एक बहुत बड़ा चिंता और चुनौती का कारण है, वहां समस्या बड़ी है. कोरोना महामारी के महासंकट की इस घड़ी में विश्‍वभर में कॉन्‍डम की मांग काफी बढ़ गई है लेकिन वैश्विक बाजारों से यह गायब होना चिंता बढ़ाने वाला है.

दुनिया के सबसे बड़े कॉन्डोम निर्माता ने कहा है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉक डाउन घोषित किया गया. जिससे उसका उत्‍पादन ठप हो गया है. दुनिया में हरेक पांचवां कॉन्डोम बनाने वाली मलेशिया की कंपनी कारेक्‍स बीएचडी के मुताबिक पिछले 10 दिन से मलेशिया में स्थित अपनी तीन फैक्ट्रियों से एक भी कॉन्डोम नहीं बनाया है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मलेशिया सरकार ने लॉक डाउन की वजह से इन फैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश दिया जिसका असर वैश्विक बाजारों में देखने को मिला और बाजारों से 10 करोड़ कॉन्डोम कम हो गए. इन कॉन्डोम की सप्‍लाई दुनियाभर में होती थी.

यह चुनौती ही खत्म होने वाली नहीं है बल्कि आने वाले दिनों में इसमें और इजाफा होगा और उसका सीधा सा असर होगा जनसंख्या नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे हैं अभियानों पर. कॉन्डोम बनाने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश चीन है, लेकिन यहां भी लंबे टाइम से उत्पादन ठप पड़ा है. भारत, थाइलैंड में भी कॉन्‍डम बनाने वाली फैक्ट्रियां हैं लेकिन यहां भी वायरस का प्रसार तेजी से हो रहा है. और लॉक डाउन-कोरोना संक्रमण के बीच उत्पादन ठप है.

इस बीच पाकिस्तान के लाहौर निवासी मोहम्मद बशीर का कहना है कि 'इस कोरोना महामारी के चलते घर में रहना जरूरी है और इस बीच में पति-पत्नी एक दूसरे को समय भी दे रहे हैं. उनके पहले ही तीन बच्चे हैं, ऐसे वह कई बार बाजार से कॉन्डोम खरीदने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन उन्हें उपलब्ध नहीं हो पाया. ऐसे में वह चाहकर कर भी अब इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.'

भारत के लुधियाना निवासी सत्येंद्र ढिल्लों का कहना है कि 'इस लॉक डाउन के चलते वह बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. बाजार में गए तो कॉन्डोम नहीं मिला. उनके दो बच्चे पहले से ही हैं, और सरकारी नौकरी में है. ऐसे में यदि वह कहीं भी शारीरिक संबंध बनाने में लापरवाही करेंगे तो दो से अधिक बच्चे होने पर उनकी नौकरी जा सकती है. ऐसे में सरकार को इस दिशा में गंभीरता से सोचना चाहिए.'

मलेशिया में जोहोर बाहरू निवासी जैनिस ली की चिंता अलग तरह की है. वो कहती हैं कि 'वह पहले से ही एक बच्चे की मां हैं और उन्हें बच्चा नहीं चाहिए. दूसरी तरफ कोरोना का खतरा उनके लिए चिंता का कारण बन गया है, क्योंकि अब वह बच्चा नहीं चाहती हैं. वह एक सुरक्षित रिलेशनशिप में अपने पति के साथ बनाना चाहती हैं.' ऐसे में मलेशिया के बाजारों में कॉन्डोम का संकट महिलाओं के लिए भी चिंता का कारण है. खासकर उन महिलाओं के लिए जो और ज्यादा संतान नहीं चाहती हैं.

कोरेक्‍स के सीईओ गोह मिया काइट ने इन सब हालातों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ' दुनिया कॉन्‍डम की वैश्विक कमी का सामना करने जा रही है. जो काफी डरावना साबित हो सकता है. मेरी चिंता है कि दुनियाभर में जनसंख्या, HIV एड्स नियंत्रण जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम चल रहे हैं जो इससे प्रभावित होंगे. कॉन्‍डम की यह कमी आने वाले कुछ सप्‍ताह या महीनेभर के लिए नहीं बल्कि कई महीने तक चल सकती है.'