कोरोना महामारी के बीच चीन और अमेरिका से आई अच्छी खबर! सबकुछ ठीक रहा तो...


वुहान/न्यूयॉर्क. दुनियाभर में आतंक मचाने वाला कोरोना वायरस कैसे काबू में आएगा? इसके लिए भारत, अमेरिका, चीन, जापान, रशिया से लेकर हर कोई बड़ा देश अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है. हर कोई उम्मीद कर रहा है कि किसी भी तरह से एकबारगी तो इसको कंट्रोल करने की दवा तैयार कर ली जाए या वैक्सीनेशन बना लिया जाए.

इस खबर में हम दो राहतभरी बातें आपके साथ शेयर करेंगे. एक चीन के वुहान में वैज्ञानिकों  द्वारा किए जा रहे प्रयोग की और दूसरा अमेरिका के एक साइंटिस्ट के उस दावे की जिसमें उन्होंने कोरोना का इलाज खोजने का दावा किया है. यह दोनों ही खबरें लोगों को कोरोना संकट के इस दौर में आशा की एक नई किरण नज़र आ रही है.

सबसे पहले बात अमेरिका की करें तो एक बड़ा दावा अमेरिकी साइंटिस्ट डॉ. जैकब ग्लानविले ने किया है. यह वही साइंटिस्ट हैं जो नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री पैन्डेमिक से चर्चा में आए थे. डॉ. जैकब का दावा है कि उनकी टीम ने कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ निकाला है. डॉ. जैकब ग्लानविले ने कहा है कि सार्स के खिलाफ 2002-03 में इस्तेमाल किए गए 5 एंटीबॉडीज का ही इस्तेमाल किया है. इन्हीं एंटीबॉडिज के जरिए उन्होंने कोरोना वायरस का इलाज तलाशने का सफल प्रयास किया है. SARS, Cov-2 और COVID-19 एक ही फैमिली के वायरस हैं. अब तक कई एंटीबॉडीज के लाखों वर्जन तैयार कर इन्हें म्यूटेट कर चुके डॉ. जैकब का दावा है कि नए एंटीबॉडीज के इंसानों पर परीक्षण होने के बाद इसका इस्तेमाल कोरोना वायरस के खिलाफ किया जा सकता है.

यदि सबकुछ ठीक रहा और परीक्षण सफल हुआ तो जल्द सरकारी एजेंसी के पास इसे मंजूरी के लिए भेजा जा सकता है. ये एंटीबॉडीज एस-प्रोटीन्स को बाइन्ड करते हैं जिसके जरिए कोरोना वायरस शरीर में प्रवेश करता है. उन्होंने कहा कि सभी रिसर्च फिर से शुरू करने के बाद एंटीबॉडी तैयार करने में अधिक वक्त लग सकता है, जबकि को कोरोना को तुरंत किसी भी स्तर पर नियंत्रित करने की जरूरत है ताकि यह महामारी मारी और ज्यादा ना फैले. इसलिए उन्होंने पहले से मौजूद एंटीबॉडीज का इस्तेमाल इस प्रयोग को सफल करने के लिए किया है. ताकि लंबी प्रक्रियाओं से बचा जा सके.

दूसरी महत्वपूर्ण खबर चीन से है. हां वही चीन जहां से कोरोना वायरस का जन्म हुआ और उसने दुनियाभर में कोहराम मचा रखा है. लेकिन अब उसी चीन के वुहान में जहां से यह वायरस उत्पन्न हुआ था इसको काबू में करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में एक नई उपलब्धि सामने आई है. कुछ ही दिनों में इसका सच भी दुनिया के सामने होगा. चीन के वुहान में कोरोना वायरस का टीका विकसित करने और परीक्षण का काम जोरों पर है. यदि परीक्षण सुरक्षित और प्रभावी साबित हुआ तो इसी माह अप्रैल में इसके नतीजे प्रकाशित किए जाएंगे. चाइनीज अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग की सदस्य चेन वेई का कहना है कि '16 मार्च से वुहान में टीके के क्लीनिकल परीक्षण का पहला चरण जारी है, जो सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. फिलहाल चीनी और चीन में ही रह रहे विदेशी लोगों पर इसका परीक्षण किया जा रहा है. और जल्द ही चीन अन्य गंभीर कोरोना प्रभावित देशों में भी इस टीके का परीक्षण करेगा.' बरहाल हर कोई दुआ कर रहा है कि चीन और अमेरिका से निकले दोनों दावे जल्द हकीकत के धरातल पर सच बनकर सामने आएं, ताकि संकट की इस घड़ी में कुछ तो अच्छा हो. भारत जैसे देशों के लिए एक बड़ी उम्मीद की किरण यह दोनों दावे बन रहे हैं.  पर यह कितना खरा साबित होंगे ये आने वाला वक़्त बताएगा.