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BJP में घनश्याम तिवाड़ी के घर वापसी की पटकथा के पीछे के 10 कटु सत्य, जरूर पढ़ें

जयपुर (सुभद्र पापड़ीवाल). राजस्थान की राजनीति में इस वक़्त का सबसे हॉट टॉपिक है घनश्याम तिवाड़ी की BJP में वापसी। राजनीतिक गलियारों में उनकी वापसी के सब अपने-अपने हिसाब से मायने निकाल रहे हैं। आखिर क्यों घनश्याम तिवारी को भाजपा ही सबसे बेहतर विकल्प लगा और क्यों घनश्याम तिवारी की वापसी की पटकथा बीजेपी आलाकमान के निर्देश पर लिखी गई। पूरी पॉलीटिकल पटकथा के 10 कटु सत्य  1. राजाजी का हाथी किसी जागीरदार के यहां बांधने को सजा के रूप में देखा जाता था। हाथी की सार संभाल, वजन और स्वास्थ्य की चिंता में जागीरदार जी चौकड़ी भूल जाते थे। राहुल गांधी ने अपने मंच पर घनश्याम तिवाड़ी को कांग्रेस में शामिल किया था और राजस्थान के राजनीतिक बाड़े में छोड़ दिया था। लेकिन तिवाड़ी के स्तर के नेता के लिए कांग्रेस में वैकेंसी थी कहां? जयपुर से कांग्रेस में वैसे भी अब दूसरे बड़े ब्राह्मण की गुंजाइश है भी नहीं...

राजस्थान के कद्दावर नेता घनश्याम तिवाड़ी की BJP में घर वापसी, बोले 'कांग्रेस में नहीं हुआ था शामिल, BJP से बाहर रहकर थी छटपटाहट

जयपुर. कुछ सालों पहले भाजपा से बगावत करके राजस्थान में अपनी नई पार्टी बनाने वाले वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी की एक बार फिर बीजेपी में वापसी हो गई है. पू्र्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बगावत कर खुद की पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ने और बाद में कांग्रेस पार्टी का साथ देंनेे वाले घनश्याम तिवाड़ी कब राजस्थान भाजपा कार्यालय में स्वागत हुआ  और भाजपा के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की मौजूदगी में  उनकी घर वापसी हुई. इस दौरान भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे.  इस मौके पर घनश्याम तिवारी ने कहा कि उनके कुछ मुद्दे थे जिनको लेकर उनकी नाराजगी थी और उन्हें भारत वाहिनी पार्टी बनानी पड़ी. तिवारी ने यह भी साफ किया कि वह सिर्फ कांग्रेस के मंच पर गए थे, कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य नहीं बने,  ना ही कांग्रेस में शामिल हुए. भारतीय जनता पार्टी से बाहर...

क्यों मुखर हो रहीं है कांग्रेस की यह महिला विधायक? पीसीसी चीफ के खिलाफ खोला मोर्चा

जयपुर. 'माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत साहब के नेतृत्व में कैबिनेट की कल एक अहम बैठक आयोजित की गई बैठक में जनहित में बहुत अच्छे निर्णय लिए गए हैं. माननीय मुख्यमंत्री महोदय के निर्देशानुसार उपखण्ड बोली और बामनवास को पूर्णतः किसान भाइयों के समर्थन में बंद रखा गया. कल बैठक के बाद प्रदेशाध्यक्ष जी के द्वारा प्रेस कॉन्फ़्रेन्स की गई उसको मैंने सुना, उसमें जो विधायकों के द्वारा जनता की किस प्रकार सुनवाई करनी है? ये सब अध्यक्ष जी बता रहे हैं. लेकिन मैं एक विधायक होने के नाते एक सवाल शिक्षा मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष महोदय से पूछना चाहूंगी कि विधायकों द्वारा जनता की समस्याओं को जब आपको बताया जाएगा तो उसके लिए इस कोरोना काल में कितनी बार आपके बंगले पर आना पड़ेगा और इसके बाद भी क्या यह सुनिश्चित है कि उनके कार्य होंगे या फिर उनके द्वारा दी गई चिट्ठी पत्री को कचरा पात्र में डाल दिया जाएगा ...???...

अपनी योजनाओं और सरकार के कार्यों का अच्छे से प्रचार नहीं कर सकने से जिला परिषद और पंचायत चुनाव नतीजे आशा के अनुकूल नहीं: गहलोत

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव में कांग्रेस के लिए नतीजे निराशाजनक मानते हुए कहा कि राजस्थान सरकार और कांग्रेस अपनी योजनाओं का प्रचार प्रसार बेहतर तरीके से नहीं कर पाई. जिसके चलते नतीजे आशा के अनुरूप नहीं आए. गहलोत ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का पूरा ध्यान इस दौरान कोरोना संकटकाल में कोरोना पर रहा तो यह भी एक बड़ा कारण रहा कि वह प्रचार प्रसार जितने बेहतर तरीके से होना था उतना नहीं कर पाए. गहलोत ने कहा कि जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के नतीजे हमारी आशा के अनुकूल नहीं रहे हैं. पिछले 9 महीने में हमारी सरकार कोविड-19 की रोकथाम के लिये मेहनत कर रही है. हमारी प्राथमिकता लोगों का जीवन और आजीविका बचाना रहा है. हमने राज्य के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया. लॉकडाउन के समय मजदूरों और प्रवासियों को सुविधापूर्वक उनके घर पहुंचाया. लोगों को आर्थ...

किसानों के आह्वान पर भारत बंद आज, कई राज्य सरकारों ने भी दिया समर्थन

नई दिल्ली. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है. इसी कड़ी में अब तक केन्द्र सरकार द्वारा मांगे नहीं माने  जाने से आक्रोशित किसानों ने आठ दिसंबर को देशव्यापी भारत बंद का एलान किया है. किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कई संगठन, प्रदेश सरकारें और विपक्ष मजबूती से खड़ा नजर आ रहा है.  हरियाणा-पंजाब के साथ ही राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश व तमिलनाडू के किसानों ने भी इस बंद को अपना सम​र्थन दिया है. 10 ट्रेड यूनियन भी बंद के समर्थन में हैं. प्रदर्शनकारी किसानों के मुताबिक 8 दिसम्बर को पूरा देश बंद रहेगा और केवल आवश्यक सेवाएं चालू रहेंगी. सुबह से शाम तक भारत बंद रहेगा और शाम तीन बजे तक चक्का जाम होगा. तीन राज्यों हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सभी मंडियां बंद रहेंगी. ...

कांग्रेस में अंदरूनी झगड़ा इस कदर है कि राजस्थान सरकार गिरने वाली है! राजस्थान में फिर सियासत गर्म

जयपुर. राजस्थान में एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयानों से सियासत गर्मा गई है. कुछ ही महीनों पहले राजस्थान में कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिशों को लेकर एक बड़ा पॉलिटिकल ड्रामा चला था लेकिन जब शनिवार को सियासत के जादूगर अशोक गहलोत ने कहा कि 'एक बार फिर बीजेपी द्वारा राजस्थान में सरकार को गिराने का गेम शुरू होने वाला है और ऐसी साजिश रची जा रही है'. तो एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में बवाल मच गया.  जरूर पढ़ें: राजस्थान में फिर सरकार गिराने की साजिश, महाराष्ट्र सरकार का भी नम्बर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ऐसे आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी कहां चुप बैठने वाली थी तुरंत राजस्थान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अशोक गहलोत पर निशाना साधा और कहा कि 'अशोक गहलोत शासन चला पाने में अक्षम हैं. इसलिए झूठा और तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस के अंदर ...

राजस्थान में फिर सरकार गिराने की साजिश, महाराष्ट्र सरकार का भी नम्बर

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आशंका जताई है कि राजस्थान में एक बार फिर सरकार गिराने की साजिश हो रही है. एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ​दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस विधायकों को पिछली बार साजिश का हिस्सा बनाया गया और सरकार गिराने के सारे षडयंत्र बीजेपी ने किए. राजस्थान में फिर गेम शुरु करने वाले हैं.  गहलोत ने कहा कि 'हाल में जो राजस्थान सरकार को गिराने की साजिश हुई उसके बाद देश के गृहमंत्री अमित शाह ने हमारे विधायकों को मिठाइयां खिलाई, नमकीन खिलाई और करीब एक घंटे केन्द्रीय मंत्री धमेन्द्र प्रधान के नेतृत्व में यह मुलाकात चली ताकि राजस्थान सरकार को साजिशन गिराया जा सके. इतना ही नहीं कांग्रेस विधायकों के ​सामने बडे बडे जजों और वकीलों से बात करने का नाटक कर विधायकों में विश्वास पैदा करने का प्रयास किया गया ताकि सरकार गिराने ...

महाराष्ट्र विधान परिषद की 6 सीटों पर हुए चुनाव में बुरी तरह हारी BJP, सिर्फ 1 सीट पर जीत

मुम्बई. महाराष्ट्र विधान परिषद की 6 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी सिर्फ 1 सीट पर जीत सकी. बाकी 5 सीटों पर शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस के महाविकास आघाड़ी गठबंधन ने जीत दर्ज की. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हार पर कहा, 'चुनाव परिणाम हमारी उम्मीद के मुताबिक नहीं. हमसे तीनों पार्टियों की सम्मिलित ताकत को आंकने में चूक हुई बड़ी बात यह है कि बीजेपी अपने कथित गढ़ स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों में ही हार गई. उसकी सबसे बड़ी हार नागपुर सीट पर हुई है. जबकि यह वो इलाका है जहां बीजेपी की पकड़ काफी मजबूत मानी जाती थी. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पिता गंगाधर राव फडणवीस इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. गडकरी 1989 में पहली बार इस क्षेत्र से जीते थे और 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले चार और जीत ...

अब इंडिया के साउथ में BJP का डंका, हैदराबाद नगर निगम चुनावों में जबरदस्त जीत

हैदराबाद.ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के नतीजे घोषित हो गए है. देश के सबसे बड़े नगर निगम में से एक ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 49 सीटों पर जीत हासिल की और साउथ में अपने बढ़ते प्रभाव पर मुहर लगा दी. वहीं, KCR की पार्टी TRS को 56 और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 43 सीटों पर जीत मिली. हालांकि बड़ी बात यह है कि इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है क्योंकि 150 वार्डों वाले ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में बहुमत का आंकड़ा 75 है.  उधर इस पूरी जीत से उत्साहित भाजपा भी जबरदस्त जश्न में डूबी हुई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि 'तेलंगाना की जनता ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया है. तेलंगाना की जनता का आभार.' बता दें कि इन चुनावों में अमित शाह और योगी आदित्यनाथ जैसे बीजेपी के स्टार प्र...

दक्षिण के सुपर स्टार रजनीकांत ने राजनीतिक पार्टी बनाने और चुनाव लड़ने का ऐलान किया

दक्षिण के सुपर स्टार रजनीकांत ने राजनीतिक पार्टी बनाने और 2021 का विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पार्टी के बारे में औपचारिक घोषणा 31 दिसंबर को की जाएगी. रजनीकांत पिछले कई महीनों से राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन पहली बार उन्होंने सियासी पारी को लेकर अपने पत्ते खोले हैं.