ऑनलाइन पढाई के साइड इफैक्ट्स, बच्चे पेड़ पर चढ़कर पढने को मजबूर. देखें बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर


महाराष्ट्र. यह तस्वीरें हैं महाराष्ट्र जिले के धड़गांव की. जहां इन दिनों स्कूली बच्चे कभी पेड़ पर बैठे दिखाई देते हैं तो कभी किसी पहाड़ी की चोटी पर. सुनने और देखने में यह थोड़ा अजीब जरुर लगे लेकिन जनाब यही बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर है. जो ऑनलाइन शिक्षा को बढावा देने की हकीकत हमारे सामने रख रही है.

दरअसल यह तस्वीर स्कूल भवन की कमी या किसी बाढ़ की वजह से नहीं है बल्कि खराब मोबाइल नेटवर्क के कारण सामने आई है. कोरोना के चलते ज्यादातर राज्यों में 31 अगस्त तक स्कूल बंद हैं, पर पढाई जारी है. वो भी ऑनलाइन पढाई. जिसके चलते स्टूडेंट्स को ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल भेजा जाता है और ऑनलाइन ही पढाया जाता है. लेकिन नेटवर्क न होने से छात्र पढ़ाई नहीं कर पाते. पर रोज-रोज इस समस्या से कैसे बचा जाए, ऐसे में बच्चे अपनी डिजिटल क्लास का नेटवर्क पाने के लिए कभी पेड़ पर चढकर शिक्षा ग्रहण करते हैं तो कभी ऊंची पहाड़ी पर चढते हैं.

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खास बात यह है कि स्थानीय शिक्षा विभाग के उप निदेशक प्रभागीय अधिकारी भी मानते हैं कि यह तस्वीरें सच बयां कर रही हैं. ऐसे हालात को न सिर्फ स्वीकार करते हैं बल्कि बताते हैं कि मोबाइल नेटवर्क की कमी के चलते बच्चों को ऐसा करना पड़ता है ताकि सही नेटवर्क आए और स्टडी मैटेरियल डाउनलोड करके पढाई की जा सके.

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नंदुरबार जिले में एक टीचर लक्ष्मण पंवार नेटवर्क सही न आने के कारण बच्चों को पहाड़ी पर या पेड़ पर ले जाकर पढ़ाते हैं. खुद के साथ बच्चों की जान भी जोखिम में डालते हैं लेकिन उनका कहना है कि 'मजबूरी है इसके अलावा उनके पास कोई और रास्ता नहीं.' बहरहाल यह तस्वीरें डिजिटल शिक्षा की ओर आगे बढ रहे भारत की शिक्षा व्यवस्था की पोल जरुर खोल रही है जहां आधी अधूरी तैयारियों के साथ देश डिजिटल सपना पूरा करने में लगा है. ऐसी तस्वीरें देश के अन्य क्षेत्रों से भी लगातार सामने आती रही हैं.