बहुमंजिला इमारतों एवं टाउनशिप को पेयजल कनेक्शन के लिए राजस्थान में शीघ्र जारी होगी पॉलिसी 


जयपुर। राजस्थान में बहुमंजिला इमारतों एवं टाउनशिप को पेयजल कनेक्शन के लिए राजस्थान में पॉलिसी शीघ्र जारी होगी। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में बहुमंजिला इमारतों एवं निजी टाउनशिप में रह रहे लोगों को पेयजल कनेक्शन देने के सम्बन्ध में बनने वाली नीति अगले 15 दिनों में फाइनल कर जारी की जाए। 

डॉ. जोशी शनिवार को बहुमंजिला इमारतों में पेयजल कनेक्शन देने के लिए बनने वाली नीति से सम्बन्धित अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि बहुमंजिला आवासीय भवनों में रह रहे लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बनने वाली इस पॉलिसी में सभी पक्षों के सुझावों को शामिल करते हुए एक अच्छी पॉलिसी बनाई जाए, जो आमजन के हित में हो। उन्होंने पॉलिसी से जुड़े अधिकारियों से पिछली दो बैठकों में हुई चर्चा और पॉलिसी में शामिल बिन्दुओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बिल्डर्स, निजी टाउनशिप डवलपर्स के साथ ही रेजीडेन्ट वेलफेयर सोसायटी के प्रतिनिधियों से व्यापक चर्चा कर पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जाए। 

जलदाय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पेयजल उपलब्धता की विकट स्थिति एवं लगातार गिरते जा रहे भूजल स्तर को देखते हुए बहुमंजिला इमारतों एवं टाउनशिप डवलपर्स को जल संरक्षण की दिशा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए और अधिक से अधिक इमारतों में सीवरेज के पानी को ट्रीट कर वॉशरूम एवं पौधों को पानी पिलाने के लिए इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत बनी बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोगों को पेयजल कनेक्शन देने के लिए पॉलिसी में अलग से प्रावधान करने केे निर्देश दिए ताकि कम आय वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिल सके। 

उल्लेखनीय है कि बहुमंजिला इमारतों एवं निजी टाउनशिप में रह रहे लोगों को पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में कोई व्यावहारिक नीति नहीं होने के कारण लम्बे समय से इन इमारतों में रहने वाले लोगों को पेयजल कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। इन लोगों की पेयजल सम्बन्धी समस्याओं को देखते हुए जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने 26 अप्रैल को आयोजित बैठक में अधिकारियों को बहुमंजिला इमारतों को पेयजल कनेक्शन के लिए पॉलिसी तैयार करने के सम्बन्ध में निर्देश दिए थे। जलदाय मंत्री के निर्देशों के बाद इस सम्बन्ध में मुख्य अभियंता (शहरी) की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी।