नो टोबेको-डे पर महात्मा गांधी अस्पताल ने आयोजित की जागरूकता रैली, तंबाकू से दूर रहने का दिया संदेश  


जयपुर। से नो टू टोबेको, क्विट टोबेको, आप सिगरेट को नहीं, सिगरेट आपको पीती है। जैसे स्लोगन के साथ नो टोबेको-डे पर जागरूकता रैली का आयोजन जवाहर सर्किल से मालवीय नगर पुलिया तक किया गया। इसमें करीब 200 बच्चे स्केटिंग करते हुए तंबाकू के खिलाफ जागरूकता का संदेश ​दिया। महात्मा गांधी अस्पताल द्वारा नो टोबेको-डे पर यह जागरूकता रैली आयोजित की गई।  कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. सुधीर सचदेव, डॉ हेमंत मल्होत्रा ने फ्लेग आॅफ से की। डॉ. सचदेव ने बच्चों तथा अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि तंबाकू उत्पादों से खुद को और परिवार को दूर रखें। उन्होंने कहा कि सिगरेट और बीड़ी पीने वालों के साथ रहने से होने वाली पैसिव स्मोकिंग से बहुत हानि होती है। कार्यक्रम में राजस्थान रोलर स्पोर्ट्स एसोसिएशन, अस्टा स्केटिंग एकेडमी तथा राइजिंग स्टार एकेडमी ने भी सहयोग किया। इन संस्थाओं के सत्य नारायण सिंह, अनिल सिंह, शरद दीवान, संजीव मिजान मौजूद रहे। 

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प्रतियोगियों के नॉलेज क्विज में पुरस्कार भी दिए गए। कार्यक्रम संयोजक कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमंत मल्होत्रा तथा ललित मोहन शर्मा ने कहा कि तंबाकू उत्पादों से दूर रहकर हम 40 फ़ीसदी मामलों में कैंसर की रोकथाम कर सकते हैं। तंबाकू जागरूकता  प्रयासो के असर से तंबाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत घटा है, किंतु बढ़ती आबादी के साथ साथ सेवन करने वालों की संख्या बढ़ रही है। अनुमान के तौर पर देश में करीब 27.5 करोड़ लोग यानी हर पांचवा व्यक्ति किसी न किसी रूप से तंबाकू उत्पादन उत्पाद की लत का शिकार है।

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इसी वजह से ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, हृदय रोग, लकवा निसंतानता तथा सांस संबंधी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।  उन्होंने बताया कि तंबाकू का सेवन अल्प आय वर्ग के लोगों में ज्यादा होता है इससे न केवल व्यक्ति को शारीरिक बल्कि आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विशेषज्ञों ने बताया कि तंबाकू से दूरी बनाकर रखने वालों में हृदय रोग का खतरा 30 प्रतिशत कम होता है। स्टोक यानी लकवे की संभावना 25 प्रतिशत तक कम होती है । उन्होंने बताया कि तंबाकू की लत की शुरुआत अधिकांश मामलों में 11 से 17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों में होती है। समाज के हर व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि तंबाकू प्रयोग करने वाले व्यक्ति को टोके तथा इस नशे को छोड़ने को मजबूर करें। इस तरह हम स्वस्थ समाज की ओर बढ़ सकते है। सरकारों द्वारा अस्पतालों के संचालन करने पर किया जाने वाला खर्च भी नशे की लत पर नियंत्रण लगाकर कम किया जा सकता है। इसी प्रकार से मंगलवार को अस्पताल के स्वागत कक्ष में भी नो टोबेको-डे के अवसर पर ईएनटी विभाग द्वारा डॉ तरुण ओझा के नेतृत्व में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।