'एस्ट्रोओम' राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन: ज्योतिष विज्ञान का गहन अध्ययन एवं जागरूकता की जरूरत


जयपुर। राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि प्राचीन भरतीय ज्योतिष विज्ञान का गहन अध्ययन कर ज्योतिष विद्वान इसे आमजन के लिये व्यापक रूप से उपयोगी बना सकते हैं। उन्होंने ज्योतिष सहित शास्त्रों के बारे में असमजब में जागरूकता लाने की जरूरत प्रतिपादित की। खाचरियावास रविवार को यज्ञ फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित 'एस्ट्रोओम' राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने लेपटॉप पर क्लिक कर एस्ट्रो ओम एप्लिकेशन पर रजिस्ट्रेशन की शुरूआत की। उन्होंने ज्योतिषीय ज्ञान को आम जन तक पहुंचाने का आह्वान करते हुए कहा कि ज्योतिष विश्व को भारत की अनमोल देन है। उन्होंने कहा कि ज्योतिष ज्ञान से जुड़े अध्ययन के साथ ही आध्यात्मिक ज्ञान को प्रोत्साहित करने से अनेक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने ज्योतिष ज्ञान को प्राचीन वेद विज्ञान और खगोलीय ज्ञान से जोड़कर पूर्ण प्रमाण के आधार पर उपयोगी बनाने का आव्हान किया।

एस्ट्रोओम के प्रबंध निदेशक प्रणव पारीक ने बताया कि यज्ञ फाउंडेशन द्वारा प्राचीन वैदिक संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर कार्य किया जा रहा है। विशेष रूप से वेदों सहित शास्त्रों का अध्ययन- अध्यापन, संस्कृत भाषा का अध्ययन-अध्यापन व वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ज्योतिष सहित अन्य परम्पराओं पर कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में युवा आईटी विशषज्ञों के साथ मिलकर एप्लिकेशन एस्ट्रो ओम बनाया गया है। इस एप में ऑनलाइन ज्योतिष सेवाओं के साथ ही यज्ञ, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, संस्कृत शिक्षा, आध्यात्मिक व मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग, ध्यान व हीलिंग, पशु पक्षी कल्याण सेवाएं एवं ऑनलाइन एस्ट्रो शॉप सुविधाएं उपलब्ध होगी।

कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त सचिव पंकज ओझा ने कहा कि ज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है एवं हमारे पूर्वजों ने विज्ञान के अनेक अनुसंधान कर अविष्कार की विशेष रूप से अंतरिक्ष के क्षेत्र में किए गए अनुसंधान विशेष महत्वपूर्ण है ।

अतिरिक्त निदेशक जनसंपर्क  गोविंद पारीक ने प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक विरासत की विशेषताओं पर प्रकाश डाला और कहा कि वेदों पर आधारित भारतीय संस्कृति से ही भारत को विश्व गुरु का दर्जा मिला था । उन्होंने कहा कि वैदिक विचारों पर व्यापक अनुसंधान करने के साथ ही यज्ञ से होने वाले प्रभाव के बारे में भी किए गए अध्ययनों को जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है। पंडित पुरुषोत्तम गौड़ एवं पंडित प्रेम शंकर शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में 3 तकनीकी सत्रों में देश के विख्यात ज्योतिष आचार्यों ने ज्योतिष के माध्यम से वैभव एवं व्यापारिक सफलता के बारे में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। गोष्टी में अमेरिका के न्यूयॉर्क से आए श्री के पी सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

संगोष्ठी का मुख्य विषय ज्योतिष से वैभव व व्यापार है। ज्योतिष से धनार्जन योग,ज्योतिष से ऑनलाइन व्यापार योग एवं ज्योतिष से ख्याति योग विषयों पर विद्वानों नर अपने वक्तव्य दिए। मुख्य वक्ताओं में पंडित प्रेम शंकर शर्मा, नितिन सारस्वत, वरिष्ठ पत्रकार सुभाष शर्मा, मुकेश भारद्वाज, मनीष भारद्वाज, दीप्ति शर्मा, एस्ट्रो गुरु अजय शर्मा, के.के. शर्मा (अजमेर) , डॉ. दिलीप श्योपुरकर (इंदौर) , डॉ. रेखा जोशी डागर व डॉ. राकेश डागर (दिल्ली) , गजेंद्र सरकार (गवालिर), राकेश सोनी, नवदीप सिंह, विवेक खाम्बरा इत्यादि शामिल हैं।

समापन एवं सम्मान समारोह में समारोह का आयोजन सर्व ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस समारोह की समापन समारोह के मुख्य अतिथि दौसा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूरण कुमार शर्मा ने ज्योतिषियों को सम्मान पत्र एवं प्रमाण प्रशंसा पत्र प्रदान किए। विशिष्ट अतिथि विख्यात विधिवेत्ता एचसी गणेशिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में 150 से अधिक ज्योतिष विशेषज्ञ शामिल हुए।