जयपुर. अब जब कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस सरकार सेफ जोन में आ गई है तो पायलट भी लम्बे समय बाद खुलकर मीडिया के सामने अपनी बातें, अपनी पीड़ा जाहिर कर रहे हैं. निकम्मा, नकारा, निक्कर जैसे सियासी बयानों से गहलोत और पायलट खेमे की दूरियां और बढ गईं. इस बीच सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से आश्वासन मिलने के बाद फिर से सरकार का साथ देने का वादा किया लेकिन मीडिया के सामने अपनी बातें भी रखी.
अलग-अगल मीडिया के मंचों पर बातचीन करते हुए पायलट ने कई बातों पर अपनी सफाई दी, अपनी पीड़ा जाहिर की, अपने मन की बात रखी.
1- जब आप अपने जीवन के लिए चिंतित होते हैं, आपके और आपके विधायकों के खिलाफ 45 एफआईआर दर्ज कर दी जाती हैं, जिनमें एक देशद्रोह का आरोप भी था, ऐसे में हमें रिजॉर्ट में पनाह लेनी पड़ी. यह आरोप गलत हैं कि खट्टर सरकार या बीजेपी की हमने मेहमान नवाजी स्वीकारी. हमने किसी की मेहमान नवाजी स्वीकार नहीं की और अपने खर्चों पर मैं अपने विधायकों के साथ रहा.
2- आप किसी को पद दें लेकिन मान-सम्मान ना हो सके यह ठीक नहीं है. मैं पद लेने वाला व्यक्ति नहीं हूं. हालांकि, राजनीतिक तौर पर जो सम्मान मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रहा था. मैंने पार्टी से सिर्फ यही मांग रखी है कि जिनकी कंधे पर चढ़कर हम सरकार में आए हैं, उनका सम्मान होना चाहिए और काम किया जाना चाहिए.
3- CM गहलोत के 'निकम्मा' वाले बयान पर सचिन पायलट ने कहा कि 'मुख्यमंत्री गहलोत के इस बयान से मैं आहत था, लेकिन मैंने अपनी ओर से पूरा संयम रखा, और किसी तरह का गलत जवाब नहीं दिया. राजनीति में हमें अपने शब्दों पर ध्यान देना चाहिए. जब मैं पार्टी अध्यक्ष था तो सारे गुण मुझमें थे, लेकिन अब अचानक मैं निकम्मा हो गया. यह सोचने वाली बात है.
4- पायलट बोले- जब विधानसभा चुनावों में पार्टी 21 सीटों पर सिमट गई थी, उसके बाद मैं अध्यक्ष बना था. पार्टी को हम सरकार तक लेकर आए थे. लेकिन सरकार बनाने में जिनकी भूमिका रही, उन्हें ही सम्मान नहीं मिलेगा तो ठेस पहुंचती है. यही पीड़ा हमारे मन में थी.
5- मैंने शुरुआत से कहा कि मैं पार्टी के अंदर रहकर ही सवाल उठाउंगा. इस बात का विपक्षी पार्टी की ओर से फायदा उठाया गया. सरकार और पार्टी को मजबूत करने के लिए काम जारी रहेगा, लेकिन भविष्य में क्या होगा नहीं कह सकता.
6- अशोक गहलोत के बयान 'पायलट लोगों को लड़वाने का काम करते थे' पर सचिन पायलट बोले 'मैं लोगों को जोड़कर चलने वाला हूं, फूट पैदा करने वाला व्यक्ति मैं नहीं हूं. ना ही किसी तरह की ईगो रखता हूं.'
7- ओल्ड बनाम यंग की लड़ाई पर जब पायलट से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होने कहा कि 'पार्टी में हर तरह के लोग हैं जो काम कर रहे हैं, लेकिन नतीजे को देखकर काम किया और दिया जाना चाहिए. जिस ताले में जो चाबी काम करे, उसका इस्तेमाल जरूरी है.'
8- सचिन ने आलाकमान के हस्तक्षेप से हुई सुलह के बाद कहा कि 'मैंने कोई जिम्मेदारी नहीं मांगी है, लेकिन जो काम मिलेगा करूंगा. मैंने किसी से लड़ाई नहीं की, सिर्फ अपनी मांग उठाई है. राजनीति में लड़ाई की कोई जगह नहीं है, वापस जाकर जनता के वादे पूरा करूंगा फिर चाहे पद हो या नहीं हो.'
9- मेरे किसी भी समर्थक ने पार्टी या सीएम के खिलाफ कोई गलत बयान नहीं दिया. आज इसका प्रमाण मिल गया. जो विधायक पार्टी के लिए जेल गए हों, वो बगावत कैसे कर सकते हैं, आप खुद ही बताइए. राजनीति में उतार-चढ़ाव आते हैं.
10- मैं जहां पर था, वहां मजबूती से खड़ा हूं. पार्टी की ओर से मुझे पद दिए गए हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मैं अपनी आत्मा की बात ना सुनूं या बंध जाऊं, अगर मुझे कुछ गलत लगेगा तो अपनी बात रख रहा हूं. जो पार्टी पद दे सकती है वो लेने का भी हक रखती है.