देसी वैक्‍सीन का पहले ही चरण में कमाल, बंदरों में किया कोरोना वायरस का सफाया


नई दिल्ली. भले ही भारत में दुनिया के अन्य देशों के साथ सीरम इंस्टिट्यूट की ऑक्‍सफर्ड वैक्‍सीन का ट्रायल रोक दिया गया हो लेकिन कोरोना की जंग में अच्छी खबरें आने का सिलसिला अभी भी जारी है. देश के वैज्ञानिक और चिकित्सक कोरोना संकटकाल का मुकाबला करने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं.

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अब जो बड़ी और अच्छी खबर आई है वो यह है कि भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्‍सीन 'कोवैक्सिन' का जानवरों पर ट्रायल सफल रहा है. खुद कंपनी ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि Covaxin ने बंदरों में वायरस के प्रति ऐंटीबॉडीज विकसित की, जो अच्छे संकेत हैं. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि लैब के अलावा जीवित शरीर में भी यह वैक्‍सीन कारगर साबित हुआ है.

भारत बायोटेक ने इसके लिए पहले चरण में खास तरह के बंदरों को वैक्‍सीन की डोज देकर उन पर इसका प्रभाव देखा. इसमें 20 बंदरों को चार अलग अलग समूहों में बांटकर एक ग्रुप को प्‍लेसीबो दिया गया जबकि तीन अन्य ग्रुप्स के बंदरों को तीन अलग-अगल तरह की वैक्‍सीन पहले और 14 दिन के बाद लगाई गई. वैक्सीन की दूसरी डोज देने के बाद इल बंदरों को SARS-CoV-2 से एक्‍सपोज कराया गया और सामने आया कि वैक्‍सीन की पहली डोज दिए जाने के तीसरे हफ्ते से बंदरों में कोविड के प्रति रेस्‍पांस डेवलप होना शुरू हो गया था. इतना ही नहीं जिन बंदरों को वैक्‍सीन दी गई उनमें से किसी में भी निमोनिया के लक्षण नहीं थे.

इस वैक्सीन के अब फेज 2 ट्रायल में करीब 750 पार्टिसिपेंट्स रहेंगे तो तीसरी स्‍टेज में बड़ी तादात में स्वयंसेवकों को इस ट्रायल में शामिल किया जाएगा. भारत बायोटेक का दावा है कि किसी भी सूरत में 2021 की पहली तिमाही में यह वैक्सीन लोगों को उपलब्ध हो जाए.

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आपको बता दें भारत में Bharat Biotech के साथ Zydus Cadila, Indian Immunologicals, Serum Institute, Mynvax Panacea Biotec और Biological E जैसी बड़ी कंपनियां अलग-अलग वैक्‍सीन को तैयार करने में लगी हैं. हालांकि सीरम इंस्टिट्यूट के ऑक्‍सफर्ड वैक्‍सीन का ट्रायल रोका गया है लेकिन बाकी कंपनियां अभी अपनी वैक्सीन का ट्रायल कर रहे हैं.