सचिन पायलट ने कहा उनके पास 30 विधायकों का समर्थन, गहलोत सरकार अल्पमत में


जयपुर. देश की सियासत की इस वक्त की सबसे बड़ी खबर यह है कि राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और साफ कहा है कि सोमवार की सुबह होने वाली विधायक दल की बैठक में वह शामिल नहीं होंगे. क्योंकि उनके पास में 30 विधायकों का समर्थन है. इसमें कांग्रेस की और निर्दलीय विधायक भी शामिल है. ऐसे में गहलोत सरकार अल्पमत में है. सचिन पायलट का यह मैसेज उनके को ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप में उनकी टीम के द्वारा डाला गया है. इस पूरे बयान के बाद में ना केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में  कांग्रेस के सियासी हलकों में बगावत के सुर तेज होते दिखाई दे रहे हैं.सचिन पायलट ने साफ कह दिया है कि उनके पास 30 निर्दलीय और कांग्रेसी विधायकों का समर्थन है. राजस्थान में कांग्रेस सरकार में इस फूट की खबर के बाद BJP खासी उत्साहित है, तो अशोक गहलोत कैंप में भगदड़ मच गई है. कांग्रेसी विधायकों और मंत्रियों को पायलट ग्रुप में रहना है या अशोक गहलोत धर्म संकट में पड़ गए हैं.

 

विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में एसओजी द्वारा उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित उनके गुट के कुछ विधायकों और मंत्रियों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजे जाने की बात से पायलट खासे नाराज थे और इससे पहले भी अशोक गहलोत को लेकर उनकी कार्यशैली को लेकर उनके लंबे मत भेज रहे हैं, जिसके चलते आखिरकार यह बड़ा बयान सचिन पायलट का है.

उधर सियासी उठा-पटक के बीच राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक सोमवार सुबह 10:30 बजे मुख्यमंत्री निवास पर होगी.और इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साथ देने और इस संकट से कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे, कांग्रेस नेता अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला ने जयपुर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है. वहीं BJP ने कहा है कि अब कांग्रेस की वो फूट खुलकर सामने आ गयी है जिसका BJP लगातार जिक्र कर रही थी.

 

इस पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार में बड़ा अंतर्विरोध दिख रहा है. सरकार के मुखिया के साथ उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी मिले नोटिस. एक सामान्य सा अधिकारी मुख्यमंत्री को नोटिस दे रहा है. इससे गृह मंत्री की कानूनी जानकारी पर सवाल उठ रहे हैं. मंत्री रमेश मीणा के बयान का भी पूनिया ने जिक्र करते हुए कहा कि वो ना शिकायतकर्ता, ना आरोपी, फिर भी मंत्रियों को मिल रहे नोटिस.