सचिन पायलट का रुख 'आ बैल मुझे मार' वाला था, अशोक गहलोत ने कही यह 10 बड़ी बातें


जयपुर. राजस्थान की सियासत में कांग्रेस के पायटल हाथ से निकल गए. उनके साथ कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी कांग्रेस को अलविदा कह गए. संगठन में भी इस्तीफों का दौर चालू हो गया. इस बीच पायलट को उप मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मंत्री पद से हटाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गहलोत की पहली प्रतिक्रिया आई और उन्होने कहा कि सचिन पायलट का रुख 'आ बैल मुझे मार' वाला था.

पायटल के साथ सरकार के दो दिग्गज मंत्रियों रमेश मीणा और विश्वेन्द्र सिंह को भी मंत्रीमंडल से हटा दिया गया. गहलोत ने BJP के साथ इन पर भी निशाना साधा. इस पूरे सियासी घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि हाईकमान को यह फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि लंबे समय से बीजेपी साजिश रच रही थी और खरीद-फरोख्त का सहारा ले रही थी. उधर इस पूरे सियासी घटनाक्रम में राज्यपाल से मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल में शीघ्र ही बदलाव संभवना बढ गई है.

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सचिन पायलट ने उपमुख्यमंत्री के पद से हटाए जाने पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट कर कहा, ''सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं.'' साथ ही सचिन पायलट ने अपने ट्विटर का बायो भी बदल दिया है. सचिन पायलट ने बायो में अब टोंक से विधायक, पूर्व केंद्रीय आईटी मंत्री लिखा है. गहलोत ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कई बड़ी बातें कही.

 

गहलोत की 10 बड़ी बातें.


1- मजबूरी में हाईकमान को फैसला करना पड़ा. क्योंकि पिछले काफी लम्बे अरसे से भारतीय जनता पार्टी बडा षड्यंत्र कर रही थी. पिछले 6 महीने से यह सब चल रहा था जिसकी हम सबको जानकारी थी.


2- यह षड्यंत्र बहुत बड़ा है, हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है और यह चलता रहा, चलता रहा और जो स्थिति आज पहुंची है उसी कारण पहुंची है.


3- जो खेल धनबल के आधार पर कर्नाटक, मध्यप्रदेश के अंदर खेला गया वैसा ही वो राजस्थान में करना चाहते थे. हमारे कुछ साथी गुमराह होकर चले गए. बीजेपी के मंसूबे पूरे नहीं हुए. खेल में वो मात खा गए.


4- मैं दुखी होकर कहता हूं कि जिस रूप में हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है, देश के अंदर पहली बार आजादी के बाद में ऐसी गवर्नमेंट आई है जो धनबल के आधार पर सरकारों को तोड़ रही है, मरोड़ रही है और टॉपल कर रही है.


5- पहली बार धनबल के आधार पर सत्ता गिराई जा रही है. धनबल भी मामूली नहीं 20, 25, 30, 35 करोड तक. विश्वास भी नहीं होता अभी तक करोड़ों रूपये की इस प्रकार की ट्रेडिंग हो रही है, देश किधर जायेगा?


6- हमने पायलट और उनकी टीम को पूरा मौका दिया. सोमवार को विधायक दल की मीटिंग करी. वो लोग नहीं आए. मंगलवार को फिर मीटिंग उन्हीं लोगों के लिए रखी गई, एक और मौका देने के लिए कि ईश्वर उनको सद्बुद्धि दे और आ जाएं लेकिन तब भी वह नहीं आए. उसमें से आठ-दस लोग आना चाहते थे जो हमारे पास में इत्तला आ रही थी.


7- सचिन पायलट साहब के हाथ में कुछ नहीं है. वह तो खुद ही बीजेपी के हाथो में खेल रहे हैं, रिसॉर्ट की व्यवस्था बीजेपी की है, मैनेजमेंट बीजेपी का है. जो मध्यप्रदेश के वक्त में मैनेजमेंट कर रहे थे वही मैनेजमेंट अब कर रहे हैं.


8- हमें कोई ख़ुशी नहीं है बल्कि मजबूर होकर के हमारे तीन साथी के बारे में यह निर्णय लेना पड़ा. मैंने उनकी हाईकमान से कोई शिकायत नहीं की. ना ही उनको हटाने के लिए कहा. बावजूद इसके यह लोग 'आ बैल मुझे मार' जो कहावत है उस रूप में काम कर रहे थे. रोज ट्वीट करते रहते थे. रोज स्टेटमेंट देते रहते थे.


9- जो भी जीतकर विधायक आये हैं चाहे किसी भी ग्रुप का हो, कितने ही किसी के नजदीक हों मैंने सबके काम किये, कोई भेदभाव नहीं किया वह खुद जानते हैं उनका दिल जानता हैं.


10- यह लोग पार्टी तोड़ना चाहते हैं लेकिन बीस लोगों से पार्टी नहीं टूटती है.