एक बार फिर विवादों में IAS नीरज के पवन, कभी भी हो सकती है पूछताछ,  BVG कंपनी के साथ डील के वायरल ऑडियो में नाम आया सामने


जयपुर. लगता है आईएएस नीरज के पवन (IAS Neeraj k Pawan) और विवादों का चोली दामन का साथ है. एक बार फिर आईएएस नीरज के पवन विवादों में हैं. बीवीजी कंपनी (BVG Company) और निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर का 276 करोड़ रूपए पास कराने की एवज में जिस 20 करोड़ की डील को लेकर बवाल मचा हुआ है, उससे जुड़े एक ऑडियो में नीरज के पवन का नाम भी लिया जा रहा है. बताया जा रहा है कि संबंधित कंपनी के प्रतिनिधि संदीप चौधरी को डील के लिए जिस जगह पर बुलाया गया वो आईएएस नीरज के पवन का घर था. 

 

एक ऑडियो में राजाराम गुर्जर बीवीजी के प्रतिनिधि संदीप से कह रहे हैं कि आप मैडम को बार बार फोन नहीं करें, मैसेज कभी ना करें भुगतान के लिए. ऑफिस का काम ऑफिस में ही कराएं. एक बार आधे घंटे बाद एनआरआई कॉलोनी में आ जाओ, नीरज के पवन साहब, इनके घर पर आ जाओ.

द एण्ड न्यूज इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता, इसकी सत्यता की प्रामाणिकता की जांच अभी जरूरी है. लेकिन अब इस मामले में नीरज के पवन का नाम आने के बाद माना जा रहा है कि किसी भी वक्त नीरज के पवन से पूछताछ हो सकती है. सरकार भी इस बात को गंभीर मान रही है कि इस डील में नीरज के पवन का नाम क्यों आया. और वो भी खासकर विपक्ष के नेताओं के साथ. जो कि लगातार राजस्थान की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. 

हालांकि नीरज के पवन के घर पर मीटिंग हुई या नहीं हुई इस पर अभी जांच एजेंसियों को पूछताछ करनी है. एक तरफ जहां राजाराम गुर्जर ने इस ऑडियो को फेक बताकर साजिशन उन्हें बदनाम करने की शिकायत पुलिस में दे चुके हैं, वहीं राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो भी इस जांच में जुटी है. ऐसे में माना जा रहा है कि एसीबी पूछताछ के लिए कभी भी आईएएस नीरज के पवन को बुला सकती है और ऑडियो की प्रमाणिकता पर पूछताछ कर सकती है, नीरज के पवन का पक्ष जान सकती है.

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जानकार बताते हैं कि सौम्या गुर्जर के परिवार और नीरज के पवन की नजदीकियां आज की नहीं कई सालों पुरानी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब सौम्या गुर्जर को महापौर बनाया गया था तो सोशल मीडिया पर नीरज के पवन को बधाई देने का भी दौर चल पड़ा था.
इतना ही नहीं एसीबी इस बात की भी तहकीकात कर सकती है कि राजाराम गुर्जर के साथ और कौनसे ब्यूरोक्रेट उनके संपर्क में रहे हैं और क्या उनके साथ भी राजाराम शर्मा कोई डीलिंग करते थे? एसीबी कॉल डिटेल्स भी खंगाल सकती है.


मई, 2016 में हुए थे गिरफ्तार


उस वक्त एनआरएचएम में रिश्वत लेने के मामले में नीरज के पवन और अनिल अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ के बाद इन दोनों को इसलिए गिरफ्तार किया गया था क्योंकि तब उनके द्वारा दी गई दलीलों से एसीबी संतुष्ट नहीं थी.
इनके समेत चार अन्य अधिकारियों को एसीबी ने लम्बे समय अपनी रेडार पर रखा था और  रिश्वत लेने के प्रकरण में 18 मई को कार्रवाई की थी. उस दौरान तीन अधिकारियों को तो गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन नीरज के पवन व आईईसी कम्पनी के डायरेक्टर अनिल अग्रवाल की गिरफ्तारी नहीं की गई थी, लेकिन बाद में इन्हे भी गिरफ्तार कर लिया गया था. तब नीरज के पवन को राज्य सरकार ने निलंबित भी कर दिया था. 

 

पाली कलेक्टर थे तब भी विवादित


बताया जाता है कि नीरज के पवन 2011 में पाली कलेक्टर रहते हुए भी विवादों में रहे. यहां उनके घर पर शराब मिली थी. औद्योगिक थाना प्रभारी किशोर सिंह को धमकी देने के मामले में तो एसीजेएम कोर्ट पाली ने प्रसंज्ञान लिया था. हालांकि बाद में पवन द्वारा तत्कालीन मुख्य सचिव सीके मैथ्यू को थाना प्रभारी की शिकायत पर किशोर सिंह को निलम्बित कर दिया गया था. इसी तरह पवन के सरकारी बंगले में अवैध रूप से शराब रखवाए जाने का मामला भी चर्चा में रहा. उस मामले में पवन का कहना था कि उसके गार्ड के घर पर विवाह के चलते शराब लाई गई थी. वहीं जबरिया मकान खाली करवाने जैसे कई आरोपों को लेकर प्रकरण भी दर्ज हुए थे.

पवन के समय तत्कालीन पुलिस बेड़े और प्रशासनिक अमले में आपसी खिंचाव भी बडे विवादों और चर्चा का कारण बना था.

सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2011 के दौरान पाली में भी पवन के विरुद्ध पुलिस और एसीबी ने कार्रवाई का संयुक्त प्रयास किया था, लेकिन उस समय सफलता नहीं मिली थी. वह 4 सितम्बर 2010 से 30 सितम्बर 2012 तक पाली के जिला कलक्टर पद पर कार्यरत थे.