लेह में चीन की सीमा के पास पहुंचे PM मोदी, बोले 'जवानों की बहादुरी से दुनिया को भारत की ताकत का पता चला'


लेह. भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक सुबह लद्दाख पहुंच गए. गलवान की झड़प के 18 दिन बाद ही पीएम मोदी के अचानक हुए इस दौरे से ना केवल चीन और पाकिस्तान बौखला गए बल्कि दुनिया के कई देश भी चौंक गए. दुनियाभर की नजर पीएम के इस दौरे पर रही.

बड़ी बात यह रही कि इस दौरे की पहले से किसी को भी भनक नहीं थी. सिर्फ चुनिंदा लोगों को ही पीएम की इस यात्रा की सूचना थी जिन्होंने उनकी यात्रा को पूरी तरह से सुरक्षित बनाया. पीएम के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ एमएम नरवणे भी मौजूद रहे. उत्तरी सेना और 14 कॉर्प्स के कमांडर ने प्रधानमंत्री को बॉर्डर के हालात की जानकारी दी.

मोदी ने नीमू में 11 हजार फीट ऊंची फॉरवर्ड लोकेशन पर आर्मी, एयरफोर्स और आईटीबीपी के जवानों से बात की और उनका हालचाल जाना, हौसला बढाया. नीमू से LAC की दूरी सिर्फ 250 किलोमीटर है. वे गलवान झड़प में घायल हुए सैनिकों से भी मिले और उनके स्वास्थ्य का हाल जानकार उनकी वीरता को शाबाशी दी.

मोदी के लद्दाख पहुंचने के बाद चीन की बौखलाहट सामने आ ही गई और चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मिलिट्री और डिप्लोमैटिक बातचीत के जरिए दोनों देश तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं, इस बीच किसी भी पक्ष को ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे हालात बिगड़ें.

 

PM की 10 बड़ी बातें

 

1- प्रधानमंत्री ने इस दौरान बिना नाम लिए चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि 'विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है. यह युग विकासवाद का है. बदलते युग में विकासवाद ही प्रासंगिक है. विकासवाद के लिए ही अवसर है. विकासवाद ही भविष्य का आधार है.'

2- जवानों के लिए पीएम ने कहा, 'आपने जिस तरह की बहादुरी दिखाई है, उससे दुनिया को भारत की ताकत का पता चला है. जवानों का शोर्य, समर्पण अतुलनीय है. मैं जवानों की जय और अभिनंदन करता हूं. यह धरती वीरों के लिए है.'

3- कमजोर शांति की बात कभी नहीं करता.

4- जब जब हम पर आक्रमण हुआ तो हम और मजबूत हुए.

5- विस्तारवाद ने मानवता का सबसे बड़ा नुकसान किया. 

6- हमारा संकल्प हिमालय जितना ऊंचा है, आपके शोर्य की चमक दुनिया ने देखी है, ये धरती वीरभोग्या है, वीरों के लिए है, वीरता ही शांति की पूर्वशर्त होती है.

7- साहस करुणा है, साहस वो है जो हमें हमें निर्भिक और अडिग होकर सत्य के पक्ष में खड़ा होना सीखाए, साहस वो है जो सही को सही कहने और करने की हिम्मत देता है.

8- गलवानघाटी में पराक्रम की पराकाष्ठा है.

9- भारत आज आधुनिक अस्त्र-शस्त्र का निर्माण कर रहा है, भारत आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण विश्व शांति के लिए कर रहा है.

10- आपके चेहरों पर संकल्प और सामर्थ्य नजर आता है, आप सभी भारत के लक्ष्य को साबित करने वाले अगुआ लीडर हैं.

 यह पहला मौका नहीं है जब पीएम पहली बार अचानक ऐसे यात्रा पर पहुंचे हो, अपने छह साल के कार्यकाल में करीब नो बार वो ऐसे ही अचानक अपनी यात्राओं से देश और दुनिया को चौंका चुके हैं. आपको बता दें अपनी ऐसी ही एक औचक यात्रा के तहत 25 दिसंबर 2015 को वे अफगानिस्तान से लौटते वक्त लाहौर पहुंच गए थे. पीएम मोदी ने इस दौरान पाकिस्तान पहुंचकर ना केवल प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जन्मदिन की बधाई दी बल्कि उनकी नातिन की शादी में भी शिरकत की थी. पीएम ने शरीफ की मां का भी आशीर्वाद लिया था.

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