अवैध खनन कर खोद डाला धरती माँ का सीना, जहां पहाड़ था वहां पानी का दरिया बना, अधिकारियों की मिलीभगत का बड़ा मामला


भरतपुर. राजस्थान की धरा पर हो रहे अवैध खनन को लेकर कई बार कोर्ट फटकार लगा चुका है. राजस्थान सरकार के मुखिया खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन के निर्देश दे चुके हैं. बावजूद इसके माइनिंग डिपार्टमेंट में भ्रष्टाचार इस क़दर बढ़ा है कि ठेकेदारों से मिलीभगत कर अवैध खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है. मासिक बंदी का खेल कुछ ऐसा है कि अपनी ही धरती मां का सीना भले ही छलनी किया जा रहा हो लेकिन सब आंख मूंद कर बैठे हैं.

राजस्थान के भरतपुर जिले के नांगल में जमीन से सैकड़ों फीट ऊपर मौजूद रहे पहाड़ को इस हद तक खोदा गया कि जमीन से कई फीट नीचे तक अवैध खनन की इस कदर बाढ़ आई जहां पहाड़ था वहां पानी की नदियां बन गई. अब इस लापरवाही को छुपाने के लिए आनन-फानन में किसी को यह पानी नजर ना आए इस लिहाज से कचरे और मलबे से इसे भरा जा रहा है.

आलम यह है कि प्रकृति और पर्यावरण से खिलवाड़ का यह खेल इस कदर है कि जिस स्थान पर अवैध खनन की जांच करीब चार साल पहले कराई गई थी, वहां अब फिर से अवैध खनन का मामला सामने आए हैं. यह मामला CM कार्यालय तक भी पहुंच चुका है जिसके बाद में सरकार अब सख्त एक्शन के मूड में है. लापरवाह-भ्रष्टाचारी अधिकारियों के साथ अवैध खनन करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है. नांगल छोड़िए कई और ऐसे अन्य खनन इलाके बताए जा रहे हैं जहां नियम विरुद्ध इतना खनन किया गया कि खनन करते- करते पानी निकल आया है. कई जगह तो बांध और छोटी नदियों, एनीकेट जैसे नज़ारे दिखने लगे हैं.

सबसे बड़ी बात यह है कि खनन विभाग की विजिलेंस टीम को ना तो इस बारे में सूचना है ना ही पुलिस वालों को. और यदि है भी तो फिर जानबूझकर अनजान बने हुए हैं. शायद इसीलिए पहाड़ तालाबों में तब्दील हो गए. बताया जा रहा है यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि वास्तव में जो जुर्माना अवैध खनन करने वालों पर लगना चाहिए या जो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए वह मिलीभगत के चलते नहीं हो पाती और हौसले बुलंद होते जा रहे हैं.

राजस्थान से जुड़े पर्यावरणविद सूरज सोनी ने इसे बेहद ही भयावह स्थिति बताया है. उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय आतंकियों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई हो. पूरे मामले में स्टोन क्रशर्स की भूमिका के साथ किस रसूखदार के इशारे पर यह अवैध खनन हुआ इसकी भी तुरंत जांच हो. यह भी देखा जाए कि विभाग स्तर पर कहां लापरवाही हुई.

पर्यावरण के क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय प्रभु फाउंडेशन के रामयश चौबे ने कहा कि जब राजस्थान के मुख्यमंत्री खुद अशोक गहलोत साफ कह चुके हैं कि अवैध खनन के  मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए फिर भी इसमें किस जगह पर लापरवाही हुई, कौन वह लोग हैं जिनके चलते पहाड़ दरिया में तब्दील हो गए, जिससे पर्यावरण को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा. इसकी खुद सीएमओ के स्तर पर जांच और कार्रवाई होनी चाहिए.

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