क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ राजस्थान में 75 हज़ार शिकायतें मिली, CM के आरोपियों को जेल भेजने और निवेशकों को पैसा दिलाने के निर्देश


जयपुर. राजस्थान में क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले सोसाइटी संचालकों की अब खैर नहीं होगी. राजस्थान सरकार ने एक्शन प्लान तैयार किया है जिसके तहत सरकार को मिली 75 हजार से अधिक शिकायतों को आधार बनाकर तुरंत कार्रवाई करने और निवेशकों को उनका पैसा दिलाने की तैयारी राजस्थान सरकार ने कर ली है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बैठक की. और कहा कि 'लोगों की खून-पसीने की कमाई हड़पने वाली क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों से निवेशकों का पैसा दिलाने के लिए संबंधित एजेंसियां कानूनी प्रावधानों का अध्ययन कर आवश्यकता के अनुरूप उनमें बदलाव करें. यह एक ऐसा गंभीर मामला है जिसके कारण लाखों लोगों को मेहनत से कमाया पैसा गंवाना पड़ा. हमारा प्रयास है कि निवेशकों को उनका पैसा और अपराधियों को सजा मिले.'

मुख्यमंत्री निवास पर क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों के संबंध में समीक्षा की गई. CM ने निर्देश दिए कि गांव-ढाणी तक इन सोसायटियों ने अपना जाल बिछाकर गरीब लोगों को ठगा है, भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों यह सुनिश्चित करने के साथ-साथ वर्तमान प्रकरणों में एसओजी, सहकारिता विभाग आदि प्रभावी कार्रवाई अमल में लाएं. राज्य की एजेंसियां इसके लिए केन्द्रीय एजेंसियों से भी समन्वय करें.एसओजी इन प्रकरणों में त्वरित अनुसंधान कर निष्कर्ष तक पहुंचे और पता लगाए कि आखिर निवेशकों का पैसा किस तरह खुर्द-बुर्द किया गया ताकि उस पैसे को वापस दिलाने के लिए आगे की कार्रवाई की जा सके.'

बैठक में CM ने कहा कि केवल ’राज सहकार पोर्टल’ पर ही आदर्श, संजीवनी, नवजीवन, सहारा सहित अन्य मल्टी स्टेट सोसायटीज तथा स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटीज के विरूद्ध पैसा हड़पने की 75 हजार से अधिक शिकायतें प्राप्त होना यह बताता है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों के साथ खिलवाड़ हुआ है. हमारा दोहरा दायित्व है कि एक तरफ जहां अपराधियों को जेल भिजवाएं वहीं निवेशकों को उनका पैसा दिलाएं. गृह, सहकारिता, वित्त एवं अन्य संबंधित विभाग मिलकर प्रदेश में ऐसा सिस्टम विकसित करें जिससे अनरेगुलेटेड (अनियमित) जमा स्कीम्स को हतोत्साहित किया जा सके, ताकि कोई भी अवैध सोसायटी अधिक ब्याज का लालच देकर लोगों से पैसा न हड़प सके. लोगों को ऐसी सोसायटियों से बचाने के लिए जागरूक भी किया जाए.

बैठक में एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक अशोक राठौड़ ने बताया कि सोसायटीज द्वारा ठगी के विभिन्न थानों में डेढ़ हजार से अधिक केस दर्ज हैं. ऐसे कई प्रकरणों में एसओजी भी तफ्तीश कर रहा है और कई अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजने में भी सफलता मिली है. हमारा प्रयास है कि फोरेंसिक ऑडिट के माध्यम से पैसे के हस्तान्तरण की अन्तिम कड़ी तक पहुंचा जाए.

रजिस्ट्रार सहकारी समितियां मुक्तानंद अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों के कारण केन्द्र ने मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के विरूद्ध दर्ज शिकायतों में इस्तगासे पेश करने के लिए राज्य सरकार के रजिस्ट्रार, सहकारी समितियों को अधिकृत कर दिया है. इससे केन्द्रीय रजिस्ट्रार के यहां पंजीकृत मल्टी स्टेट सोसायटियों पर राज्य में भी कार्रवाई की जा सकेगी. बैठक में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, सहकारिता राज्य मंत्री टीकाराम जूली, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं सहकारिता कुंजीलाल मीणा, प्रमुख शासन सचिव विधि विनोद भारवानी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.