'आई मिलन की बेला', कांग्रेस में एक दूसरे को फूटी आंख न सुहाने वाले पायलट-गहलोत की हुई मुलाकात


जयपुर. राजस्थान की सियासत में गुरुवार का दिन कई बड़ी उठापटक के नाम रहा. एक ओर जहां भाजपा विधायक दल की बैठक में वसुंधरा राजे नजर आई, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में एक दूसरे के धुर विरोधी सचिन पायलट और अशोक गहलोत का मिलन भी हो गया.  इस बैठक के दौरान कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद रहे.

मुलाकात के दौरान सबसे ज्यादा खुशी राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल के चेहरे पर देखने को मिली. बड़ी बात यह रही कि इस मुलाकात के वक़्त सचिन पायलट के चेहरे पर जहां सफेद कलर का मास्क था वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चेहरे पर काले रंग का मास्क लगा हुआ नजर आया.  

 

गुरुवार सुबह ही अशोक गहलोत ने कहा था कि 'कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी के नेतृत्व में डेमोक्रेसी को बचाने की है. पिछले एक माह में कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी नाइत्तेफ़ाकी हुई है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में हमें फॉरगेट एन्ड फॉरगिव, आपस में भूलो और माफ करो, आगे बढ़ो की भावना के साथ अब डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई में लगना है.'

 

इसके थोड़ी देर बाद ही कांग्रेस से निलंबित किए गए विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह का निलंबन भी वापस ले लिया गया. पायलट और गहलोत की इस मुलाकात के साथ ही यह स्पष्ट हो गया कि फिलहाल राजस्थान में कांग्रेस सरकार के ऊपर मंडरा रहा सियासी संकट खत्म हो चुका है.

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बागी हो चुके सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों की कांग्रेस में घर वापसी होने के बाद CMR पर यह मुलाक़ात काफी अहम रही. इसके बाद विधायक दल की बैठक भी हुई. जिसमे आगामी विधानसभा सत्र की रणनीति भी बनाई गई. जिसमें पायलट खेमे के विधायक भी शामिल हुए.

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पायलट की वापसी के बाद ये पहली मुलाकात थी. इस दौरान पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे. इससे पहले गुरुवार को राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि 'राज्य में पिछले एक महीने में जो भी सियासी घटनाक्रम हुए हैं उसे भूलने की जरूरत है, ये लोकतंत्र के हित में हैं.'