क्या बेटी द्वारा ससुराल पक्ष पर की गई एफआईआर बनी आईएएस मेघराज रत्नू पर एसीबी के शिकंजे का मजबूत आधार


जयपुर. कहते हैं कई बार जल्दबाजी में और बिना सोचे समझे किए गए काम किसी बड़ी आफत से कम नहीं होते। सूत्रों की मानें तो ऐसा ही कुछ राजस्थान के आईएएस मेघराज रत्नू के मामले में हुआ है। जहां आय से अधिक संपति के मामले में रत्नू एसीबी की रडार पर हैं उनकी संपति की लगातार जांच की जा रही है। 

बता दें कि भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति मामले में आईएएस मेघराज सिंह रत्नू के परिसरों की तलाशी ली थी। उनके रिश्तेदारों तक के प्लाॅट खंगाल डाले। रत्नू की संपति किसी बडे बिजनेसमैन से कम नहीं निकली। पर सूत्रों की माने तो इस मामले की शुरुआत संभवतः मेघराज सिंह रत्नू की बेटी महिजा रत्नू द्वारा अपने पति और ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और 
घरेलू हिंसा का केस दर्ज (29/7/2023) कराने के साथ ही हो गई थी। 
एक ओर जहां रत्नू का परिवार बेटी के ससुराल पक्ष के खिलाफ लगातार प्रभाव का इस्तेमाल कर कार्रवाई करवाने में जुटा था वहीं ससुराल पक्ष भी कम प्रभावी नहीं है। ऐसे में दो बड़े घरानों की आपसी लड़ाई से दोनों ही अब कोर्ट कचहरी और पुलिस, एसीबी के चक्कर में घनचक्कर हो रहे हैं। 

रत्नू की बेटी ने अपनी एफआईआर में दर्ज कराया कि मेघराज रत्नू ने 250 तोला सोना, 20 से 22 लाख रुपये के कपड़े, 5 किलो बेशकीमती सिक्के और अन्य महंगा घरेलू सामाना दहेज में शादी के वक्त दिया था। 
रत्नू ने अपनी हेसियत से ज्यादा पैसा खर्च किया था। शादी पर खर्च का हिसाब डेढ़ करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। जिसका जिक्र एसीबी ने भी अपने प्रेस नोट में किया है। शादी इतनी भव्य की गई थी कि महंगी विदेशी शराब के साथ होटल मैरियट और एंटरटेनमेंट पैराडाइज के लॉन में समारोह आयोजित हुए। कई ब्यूरोक्रेट्स और शाही मेहमानों के हिसाब से बड़ा खर्चा किया गया था। 

बस ससुराल पक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते वक्त उनकी बेटी द्वारा कुछ ऐसी ही  स्वीकारोक्ति ने मेघराज रत्नू के सारे करियर पर पानी फेर दिया। इसी के चलते रत्नू पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का एक बड़ा सबूत यह एफआईआर बन गई। 

बताया जाता है कि 12 दिसंबर, 2018 को मेघराज सिंह रत्नू की बेटी महीजा की शादी अशोक सिंह के बेटे समर्थ सिंह से हुई थी. एफआईआर के मुताबिक समर्थ सिंह और उसके परिवार ने महीजा को शादी के पहले दिन से ही प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था. महिजा ने एफआईआर में आरोप लगाया कि उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और समर्थ परिवार उदयपुर में एक रिसॉर्ट विकसित करने के लिए मेघराज रत्नू से 5 करोड़ रुपये की मांग कर रहा था।

मेघराज सिंह रत्नू आईएएस हैं या कोई बड़े बिजनेसमैन? जांच के दौरान एसीबी भी चौंक गई आईएएस रत्नू की संपति देखकर, यहां देखें क्या क्या है रत्नू के पास

एफआईआर के अनुसार समर्थ सिंह के पिता अशोक सिंह एक बड़ा व्यवसाय चलाते हैं जिसका टर्नओवर 116 करोड़ रुपये है और उनका अहमदाबाद में एक गोदाम है जिसका मासिक किराया ही 10 लाख रुपये है। महिजा ने आरोप लगाया कि उसके ससुराल वालों ने उसे परेशान किया है और धमकी दी है कि उनके रिश्तेदार सरकार में मजबूत पदों पर हैं।
उन्होंने कहा कि उनके ससुराल वाले उन पर दबाव बनाने के लिए पूर्व आईएएस सी.डी. आहडा और आईपीएस हिंगलाजदान का नाम लेते थे।

बहरहाल मामला कुछ भी रहा हो लेकिन माना जा रहा है कि दो परिवारों की लड़ाई के बाद यह सारा माजरा इस स्तर पर पहुंच गया है। जिसके चलते पूरा खेल बिगड़ गया और गुप्त बातें बाहर पहुंची और मेघराज रत्नू के खिलाफ एसीबी ने कार्रवाई की। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं कि जिस तरह से रत्नू ने अकूल संपति कमाई है वो एक प्रमोटी आईएएस के लिए वेतन से कमाना संभव नहीं है। ऐसे में रत्नू के बुरे दिन जरूर शुरू हो गए हैं। 

उधर एडीजी एसीबी लगातार मामले में प्रभावी कार्रवाई में जुटे हैं, उनका कहना है कि पुलिस की खुफिया शाखा को मिले इनपुट के आधार पर यह कार्रवाई की गई। 
शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए एसीबी को उनके घर, कार्यालय और रिश्तेदारों के आवासों पर चलाए गए तलाशी अभियान में 30 करोड़ रुपये की 12 संपत्तियों के दस्तावेज, 6 लाख रुपये नकद, सोने और कीमती आभूषण और संदिग्ध डायरियां मिलीं।