जानिए पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कैसे उगला भारत के खिलाफ जहर, 10 बड़ी बातें


जम्मू-कश्मीर से Article 370 खत्म करने के पाकिस्तान में मातम मनाने का दौर समाप्त नहीं हो रहा है. पाकिस्तान की बौखलाहट बुधवार को यानी 14 अगस्त 2019 को उसके 72वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी देखने को मिला। पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इस दौरान अपने भाषण ना केवल जहर उगला बल्कि कश्मीर मुद्दे को लेकर लोगों को भड़काने की भी भरसक कोशिश की और भारत के खिलाफ सबसे बड़ा युद्ध छेड़ने का भी ऐलान कर दिया है. अपनी आवाम से भारत के खिलाफ सबसे बड़े युद्ध में साथ देने की अपील की. पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के भाषण की दस बड़ी बातें जो उन्होंने कही-

1- एक बड़ा काम आप पाकिस्तानी आवाम भी कर सकते हैं, मैं आम पाकिस्तानी नागरिकों से अपील करना चाहता हूं कि अगर वह भी कश्मीर का हल चाहते है तो सोशल मीडिया के जरिए आप भारत की भयानक चीजें दुनिया के सामने लाएं. दुनिया को वो फोटो दिखाई जाएं, जो कश्मीर से निकल रही हों. ये हमारे लिए सबसे बड़ी जंग है. ये मैं पाकिस्तानी सिविलियन से अपील करना चाहता हूं कि इस रास्ते को अख्तियार करें.

2- पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा, 'हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से मांग करते हैं कि वह कश्मीरियों पर हो रहे जुल्मों की जांच के लिए एक जांच कमेटी भेजे.' ये है सचः यूएनएससी समेत किसी भी अन्य देश या अंतरराष्ट्रीय संगठन से पाकिस्तान को अब तक कोई मदद नहीं मिली है. सभी ने इसे भारत का आंतरिक मामला बता, उसकी आवाज को अनसुना कर दिया है.

3- आज का दिन कश्मीर के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। पूरी दुनिया देख रही है कि आज पूरी पाकिस्तानी कौम, अपने भाईयों के साथ खड़ी है। पाकिस्तान तब तक कश्मीरियों की मदद करता रहेगा, जब तक उन्हें उनके अधिकार वापस नहीं मिल जाते। राष्ट्रपति ने कहा, 'कश्मीरी हमारे और हम कश्मीरियों के हैं। हम इनकी तकलीफ को अपनी तकलीफ समझते हैं। इनका दुख हमारा दुख है।' ये है सचः घाटी को अशांत करने और वहां के युवाओं का भविष्य करने के लिए केवल पाकिस्तान ही जिम्मेदार है.

4. भारत ने इस एकतरफा फैसले से न केवल पाकिस्तान के खिलाफ साजिश की है, बल्कि शिमला समझौते को भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया है. जम्मू-कश्मीर पर भारत की मनमानी पाकिस्तान किसी तौर पर कुबूल नहीं करता. हम इनके साथ थे, साथ हैं और इंशा अल्लाह हमेशा साथ रहेंगे.ये है सचः घाटी में आतंकी हमला हो या पत्थरबाजी, पाकिस्तान हमेशा भारत के खिलाफ साजिश रचता रहा है.

5. शिमला समझौते में तय हुआ था कि कश्मीर के मसले को दोनों देश बातचीत से हल करेंगे. कोई भी मुल्क एकतरफा फैसले से कश्मीर के मौजूदा सूरत-ए-हाल में कोई परिवर्तन नहीं करेगा. भारत का ये कदम शिमला समझौतों की तमाम शर्तों का उल्लंघन करता है.

6- पाकिस्तान एक अमन पसंद मुल्क है और मैं इसे दोहराना चाहता हूं कि पाकिस्तान एक अमन पसंद मुल्क है. भारत बातचीत से कश्मीर मुद्दे का हल निकाले और हमारी अमन पसंदी को हमारी कमजोरी न समझे. हम कभी जंग की तमन्ना नहीं करते, लेकिन जंग थोपी जाए तो रास्ता जेहाद का ही रह जाता है.

7. जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने सियासी मामले सुलझाने के लिए रायशुमारी का हक हासिल है, लेकिन भारत ने अपनी हटधर्मी से कश्मीरियों को ये हक कभी इस्तेमाल नहीं करने दिया है.

8. पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों की हिमायत करता है. भारत ये बात न भूले कि कश्मीर के तीन पक्ष हैं, भारत-पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर की आवाम. ये बात तय शुदा है. नौ लाख सैनिकों की मौजूदगी की वजह से कश्मीर इस वक्त दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य क्षेत्र बना हुआ है। यहां अपनी आवाज उठाने का प्रयास कर रहे कश्मीरियों को गिरफ्तार किया जा रहा है. मोबाइल और इंटरनेट जैसी सेवाएं बंद कर भारत ओछे हथकंडे अपना रहा है.

9- अगर हम पर जंग थोपी गई तो ये जंग केवल दो मुल्को की जंग नहीं होगी, बल्कि पूरी दुनिया इसका असर महसूस करेगी. हम अब भी भारत सरकार को कहना चाहते हैं कि वह होश से काम ले और हालात को उस स्थिति में न ले जाए, जहां से वापसी मुमकिन न हो.

10. पाकिस्तान राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अपने भाषण की शुरूआत और अंत दोनों कश्मीर से ही किया. भाषण के अंत में उन्होंने कहा, 'मैं अपने कश्मीरी भाईयों को एक बार फिर ये यकीन दिलाना चाहता हूं कि पाकिस्तान हर फोरम पर इनका मुकदमा भरपूर कुव्वत से लड़ेगा और इनकी हिमायत से कभी भी पीछे नहीं हटेगा.'