क्यों है मोदी का नेतृत्व करिश्माई? किन 10 बड़े कारणों से आज उनकी लोकप्रियता है चरम पर, जानिए


नई दिल्ली. आज न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में एक बहस छिड़ी है कि क्या नरेंद्र मोदी आजाद भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री बन चुके हैं? चाहे बात मोदी के काम करने के तरीके की हो या बोल्ड डिसीजन लेने का तरीका, या फिर बात हो उनके भाषण शैली की. उनकी लोकप्रियता हर स्तर पर चरम पर है. हाल में आज तक चैनल और कार्वी इनसाइट ने अपने सर्वे में पाया कि नरेंद्र मोदी भारत के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शुमार है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी अपने पीछे छोड़ दिया है. पर ऐसे क्या 10 बड़े कारण हैं, जो मोदी की लोकप्रियता को इस तरह से चरम पर पहुंचाएं हुए हैं.

देश के जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक सुभद्र पापड़ीवाल ने क्या 10 कारण मोदी की लोकप्रियता के बताए हैं जानिए.

"नरेंद्र मोदी की सफलता के 10 प्रमुख कारण"

1- कृषि क्षेत्र में फ़सल बीमा योजना, यूरिया नीम कोटिंग, सोईल हैल्थ कार्ड, पेंशन योजना, समर्थन मूल्य में वृद्धि आदि आधारभूत सुधारों से विश्वास का वातावरण बना।

2- महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों के साथ नारी प्रधान योजनाओं के सफल क्रियान्वयन ने भारतीय नारियों में अभूतपूर्व विश्वास और उत्साह का संचार किया और भारत के प्रधानमंत्री को अभूतपूर्व समर्थन मिला।

3- भारत का प्रतिपक्ष भाजपा को हिंदुत्व के विषय पर घेरने में व्यस्त रहा जबकि नरेंद्र मोदी ने हिंदुत्व की अवधारणा को राष्ट्रीय गौरव की तरफ मोड़ दिया जिसे समझने में विपक्ष पूरी तरह विफल रहा और चुनावों में लगभग निहत्था रह गया।

4-उज्ज्वला, डिजिटल भारत और स्वच्छ भारत जैसी अनेकों योजनाओं ने धरातल पर प्रतिपक्ष के अंदेशों से अधिक सकारात्मक परिणाम दे दिया जिससे विरोधियों के आरोपों की धार का पैनापन समाप्त हो गया।

5- विदेश नीति में बहुत बड़ा बदलाव करते हुए प्रधानमंत्री ने दो तीन बड़े देशों पर समय और ऊर्जा का नियोग बहुत कम करके छोटे छोटे देशों के एक बहुत बड़े समूह में अघोषित नेतृत्व, स्वीकार्यता, समर्थन और बढ़त हासिल कर ली। इससे महाशक्तियों ने स्वत ही भारत के पक्ष में सकारात्मक रुख बना लिया।

6- केन्द्र के सीधे नियंत्रण वाले सभी विभागों में चलने वाली भ्रष्टाचार की अघोषित मूल्य सूची पर प्रभावशाली रोक लगा कर प्रधानमंत्री ने अपनी जीरो टालरैंस नीति का लोहा मनवाया। जीएसटी, नोटबंदी, काला धन से जुड़े हुए मामलों में आम आदमी और छोटे व्यापारी परेशान जरूर हुए लेकिन फिर भी उन्होंने मोदी का साथ नहीं छोड़ा और कांग्रेस इसे भुनाने में नाकामयाब रही.

7- केंद्र की लगभग 440 योजनाओं के मद में खर्च किए गए लगभग 7 लाख करोड़ रुपए बिना किसी मध्यस्थ के सीधे लाभार्थियों के खाते में जमा होने से सरकार की साख में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।

8- राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय पर शून्य समझौता के सिद्धांत पर चल कर कश्मीर, पाकिस्तान और म्यांनमार में दुश्मन पर कठोर कार्रवाई करके देश में अभूतपूर्व गौरव का माहौल बना दिया।

9- महंगाई दर को लगातार न्यूनतम स्तर पर बनाए रखने, विकास दर को लगातार उच्चतम बनाए रखने, विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार वृद्धि होने, ढांचागत विकास में लगभग 60-70% की बढ़ोतरी होने एवं जी एस टी के सकारात्मक परिणाम आने से प्रतिपक्ष के हाथ से सबसे मजबूत हथियार भी छिन गया।

10- देश के नौजवानों और नए मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी में एक भरोसेमंद रोल-मॉडल की छवि को देखकर इकतरफा समर्थन दिया। इस पूरे वर्ग को नरेंद्र मोदी की टीम ने डिजिटल क्रांति के माध्यम से इस तरह से जोड़ा की कोई चाह कर भी नरेंद्र मोदी से दूर नहीं जा सका. मोदी की ब्रांडिंग में सोशल मीडिया टीम का जबरदस्त रोल रहा. इसी टीम ने राहुल गांधी की छवि को नरेंद्र मोदी के सामने बहुत कमजोर किया.

(नोट- यह लेखक के निजी विचारों पर आधारित लेख है)