एक्शन में राजस्थान सरकार, भ्रष्टाचार के खिलाफ जनहित में जीरो टोलरेंस नीति के तहत किया जाएगा कार्य


जयपुर। नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अधिकारियों को जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करने के निर्देश दिए, जिससे विभागों में कार्य प्रणाली पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार रहित होगी। बैठक में जयपुर विकास आयुक्त, आयुक्त - राजस्थान आवासन मंडल, निदेशक स्वायत्त शासन विभाग, आयुक्त नगर निगम हैरिटेज एवं ग्रेटर, संयुक्त सचिव - नगरीय विकास विभाग, सचिव जेडीए सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। माननीय यूडीएच मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए की 100 दिन की कार्य योजना तैयार कर जो कि धरातल पर नजर आए एवं वास्तविक रूप से पूर्ण कर सकें, ऐसी कार्ययोजना तैयार की जाये। स्वायत्त शासन विभाग में निहित समस्त संस्थाओं को निर्देश दिए गए कि किसी भी परिवादी का जायज कार्य रोका नहीं जाये। 

अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से समन्वय पश्चात आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए कि समस्त विकास कार्य समय सीमा में ही पूर्ण करें। सरकारी विभागों में समस्त प्रकार के विकास कार्य करने से पूर्व संबंधित विभाग आपसी समन्वय स्थापित करे। भविष्य में सड़क लंबे समय तक खराब नहीं हो, इस हेतु सड़क बनाने से पूर्व प्रभावी प्लानिंग की जावे। नगर पालिकाओं में जो सीसी सड़क बनाई गई है वह उचित रूप से बनी हुई नहीं है।

हेरिटेज नगर निगम जयपुर क्षेत्र में जो स्थाई एवं अस्थाई अनाधिकृत अतिक्रमण हुए हैं उनका चिन्हीकरण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। गत 5 वर्षो में भूमि के बदले भूमि के कितने प्रकरण आए हैं उनकी सूची एक सप्ताह में तैयार कर प्रस्तुत करें। भूमि के बदले भूमि से संबंधित प्रकरणों में भविष्य में कोई भी कार्यवाही ना करें जो प्रकरण जिस स्थिति में है आगामी आदेशों तक उसे वही रोकने के निर्देश दिए गए। पूर्ण समीक्षा के पश्चात ही कार्यवाही की जाने के निर्देश दिए गए।

यू - 1, यू - 2, यू - 3, इकोलॉजिकल क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अनधिकृत गतिविधियां वर्तमान में चल रही है, उन पर तुरंत कार्यवाही कर बंद करवाने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री जन आवास योजना से संबंधित कितने प्रोजेक्ट लंबित हैं एवं किस कारण पूर्ण नहीं हो पाए हैं और उनको कैसे पूर्ण किया जा सकता है, की रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश प्रदान किए गए। पिछले 4 साल में प्रदेश में भूमि आवंटन किस-किस व्यक्ति अथवा संस्था को किस उद्देश्य से किए गए हैं और जिस उद्देश्य से किए गए हैं वह वर्तमान में पूर्ण हुए हैं या नहीं से संबंधित सूची तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

भू उपयोग परिवर्तन से संबंधित की गई कार्यवाहियों की सूची तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। सुविधा क्षेत्र में भूखंड सृजित कर भूमि बेची गई है, ऐसे प्रकरणों की जांच करने के निर्देश प्रदान किए गए।

90 बी प्रक्रिया के पश्चात जो मानचित्र प्रस्तुत किए गए थे और उन मानचित्रांे में बार-बार परिवर्तन क्यों किये गये है, ऐसे प्रकरणों में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है, की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए। नगर पालिका क्षेत्र में नियम विरुद्ध जितने भी पट्टे जारी किए गए हैं उनकी सूची बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

यूडीएच मंत्री ने कहा कि कचरा संग्रहण पर जितनी धनराशि व्यय की जा रही है, अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में नगर निकायों द्वारा कितनी धनराशि कचरा संग्रहण कार्य पर व्यय की गई है, का कार्य रिपोर्ट विवरण तैयार कर 15 दिवस में प्रस्तुत करने के निर्देश प्रदान किए गए।

गत 3 वर्षों में प्रत्येक नगर निगम द्वारा लीगसी वेस्ट पर कितना व्यय किया गया है, की सूची तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश प्रदान किए गए।

तीन वर्षों में नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट्स हेतु किस-किस कंपनी से कितना-कितना साम्रगी खरीदी गई है एवं कितना-कितना भुगतान किया गया है, की सूची तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

द्रव्यवती नदी परियोजना में शेष रहे कार्याे की सूची प्रस्तुत करें एवं परियोजना में साफ पानी नहीं आने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है, से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश प्रदान किए गए।

विकास प्राधिकरणों में 90 ए की कार्यवाही होने के पश्चात लेआउट अनुमोदन से संबंधित कितने प्रकरण किस-किस जोन में कितने दिनों से लंबित है एवं किस वजह से लंबित हैं, की रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश प्रदान किए गए। जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा एसएमएस अस्पताल में निर्माणाधीन आईपीडी टावर के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उनका तीन दिवस में संक्षिप्त विवरण तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

अवाप्तशुदा भूमियों के संबंध में विभिन्न न्यायालयों में वाद लंबित है, उन पर आदिनांक कितनी कार्रवाई की गई है। उनकी सूची तैयार की जावे एवं इनका यथाशीघ्र निस्तारण करने के लिए प्रभावी पैरवी की जानी चाहिए, इस हेतु विस्तृत नोट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

नर्सरी, बाग-बगीचों को नष्ट कर दूसरी गतिविधियां संचालित की जा रही है तो इस पर क्या कार्यवाही की जानी चाहिए जिस उद्देश्य से छूट ली गई थी, उसका पालन हुआ है या नहीं हुआ है, की सूची तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

स्वायत्त शासन विभाग के अधीन नवसृजित नगर पालिकाओं में आदिनाक तक अध्यक्ष नियुक्त नहीं किए गए है, ऐसी नगर पालिकाओं की सूची निदेशक स्वायत्त शासन विभाग को तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

जेडीए द्वारा 176 पाक विस्थापितो को गोविंदपुरा में भूखण्डों का आवंटन किया गया था परंतु अन्य व्यक्तियों द्वारा भूमि पर अतिक्रमण कर लिया गया है एवं आवंटी मौके पर काबिज है या नहीं। इस संबंध में जोन 8 द्वारा क्या कार्यवाही अमल में लाई गई है एवं क्या पाक स्थापितों को कब्जा संभलवाया गया है, की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश प्रदान किए गए।

राजस्थान आवासन मंडल के अधीन प्रताप नगर में जितने भी अतिक्रमण हुए हैं उन अतिक्रमणों पर आज दिनांक तक कितनी कार्यवाही की गई है इस संबंध में आयुक्त राजस्थान आवासन मंडल से जानकारी ली गई। 

प्रदेश में विभिन्न नगर पालिकाओं में हो रही अनियमितताओ की जांच करने के लिए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को निर्देश प्रदान किए गए।

वर्ष 2018 में नगर निगम द्वारा सफाई कर्मचारियों की नियमित नियुक्तियों की गई थी। वें सिर्फ सफाई कर्मचारी का कार्य कर रहे हैं या कोई अन्य कार्य संपादित कर रहे हैं, इस संबंध में निदेशक स्वास्थ्य शासन विभाग को 15 दिवस में सफाई कर्मचारी सफाई से संबंधित कार्य ही करें अन्यथा संबंधित कर्मचारियों की सैलरी रोक दी जावेगी, का आदेश जारी करने के निर्देश प्रदान किए गए।

उन्होंने निर्देश प्रदान किए की 31 जनवरी 2024 के पश्चात सभी कार्यालय में समस्त कार्य ऑनलाइन ही संपादित किए जाएं।

माननीय यूडीएच मंत्री श्री झाबर सिंह खर्रा समस्त अधिकारियों को निर्देश प्रदान किए गए कि कार्य प्रणाली पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार रहित हो।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंगलवार को आयोजित बैठक में जो भी निर्देश प्रदान किये गये है। इस पर आगामी 15 दिवस की अवधि में पालना करें एवं 15 दिवस पश्चात् पुनः बैठक ली जायेगी। 

उन्होंने निर्देश दिये कि विभागों द्वारा जनहित में कार्य किये जायें, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके तथा आमजन को पारदर्शी कार्यप्रणाली से निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण हो सके। हमें आमजन के हित को ध्यान में रखकर कार्य किया जाना है।