आईसीआईसीआई लोन फ्रॉड केस में वीडियोकॉन के फाउंडर वेणुगोपाल धूत भी गिरफ्तार


मुंबई। आईसीआईसीआई बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने सोमवार को वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले सीबीआई ने शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने 3 दिन की कस्टडी में भेज दिया था। आरोप है कि चंदा कोचर ने वीडियोकॉन की विभिन्न कंपनियों को नियमों को ताक पर रखकर कुछ लोन स्वीकृत किए थे। धूत की कंपनी वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया गया और इसके बदले धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी नूपावर में अपना पैसा निवेश किया। आरोप है कि इस तरह चंदा कोचर ने अपने पति की कंपनी के लिए वेणुगोपाल धूत को लाभ पहुंचाया। साल 2018 में यह खुलासा होने के बाद चंदा कोचर को बैंक से इस्तीफा देना पड़ा था। वर्ष 2012 में दिए गए 3250 करोड़ के लोन में से 2810 करोड़ रुपए नहीं चुकाए। वीडियोकॉन और उसकी ग्रुप कंपनियों के अकाउंट को जून 2017 में एनपीए घोषित कर दिया गया था। एनपीए घोषित होने से बैंक को घाटा हुआ।

चंदा कोचर के वकील के सवाल उठाने के बाद एक्शन
चंदा कोचर के वकील ने शनिवार को कोर्ट में कहा था कि चंदा ऐसी किसी भी कंपनी में डायरेक्टर या स्टेकहोल्डर नहीं थीं, जिसे लोन दिए गए थे। यह बयान ईडी को स्वीकार्य था और ईडी ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। लेकिन सीबीआई इस बयान से संतुष्ट नहीं हुई और गिरफ्तारी की गई। वकील ने कहा था कि इन लोन्स के लाभार्थी वीएन धूत हैं। उन्होंने सवाल किया कि अगर सीबीआई को लगता है कि फ्रॉड हुआ तो कोचर को ही क्यों गिरफ्तार किया गया लाभार्थी को क्यों नहीं।