अमेरिका में क्यों रोचक हुए राष्ट्रपति चुनाव? बाइडेन या ट्रंप भारी? क्यों बढा दी गई है सुरक्षा? मुस्लिमों ने किसका दिया साथ? स्पेशल रिपोर्ट


वाशिंगटन (न्यू जर्सी से निमिषा सिंह की रिपोर्ट). अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव बेहद रोचक दौर में पहुंच गए हैं. बहुमत के लिए 270 का जादुई आंकडा चाहिए और इस लिहाज से ना तो ट्रंप को और ना ही जो बाइडेन को यह आंकडा मिल सका है.  बडी बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 की मतगणना को शुरू हुए 12 घंटे से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. हालांकि जो बाइडेन इस मामले में अभी बढत लिए हुए दिखाई दे रहे हैं जहां 238 पर जो बाइडेन और 213 सीटों पर ट्रंप आगे हैं. 

 

चुनाव विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका के इतिहास में दशकों बाद इस तरह के हालात बने हैं कि जीत और हार का फैसला इतना मुश्किल हो गया है और मतगणना में इतना समय लग रहा है. अभी तक किसी के जीत के संकेत नहीं हैं. भले ही जो बाइडेन आंकडों में इस वक्त आगे हों लेकिन ट्रंप ने खुद की जीत को निश्चित बता दिया है.  

 

इस देरी का सबसे बडा कारण हैं इस बार भारी संख्या में पोस्टल बैलेट के जरिए किया गया मतदान. जिसमें वोटर ने क्या खुद इस पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल किया है या नहीं इसको लेकर सही और गलत होने का वेरिपिफकेशन किया जा रहा है ताकि फर्जी मतदान की आशंकाएं ना रहें. इसी कारण पोस्टल बैलेट की काउंटिंग में अधिक समय लग रहा है. वहीं इस पूरे चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किए गए वोट की काउंटिंग हो चुकी है. 

अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर जीत हासिल करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप या जो बाइडेन को इलेक्ट्रोरल कॉलेज वोट का 50 फीसदी से ज्यादा वोट पाना होगा. अमेरिका में इलेक्ट्रोरल कॉलेज के 538 वोट हैं. जिसका सीधा सा मतलब है कि जीतना है तो 270 या इससे अधिक वोट आपके पास होने जरुरी हैं.

डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन दोनों ही लगातार अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी जनता के साथ 'बड़ी धोखाधड़ी' की जा रही है और वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. ट्रंप ने तो आंकडों में पीछे होने के बावजूद यह  दावा कर दिया है कि वो चुनाव जीत चुके हैं. दूसरी तरफ जो बाइडेन ने काउंटिंग के बीच कहा कि वे चुनाव जीतने की राह पर हैं और उनकी नजर मिडवेस्टर्न बैटलग्राउंड के नतीजों पर है. बाइडेन ने अपने गृह राज्य डेलावेयर में लोगों से कहा, ''विश्वास रखें, हम यह चुनाव जीतने वाले हैं. इन सब हालातों के बीच हिंसा की आशंका को देखते हुए सुरक्षा के पुख्‍ता बंदोबस्‍त किए गए हैं. व्हाइट हाउस समेत प्रमुख वाणिज्य क्षेत्रों और बाजारों की सुरक्षा पुख्ता कर दी गई है. 

अमेरिका की एक संस्था मुस्लिम सिविल लिबर्टी एंड एडवोकेसी आर्गनाइजेशन के सर्वे में कहा गया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में 69 फीसद मुस्लिम वोटरों ने जो बाइडन को वोट किया जबकि केवल 17 फीसद ने ही ट्रंप को वोट दिए. करीब दस लाख से ज्यादा मुस्लिम-अमेरिकी वोटरों ने इस बार मतदान किया है, जबकि मुस्लिमों की आबादी की बात करे तो यहां 35 लाख की आबादी है.