भारत में 2020-21 के बजट की 10 प्रमुख क्षेत्रों से जुड़ी बड़ी घोषणाएं, कहीं खुशी-कहीं गम


नई दिल्ली. वर्तमान में लड़खड़ाती, बीमार और बेरोजगार भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती का डोस देने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री ने भारत देश का बजट पेश किया. बजट में कहीं खुशी तो कहीं गम देखने को मिला. इस हाथ दे दे, उस हाथ ले ले, यह है बजट का दस्तूर' कुछ ऐसा ही इस बजट में देखने को मिला. हालांकि ठंडी पड़ी अर्थव्यवस्था को रिवाइव करने के पूरे प्रयास मोदी सरकार ने इस बजट में किए हैं लेकिन परिणामों लेकर लोगों के मन में आशंकाएं भी हैं.

भारत की केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्‍त वर्ष 2020-21 के इस बजट में क्या खास घोषणाएं की इसको आइए इन दस बिंदुओं से संक्षेप्त में समझते हैं.

 

10 प्रमुख क्षेत्र और बजट घोषणाएं:

 

1- टैक्स स्लैब:

- टैक्‍स स्‍लैब 4 भागों में बांटकर पहले स्‍लैब में 2.5 लाख की आमदनी वालों को टैक्‍स से छूट दी गई.

- 2.5 लाख से 5 लाख तक पर 5%, 5 लाख से 7.5 लाख तक की आमदनी पर 10% (जो पहले 20 फीसद था), 7.5 लाख से 10 लाख तक की आमदनी पर 15 % (जो पहले 20% था) टैक्स लगेगा. 10 लाख से 12.5 लाख तक की आमदनी पर 20% (जो पहले 30% था) की दर से टैक्स लगेगा. 12.5 लाख से 15 लाख तक आमदनी पर 25% (जो पहले 30% था) टैक्स लगेगा. इसी स्‍लैब में 15 लाख रुपये से ऊपर की आमदनी पर पहले की तरह ही 30% की दर से टैक्स रहेगा.

 

2- चिकित्सा:

स्वास्थ्य बजट में 6000 करोड़ से अधिक की बढ़ोतरी, आयुष्मान भारत के लिए 6,400 करोड़ रुपए का बजट रखा गया. मिशन इंद्रधनुष का दायरा बढ़ाया गया, अब इनमें 12 बीमारियों को शामिल किया गया है. आयुष्मान भारत के लाभार्थियों के लिए टियर-2 और टियर-3 शहरों में पीपीपी मोड पर अस्पताल बनेंगे. प्रथम चरण में 112 जिलों से इसकी शुरुआत होगी. मेडिकल उपकरणों पर जो कर लगाया जाता है उसी रकम से इन अस्पतालों को तैयार किया जाएगा. स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12,300 करोड़ रुपए खर्च होंगे. टीवी हारेगा, देश जीतेगा, कैंपेन को सफल बनाया जाएगा.

 

3- शिक्षा:

जल्द नई शिक्षा नीति की घोषणा होगी. स्किल्ड प्रशिक्षण के लिए मार्च 2021 तक 150 उच्च शिक्षण संस्थान शुरू होंगे. क्‍वालिटी एजुकेशन के लिए डिग्री वाली ऑनलाइन योजनाएं शुरू होंगी. डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए हर जिला अस्पताल के साथ मेडिकल कॉलेज बनेगा. बजट में शिक्षा के लिए 99300 करोड़ और स्किल डेव्लपमेंट के लिए 3000 करोड़ रुपए का बजट आवंटित.

 

4- LIC और IDBI:

सरकार विनिवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए LIC का कुछ हिस्सा और IDBI बैंक में भी हिस्सेदारी बेचेगी. LIC का IPO जारी होगा.

 

5- रेलवे:

सरकार 27 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन करेगी वहीं 150 ट्रेनें PPP मोड पर शुरू की जाएंगी. सरकार तेजस जैसी ट्रेनों के माध्यम से प्रसिद्ध स्थलों को जोड़ने का काम करेगी. चार प्रमुख स्टेशनों के पुनर्विकास किया जाएगा और इन योजनाओं पर 18,600 करोड़ रुपये खर्च होंगे. रेल पटरियों के किनारे सोलर पॉवर ग्रिड बनाए जाएंगे. केंद्र सरकार की 25% की आर्थिक मदद 148 किमी में बेंगलुरू ऊपनगरीय ट्रेन सिस्टम तैयार किया जाएगा. रेलवे की खाली जमीन पर सोलर एनर्जी सेंटर और रेलवे लाइन के बगल में सोलर पैनल लगेंगे. 550 रेलवे स्‍टेशन पर वाईफाई की शुरुआत होगी.

 

6- ऊर्जा क्षेत्र:

ऊर्जा क्षेत्र के लिए 22,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया. देशभर में बिजली के पुरानें मीटरों को भी बदलने की योजना है, और आने वाले वक्त में देशभर में प्री पेड मीटर लगाए जाएंगे. खास बात यह होगी कि इन स्मार्ट मीटरों में रेट चुनने के साथ बिजली कंपनी को चुनने का विकल्प होगा. अगले तीन वर्षों में पुराने मीटरों को बदलकर प्री पेड स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है. अक्षय ऊर्जा के विकास पर भी सरकारी महकमा प्रभावी काम करेगा.

 

7- किसान:

किसानों से जुड़ी करीब 16 स्कीमों के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का फंड आवंटित. कुल फंड में कृषि, सिंचाई के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये की राशि शामिल. 15 लाख करोड़ रुपए का कर्ज किसानों को देने का लक्ष्य, मिल्क प्रोसेंसिंग क्षमता 108 मिलियन टन करने का लक्ष्य. पानी की कमी की समस्या दूर करने के लिए 100 ऐसे जिलों के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे. 20 लाख किसानों को सोलर पंप दिए जाएंगे. 15 लाख किसानों को ग्रिड कनेक्टेड पंपसेट से जोड़ा जाएगा. कृषि उड़ान लांच किए जाएंगे और ये प्लेन कृषि मंत्रालय की तरफ से चलेंगे. 100 सूखाग्रस्त जिलों के विकास पर काम किया जाएगा. दूध प्रसंस्‍करण क्षमता को वर्ष 2025 तक 53.5 मिलियन एमटी से दोगुना कर 108 मिलियन एमटी के स्‍तर पर पहुंचाया जाएगा. कृत्रिम गर्भाधान की कवरेज को मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाएगा. चारागाह को विकसित करने के लिए मनेरगा का संयोजन किया जाएगा.

 

8- उद्योग, निवेश, इन्फ्रास्ट्रक्चर:

मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सेमी कंडक्टर्स की मैन्युफै​क्चरिंग के लिए केंद्र सरकार खास पैकेज लाएगी. एमएसएमई (MSME) सेक्टर के लिए इनवॉइस फाइनेंसिंग सुविधा को बढ़ाया गया. इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिहाज से देशभर में नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी को लागू होगी. राजमार्गों के विकास की रफ्तार तेज होगी. उड़ान स्कीम के तहत 100 नए एयरपोर्ट्स बनाए जाएंगे. नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट पर 102 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे. इंडस्‍ट्री, कॉमर्स के विस्‍तार के लिए 27 हजार 300 करोड़ रुपए का बजट. भारत को मोबाइल हब बनाया जाएगा. 100 लाख करोड़ का नेशनल इंफ्रा फंड स्थापित होगा, नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी की होगी शुरुआत 2000 किलोमीटर तटीय इलाके में सड़क तंत्र स्थापित होगा.

 

9- स्वच्छ भारत:

स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12 हजार 300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. जहां आबादी 10 लाख से ज्यादा है, वहां साफ हवा एक बड़ी चुनौती है इस लिहाज से इस पर 4400 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. स्वस्थ भारत के लिए स्वच्छ भारत मिशन पर प्रभावी काम होगा, आवश्यक बजट दिया जाएगा.

 

10- स्टार्ट-अप्स:

आईपीआर के निर्बाध अनुप्रयोग और नियंत्रण की सुविधा के लिहाज से डिजिटल प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने पर काम होगा. नए और उभरते क्षेत्रों के साथ विभिन्न प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में ज्ञान अनुवाद क्लस्टर स्थापित होंगे. भारत के जेनेटिक लैंडस्केप की मैपिंग के लिए एक व्यापक डाटाबेस के सृजन के लिए दो नवीन राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान योजनाओं का शुभारंभ किया जाएगा. अवधारणा के साक्ष्य की डिजाइनिंग, इनके निर्माण और वैधीकरण के लिए और इन टेस्ट बेड्स को संपोषित करते हुए प्रौद्योगिकी कलस्टरों का स्तर आगे बढ़ाने के लिए छोटे पैमाने पर विनिर्माण कार्य सुविधा केन्द्रों की स्थापना की जाएगी. स्टार्टअप्स के पहले चरण के उद्भावन और विकास को बढ़ावा देने के लिए सीड फंड सहित प्रारम्भिक निधि पोषण प्रदान करने प्रस्तावित. क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय अभियान के लिए 5 वर्ष की अवधि के लिए 8,000 करोड़ रुपये के परिव्यय प्रदान करने का प्रस्ताव.