दुनिया का सबसे खूंखार, निर्दयी, बेशर्म आतंकी बगदादी मारा गया, बगदादी के 10 फैक्ट


वाशिंगटन/सीरिया. दुनिया का सबसे खतरनाक, खूंखार, निर्दयी, बेशर्म आतंकी अबु बक्र अल बगदादी मारा गया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इसकी अधिकारिक घोषणा कर दी है. हालांकि बगदादी के पहले भी कई बार इस तरह से मौत की खबरें आ चुकीं थी, लेकिन सब अफवाहें साबित हुईं थी. अमेरिका की सेना ने बगदादी को निशाने पर लेते हुए एक बेहद ही गोपनीय और हाईटेक ऑपरेशन को अंजाम दिया जिसमें बगदादी मारा गया. सीरिया के इदलिब प्रांत में बगदादी को निशाना बनाया गया. अमेरिका के एयर स्ट्राइक में बगदादी का उत्तराधिकारी अल मुहाजिर भी मारा गया.

उधर इससे ठीक कुछ घंटे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी किसी बड़ी घटना के होने का संकेत दिए थे. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'अभी तुरंत कुछ बहुत बड़ा हुआ है' हालांकि उन्होंने यह जाहिर नहीं किया था कि यह ट्वीट किस घटना के बारे में है'. अमेरिकी आवाम के साथ पूरी दुनिया ट्रम्प के इस ट्वीट के खुलासे का बेसब्री से इंतजार कर रही थी.

बगदादी से जुड़े 10 फैक्ट-

1 - बगदादी का जन्म 1971 में इराक के समारा शहर में हुआ था. उसका असली नाम इब्राहिम अवाद इब्राहिम अली मुहम्मद अल बद्री अल सामाराई है. 16 मई 2010 को आईएसआईएस के मुखिया के तौर पर दुनिया के इस सबसे अमीर आतंकवादी संगठन की कमान संभालने वाला बगदादी पहले से अलकायदा के कमांडर ओसमा बिन लादेन का मुरीद रहा. वो अल-कायदा के आका की मौत का बदला लेना चाहता था.

2 - बगदादी काफी पढ़ा लिखा आतंकवादी था. उसने साल 1996 में बगदाद विश्वविद्यालय से इस्लामिक अध्ययन में स्नातक और उसके बाद कुरान स्टडीज में मास्टर और पीएचडी की डिग्री हासिल की थी.

3 - शुरुआत में बगदादी मौलवी हुआ करता था. कुछ लोगों का दावा है कि 2003 के पहले सद्दाम हुसैन के समय ही बगदादी आतंकवादी बन गया था. लेकिन दूसरा दावा है कि कैंप बुक्का में अमेरिकी हिरासत के दौरान वह आतंकवादी बना. बगदादी बाद में अलकायदा के इराकी डिवीजन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक से जुड़ गया और 2010 में इसका प्रमुख बन गया.

4- 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सैनिकों ने मार डाला. इसके बाद संगठन की कमान अल जवाहरी के हाथ में आई. बगदादी ने अल जवाहरी के नेतृत्व से अलग होकर अलग संगठन बनाने का ऐलान किया. 2013 में उसने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) का गठन किया, जिसका स्थानीय नाम दाऐश है. इसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवनेंट नाम से भी जाना जाता है. वहीं अलकायदा के इराकी डिवीजन का सीरियाई भाग नुसरा फ्रंट था, जो आईएसआईएस में शामिल नहीं हुआ. इसे अब अल नुसरा फ्रंट के नाम से जाना जाता है.

5- 2014 में बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित कर दिया, जिसके बाद मुस्लिम देशों में ही उसका विरोध शुरू हो गया था.

6- अबु बक्र अल बगदादी को मारने का दावा पिछले पांच सालों में कई बार हो चुका है, लेकिन बगदादी अभी तक जिंदा था. ISIS के अस्तित्व को बचाने के लिए बगदादी लगातार सक्रिय था. वो आखिरी बार 2014 में दिखा था और इसके बाद फिर गायब हो गया था. सितंबर 2014 में पहली बार हवाई हमले में बगदादी के मारे जाने की खबर आई थी, लेकिन वो अफवाह थी और उसके बाद 27 अप्रैल 2015 को फिर बगदादी की मौत की खबर आई, जो कि गलत निकली. इसके बाद 2015, 2016, 2017 में बगदादी के मरने की अफवाह आती रही.

7 - बगदादी दुनिया के दर्जनभर मुल्कों पर कब्जा कर एक इस्लामिक देश बनाना चाहता था, जिसका खलीफा वो खुद बनने सपना देखता था. वो ओसामा से भी खतरनाक था.

8 - बगदादी अपने खतरनाक मंसूबे पूरे करने के लिए काफी हद तक इराक और सीरिया पर कब्जा कर चुका था. उसके लड़ाकों ने सीरिया के कुछ हिस्सों पर कब्जा किया. इसके साथ ही इराक के कई शहरों पर भी आईएसआईएस के आतंकवादियों ने कब्जा जमाया. बगदादी का मकसद सिर्फ और सिर्फ इराक और सीरिया को जीतना नहीं है बल्कि वो तो तमाम लेवेंट मुल्कों यानी साइप्रस, इजरायल, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया, फिलिस्तीन और टर्की को मिलाकर एक इस्लामिक अमीरात बनाना था.

9 - इन मुल्कों पर कब्जा करने के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान को भी अपने कब्जे में करना चाहता है. बगदादी अपना साम्राज्य हिन्‍दुस्तान में गुजरात समेत उत्तर पश्चमी राज्यों तक फैलाना चाहता है और यही बगदादी का असल मकसद भी है. अगर अबू बकर अल बगदादी अपने मकसद में कामयाब हो जाता तो दुनिया का नक्शा बदल डालता.

10 - बगदादी के सिर पर 60 करोड़ का इनाम घोषित था. वह दुनिया का सबसे बेरहम आतंकवादी कहा जाता था बगदादी पिछले महीने भर से इराक में चलने वाली हर गोली और गिरने वाली हर लाश का गुनहगार है.

 

 

ऐसे कुत्ते की मौत मारा गया बगदादी

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक यह पूरा ऑपरेशन ठीक वैसा ही था जैसा की पाकिस्‍तान के ऐबटाबाद में अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के खिलाफ चलाया गया था. अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप के बयान के मुताबिक, सबसे पहले अमेरिकी हेलिकॉप्‍टरों ने बगदादी के ठिकाने को घेर लिया और उसके बाद अमेरिकी सेना के 70 कुशल डेल्टा कमांडोज उतरे. एकदम फिल्‍मी सीन की तरह कुशल अमेरिकी डेल्टा कमांडोज ने उतरते ही बगदादी के उस गुफानुमे बंकर को घेरना शुरू किया जो पूरी तरह से सुरक्षित बंकर था. अत्‍याधुनिक हथियारों और साजो सामान से लैस अमेरिकी कमांडोज के पास प्रशिक्षित कुत्ते और एक रोबोट था. अमेरिकी कमांडोज को बगदादी की दो पत्नियां दिखीं जिन्‍होंने कमर में विस्फोटक बांध रखा था. दोनों खुद को उड़ा पातीं उससे पहले कमांडोज की फायरिंग में वे मारी गईं. रिपोर्ट के मुताबिक, इस ऑपरेशन से पहले ही अमेरिकी सेना ने बड़ी संख्या में आईएस के आतंकियों का खात्‍मा किया था. अमेरिकी कमांडोज को निर्देश थे कि बगदादी पकड़ा जाए तो ठीक अन्‍यथा उसे ढेर कर दिया जाए. गुफा में अमेरिकी कमांडोज ने अरबी में बगदादी को सरेंडर करने की हिदायत दी, लेकिन वह मौत के डर से जान बचाकर भागने लगा. इस बीच अमेरिकी सैनिकों ने 11 बच्चों को भी बचाया. गुफा में कुछ आइएस आतंकियों ने सिर पर मौत मंडराती देख समर्पण कर दिया. कमांडोज ने अपने प्रशिक्षित कुत्तों के साथ बगदादी का पीछा किया. बगदादी के साथ तीन बच्चे थे, इसलिए कमांडोज ने ट्रेंड कुत्तों को उसके पीछे छोड़ा. बचने की संभावना खत्‍म होता देख आतंकी बगदादी ने धमाका करके तीन बच्‍चों के साथ खुद को उड़ा लिया. बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि 'बगदादी कुत्ते की मौत मारा गया.' पूरे ऑपरेशन को अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप, व्हाइट हाउस में बैठकर लाइव देख रहे थे. यह पूरा ऑपरेशन बेहद जोखिम भरा था. इसमें हर पल यह खतरा था कि कहीं जमीन पर या दरवाजों पर ऑटो‍मेटिक विस्‍फोटक न लगे हों. अलकायदा सरगना लादेन के खिलाफ जो ऑपरेशन चलाया गया था उसका कोड नेम 'जेरोनेमो' था. ठीक इसी तरह बगदादी के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन का नाम 'जैकपॉट' था. अमेरिकी कमांडोज जब मौके पर पहुंचे तो उन्‍होंने उसके शरीर के अंगों का एक छोटी सी फील्ड किट के जरिए डीएनए टेस्ट किया. कमांडोज की ओर से व्‍हाइट हाउस को मैसेज भेजा गया कि ऑपरेशन जैकपाट 100 फीसद पूरा हुआ. अबु बगदादी के बाद उसका उत्तराधिकारी अल मुहाजिर भी अमेरिकी एयरस्ट्राइक में मारा गया.