भारत में टैक्सपेयर्स के लिए नया प्लेटफॉर्म लॉन्च, ईमानदार करदाताओं को मिला यह तोहफा


नई दिल्ली. भारत देश में एक नई शुरुआत कर दी गई है. ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत कर दी जिसे 'ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट' का नाम दिया गया है.

अब बेवजह करदाताओं को परेशान करने वाले आयकर अधिकारियों की नहीं होगी खेर.

इसकी शुरुआत के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है, जिसमें फेसलैस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म किए गए हैं. बड़ी बात यह है कि इनमें कुछ सुविधा अभी से लागू हो गई है, जबकि पूरी सुविधा 25 सितंबर से शुरू होगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि 'ये नई यात्रा की शुरुआत है. अब ईमानदार का सम्मान होगा, एक ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाता है. आज से शुरू हो रही नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्ननेंस को आगे बढ़ाती हैं. इसमें सरकार का दखल कम होगा.'

बड़ी बातें:


- पहले 10 लाख का मामला भी अदालत में चला जाता था, लेकिन अब हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में जाने वाले मामले की सीमा क्रमश: 1-2 करोड़ की गई है.


-अब फोकस अदालत से बाहर ही मामलों को सुलझाने पर है.


- पहले अपने शहर का अधिकारी ही मामला देखता था, लेकिन अब टेक्नोलॉजी की वजह से देश के किसी भी हिस्से का अधिकारी केस की जांच कर सकता है.


-अगर मुंबई में कोई केस सामने आता है, तो उसकी जांच का मामला मुंबई को छोड़कर किसी भी शहर की टीम के पास जा सकता है. उस आदेश का रिव्यू किसी दूसरे शहर की टीम करेगी, टीम में कौन होगा इसका नतीजा भी कंप्यूटर से किया जाएगा.


- टैक्सपेयर्स चार्टर का मकसद करदाताओं और इनकम टैक्स विभाग के बीच विश्वास बढ़ाना, टैक्सपेयर्स की परेशानी कम करना और अधिकारियों की जवाबदेही तय करना है. इस समय दुनिया के सिर्फ तीन देशों अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया में ही यह लागू है.