लंदन/ नई दिल्ली. पिछले कुछ सालों के दौरान भारत में रेप की ऐसी घटनाएं भी हुईं जिससे पूरी दुनिया में भारत को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी और बदनामी हुई. जम्मू-कश्मीर के कठुआ रेप केस के बाद तो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की तत्कालीन अध्यक्ष क्रिस्टिन लैगार्डे (Christine Lagarde) ने भारत सरकार को सीधे तौर पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा. ऐसे कई और मामले हुए जब देश ऐसी घिनौनी हरकतों से शर्मसार हुआ लेकिन ऐसा नहीं है कि भारत ही रेप (बलात्कार) के मामलों में बदनाम हैं. अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और ब्रिटेन जैसे विकसित देश में भी ऐसी घटनाएं कम नहीं, और तो और दक्षिण अफ्रिका, जिम्बाब्वे, ऑस्ट्रेलिया में स्थिति भारत से भी काफी बुरी है. यौन हिंसा भारत की ही नहीं दुनिया के कई देशों की समस्या है. THE END NEWS के 10 (TEN) फैक्ट्स से समझिए पूरी दुनिया में आखिर कितनी भयावह स्थिति है रेप के मामलों में.
1- दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में हर साल 5 लाख रेप की घटनाएं होती हैं. दक्षिण अफ्रीका में हर साल 5,00,000 रेप की घटनाएं होती हैं. इस आंकड़े के साथ अफ्रीका दुनिया में रेप की घटनाओं के मामले में सबसे ऊपर है. दक्षिण अफ्रीका की 40 फीसदी से ज्यादा महिलाएं अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार रेप की शिकार होती हैं. अफ्रीकी मेडिकल रिसर्च काउंसिल के अनुमान के मुताबिक, हर 9 में केवल 1 महिला रेप की रिपोर्ट दर्ज कराती है. दक्षिण अफ्रीका में ज्यादातर यौन हिंसा की घटनाएं महिलाओं के खिलाफ हैं, लेकिन पुरुषों और बच्चों के साथ भी यौन शोषण के मामले कम नहीं हैं.
2- जिम्बाब्वे में हर दिन 16 महिलाएं बनती हैं दरिंदगी का शिकार बनती हैं. यहां हर 90 मिनट में कम से कम एक महिला का रेप किया जाता है. जिम्बाव्वे में साल 2015 के पहले तीन महीनों में कुल 1,524 रेप के मामले दर्ज किए गए, जबकि 2014 के पहले तीन महीने में 1,285 ऐसे मामले सामने आए थे. पीडि़तों में 780 बच्चे थे, जिनकी उम्र 11 से 16 वर्ष के बीच थी. वहीं, 276 पीडि़तों की उम्र 5 से 10 वर्ष के बीच थी.
3 - स्वीडन (Sweden) दूसरा ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा रेप के मामले सामने आए हैं. स्वीडन में हर चार में से एक महिला रेप की शिकार हुई है. स्वीडन की पुलिस ने 1975 में 421 रेप के मामले दर्ज किए. साल 2014 में ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़कर 6,620 हो गई यानी स्वीडन में रेप की घटनाओं में 1472 फीसदी की वृद्धि हुई. इस आधार पर कहा जा सकता है कि स्वीडन महिलाओं के लिए खतरनाक देश है. पूरे यूरोप में स्वीडन में रेप की दर सबसे अधिक है. कानूनी जानकारों के मुताबिक स्वीडन में तीन में से एक स्वीडिश महिला का यौन उत्पीड़न बचपन में ही हो जाता है.
4- ऑस्ट्रेलिया (Australia) में 2015 में जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के 52.2 लाख लोग यौन उत्पीड़न का शिकार थे. यौन उत्पीड़न के पीड़ितों में लगभग एक तिहाई लोगों ने हाल ही में हुई घटना की रिपोर्ट पुलिस को दी थी. हर छठी ऑस्ट्रेलियाई महिला से किसी अजनबी ने रेप किया था. ऑस्ट्रेलिया में ज्यादा रेप विक्टिम 15 साल से ज्यादा उम्र की थीं. ऑस्ट्रेलिया 16.4 फीसदी महिलाओं ने अपने पार्टनर के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के रेप करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस मामले में ऑस्ट्रेलिया दुनिया में तीसरे स्थान पर है. एनएसडब्ल्यू रेप क्राइसिस सेंटर का कहना है कि इनमें से 70 फीसदी से ज्यादा यौन हमले परिवार के सदस्यों, दोस्तों, काम या स्कूल के सहयोगियों ने किए. 29 फीसदी मामलों में महिलाओं से तब रेप किया गया जब वे किसी से मिलने या किसी खास मौके पर कहीं गई हुई थीं. ऑस्ट्रेलिया में रेप के एक फीसदी आरोपी ही पूरी तरह से अनजान लोग थे. यानी रेप करने वाल 99 फीसदी आरोपी जान पहचान के थे.
5- कनाडा में 80 फीसदी दिव्यांग भी यौन हिंसा का शिकार बनीं. कनाडा (Canada) में हफिंगटन पोस्ट के अनुसार हर साल 4,60,000 यौन हिंसा के मामले होते हैं. हर 1,000 यौन उत्पीड़न के मामलों में 33 ही पुलिस तक पहुंच पाते हैं. हालांकि, पुलिस इनमें भी 29 को अपराध के तौर पर दर्ज करती है. हर चौथी महिला अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार रेप का शिकार बनती है. रेप की 80 फीसदी घटनाओं में हमलावर पीड़ित के दोस्त और परिवार में से ही कोई होता है. सबसे परेशान घिनौनी बात यह है कि कनाडा में 83 फीसदी दिव्यांग महिलाओं का उनके जीवनकाल में कम से कम एक बार यौन उत्पीड़न हुआ था. कनाडा में 17 फीसदी लड़कियां और 15 फीसदी लड़कों की उम्र यौन उत्पीड़न के समय 16 वर्ष से कम थी.
6- अमेरिका में 12 से 16 साल की 83 फीसदी लड़कियों का किसी ना किसी रूप में यौन उत्पीड़न किया गया.
7 - इंग्लैंड में हर 5 में एक महिला किसी न किसी रूप में यौन हिंसा का शिकार हुई हैं.
8- फिनलैंड में हर 20 में एक महिला का रेप किया गया था और 5 में एक ने अपने मौजूदा या पिछले साथी के शारीरिक या यौन हिंसा करने की बात कही थी. केवल 13 फीसदी महिलाओं ने पुलिस को इस गंभीर घटना की जानकारी दी थी.
9- न्यूजीलैंड (New zealand) में 91 फीसदी रेप के मामलों में या तो पीड़ित ही पुलिस के पास नहीं जाती या पुलिस शिकायत दर्ज नहीं कराने के लिए पीड़ित को डराती धमकाती है. न्यूजीलैंड में 91 फीसदी मामले पुलिस तक पहुंचते ही नहीं ब्रिटिश मेडिकल जर्नल लैंसेट की एक रिपोर्ट मुताबिक, न्यूजीलैंड में हो रहे यौन हमलों की दर पूरे विश्व में हो रहे हमलों की औसत दर से कहीं अधिक है. रेप के मामलों में दुनिया के टॉप फाइव देशों में शुमार है.
10 - जर्मनी में हर साल करीब 2,40,000 महिलाएं इसलिए मर जाती हैं क्योंकि उनके वो बलात्कार या यौन हिंसा की शिकार होती हैं.
(लंदन से सौम्यता मिश्रा, नई दिल्ली से रिचा शर्मा की रिपोर्ट)
Note- यह खबर विभिन्न वेबसाइट, रिसर्च, क्राइम रिकॉर्ड, एनजीओ, मीडिया रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी पर आधारित है.