कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश के आरोपी तीनों निर्दलीय विधायक फिर गहलोत की शरण में


जयपुर. राजस्थान में सरकार को गिराने की साजिश और विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में अशोक गहलोत सरकार की आंखों की किरकिरी बने तीन निर्दलीय विधायक अचानक मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे और सीएम से लंबी मंत्रणा की.

पायलट और गहलोत विवाद शांत होने के बाद जहां सबसे पहले विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपी पायलट कैम्प के विधायक भंवरलाल शर्मा सीएम आवास पर पहुंचकर सोमवार को सीएम से मिले थे वहीं मंगलवार को यह तीन निर्दलीय विधायक भी सीएम के समक्ष पहुंचे और अपना पक्ष रखा. इनमें महुवा से ओमप्रकाश हुड़ला, अजमेर किशनगढ़ से सुरेश टांक और पाली मारवाड़ जंक्शन से निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह शामिल रहे. बताया जा रहा है कि इन्होने गहलोत से माफी भी मांगी और कहा यह सब किसी साजिश के तहत हुआ उनका मन्तव्य ऐसा कुछ नहीं था कि सरकार को नुकसान पहुंचाया जाए.

इस दौरान इन विधायकों ने अपने क्षेत्र के विकास के मुद्दे गहलोत के सामने रखे. मुलाकात के बाद विधायक ओमप्रकाश हुडला ने कहा कि 'एसओजी में मुकदमा दर्ज होने से हमारे और सरकार के बीच तनाव हो गया था जो मुकदमा वापसी से ही दूर हो गया. तीनों विधायक के पास सीएम से मुलाकात के लिए फोन आया जिसके बाद हमने मुलाकात की और बातचीत अच्छी रही, नाराजगी गिले शिकवे दूर किए, हमें अपने क्षेत्र के विश्वास का भरोसा भी दिलाया गया. हम विधानसभा सत्र में भाग लेंगे.'

गौरतलब है कि राजस्थान में इन तीनों ही विधायकों पर सरकार गिराने की साजिश का आरोप था. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर ना केवल एसओजी ने एफआईआर दर्ज की थी वहीं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी जांच (पीई) दर्ज की. यह भी आरोप लगे थे कि तीनों निर्दलीय विधायकों के पास मोटी धनराशि भी विधायकों की खरीद फरोख्त के लिए थी. जिसके दम पर उन्होने सरकार गिराने की साजिश की. डूंगरपुर व बांसवाड़ा के विधायकों को प्रलोभन देने के मामले में जिन तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी उनकी तुरंत ही कांग्रेस पार्टी से संबद्धता भी खत्म कर दी गई थी.