विधानसभा चुनावों में प्रचार प्रसार को लेकर मिली यह राहत, प्रत्याशियों को होगा फायदा


जयपुर। विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 28 लाख रूपये से बढ़ाकर अब 40 लाख रूपये कर दी गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि 2018 में राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्येक उम्मीदवार की चुनावी खर्च की सीमा 28 लाख रूपये थी। कोविड महामारी के समय वर्ष 2020 में इसे बढ़ाकर 30 लाख 18 हजार रूपये कर दिया गया। 2022 में  भारत निर्वाचन आयोग द्वारा यह सीमा बढ़ाकर 40 लाख रूपये कर दी गयी है।

गुप्ता ने बताया कि उम्मीदवार को निर्वाचन व्यय का सार विवरण जिला निर्वाचन अधिकारी को जमा कराना अनवार्य होता है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उम्मीदवार के चुनाव व्यय में कुछ मद अनुमत किये गये हैं एवं कुछ अनुमत नहीं किये गये हैं।

जनसभाएं, रैली जुलूस, बैनर व अन्य प्रचार सामग्री पर व्यय अनुमत किया गया है। साथ ही केबल नेटवर्क, बल्क एसएमएस, सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार और प्रिन्ट तथा इलेक्ट्रोनिक मीडिया के विज्ञापनों पर व्यय भी अनुमत है। वर्चुअल प्रचार अभियान पर होने वाले व्यय का भी ब्यौरा प्रत्याशाी द्वारा दिया जाता है। अभ्यर्थियों द्वारा प्रयुक्त वाहनों पर होने वाले व्यय के साथ सभाओं और रैलियों में उपयोग की जा रही सामग्री, साउंड सिस्टम आदि के खर्च का भी ब्यौरा दिया जाता है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुप्ता ने बताया कि राजनैतिक दलों एवं प्रत्याशियों द्वारा चुनावी खर्च हेतु विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं की दरों का निर्धारण जिला स्तर पर जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में किया जाता है। 

गुप्ता ने बताया कि निर्धारित सीमा से अधिक चुनावी व्यय अनुमत नहीं किया जाता है एवं जिला स्तर पर एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय स्तर पर सभी प्रत्याशियों द्वारा किये जा रहे व्यय की पड़ताल निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार की जाती है। लोकतंत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की दिशा में चुनाव व्यय पर नियंत्रण महत्वपूर्ण कदम है।