महिलाओं द्वारा अपराधों, विशेषकर पतियों की हत्या में वृद्धि एक चिंताजनक प्रवृत्ति


महिलाओं द्वारा अपराधों, विशेषकर पतियों की हत्या, में वृद्धि एक चिंताजनक प्रवृत्ति है। महिला कानूनों का दुरूपयोग और पतियों, ससुराल वालों के खिलाफ इसका गलत इस्तेमाल महिलाओं को अपराध के डर से मुक्त कर रहा है। हाल के दिनों में भारत में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जो दिल दहला देने वाली हैं और इस विषय पर गहन विचार की मांग करती हैं। इन मामलों के पीछे विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत कारण हो सकते हैं। इस बीच कई संठगन ना केवल लगातार पुरूष आयोग के गठन की मांग उठा रहे हैं बल्कि महिलाओं द्वारा घरेलू हिंसा के कानूनों के दुरूपयोग को रोकने की दिशा में भी सरकार और न्यायालयों से गुहार लगा रहे हैं। आलम यह है कि घरेलू हिंसा के शिकार पुरूष लगातार आत्महत्या का कदम उठा रहे हैं। 

हाल के कुछ प्रमुख मामले:

कर्नाटक में पत्नी द्वारा पति की हत्या (अक्टूबर 2024): कर्नाटक में 29 वर्षीय निहारिका पी. ने अपने पति रमेश (54) की हत्या कर दी। उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर रमेश को उप्पल में बुलाया, जहां उसकी गला दबाकर हत्या की गई। इसके बाद शव को कोडागु के एक कॉफी बागान में जलाया गया। इस अपराध का उद्देश्य रमेश की ₹8 करोड़ की संपत्ति पर कब्जा करना था। ​


बिहार में सरकारी नौकरी के लिए पति की हत्या (दिसंबर 2022):
गेर, बिहार में बीना हांसदा नामक महिला ने अपने पति अनुप तुड्डू की हत्या कर दी। उन्होंने दो सुपारी किलर्स को ₹1 लाख में हायर किया और अपने पति की गला दबाकर हत्या करवाई। बीना का उद्देश्य पति की मृत्यु के बाद सरकारी नौकरी प्राप्त करना और बढ़ते कर्ज से मुक्ति पाना था। ​


पुणे में विवाह के एक महीने बाद पति की हत्या (जून 2023):
पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्र में 24 वर्षीय अंकीता बोडके ने शादी के एक महीने बाद अपने पति सूरज राजेंद्र कलभोर की हत्या कर दी। उन्होंने इसे डकैती का रूप देने की कोशिश की, लेकिन पुलिस जांच में सच्चाई सामने आई। अंकीता ने स्वीकार किया कि सूरज के संदेह और उत्पीड़न के कारण उन्होंने यह कदम उठाया। ​


लखनऊ में पति की अवैध संबंधों के कारण हत्या (फरवरी 2024):
लखनऊ में रेखा शाह ने अपने पति सुरेंद्र की हत्या कर दी। सुरेंद्र के अवैध संबंधों के कारण दोनों के बीच विवाद होता था, जिसके चलते रेखा ने रसोई में उपयोग होने वाले सिल-बट्टे से उनके सिर पर वार किया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। ​
 

बेंगलुरु में मेरठ जैसा जघन्य हत्याकांड

शादी के बाद बीवी ने किया पति का कत्ल, सास ने दिया साथ। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 37 वर्षीय रियल एस्टेट एजेंट हत्याकांड की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी मृतक की पत्नी और सह आरोपी उसकी सास है। दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।

पति के टुकड़े करके उन्हें एक प्लास्टिक ड्रम भरा
मेरठ में पूरे समाज को कंलकित करने की करतूत का इससे पहले एक और भयावह मामला सामने आया था जहां अय्याशी की आदी महिला मुस्कान ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी। महिला ने अपने पति सौरभ कुमार को नशीली दवा देकर बेहोश किया और फिर चाकू से वार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद लाश के टुकड़े करके उन्हें एक प्लास्टिक ड्रम में सीमेंट के साथ भर दिया था।

शव को प्लास्टिक के कट्टे में डालकर जंगल में ले जाकर जलाया
राजस्थान के जयपुर स्थित मुहाना क्षेत्र में चौंकाने वाला ब्लाइंड मर्डर केस सामने आया है. यहां महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की निर्मम हत्या कर दी. पहले लोहे के सरिए से पति के सिर पर वार किया, फिर गला दबाकर मार डाला. शव को प्लास्टिक के कट्टे में डालकर जंगल में ले जाकर जला दिया गया.

पत्नी पीड़ित पति कर रहे आत्महत्या
हाल के दिनों में भारत में कुछ घटनाएं सामने आई हैं जहां पतियों ने वैवाहिक विवादों या पत्नी से जुड़े तनावों के कारण आत्महत्या कर ली। ये घटनाएं निम्नलिखित हैं:

  1. गुजरात में पति की आत्महत्या (दिसंबर 2024): बोटाड जिले के ज़मराला गांव में 39 वर्षीय सुरेश सथड़िया ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने मोबाइल फोन में एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया और परिवार से आग्रह किया कि उसे सबक सिखाया जाए। पुलिस ने पत्नी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।

  2. उत्तर प्रदेश में पत्नी के मायके से न लौटने पर पति की आत्महत्या (दिसंबर 2023): हमीरपुर जिले के मवई गांव में 27 वर्षीय शिवकुमार प्रजापति ने अपनी पत्नी के मायके से वापस न आने के कारण फांसी लगाकर जान दे दी। पत्नी के साथ विवाद के चलते शिवकुमार ने ससुराल में हंगामा किया था, जिसके बाद पुलिस ने शांतिभंग के आरोप में उसे गिरफ्तार किया था। जमानत पर रिहा होने के बाद उसने यह कदम उठाया।

  3. बिहार में वैवाहिक विवाद के बाद पत्नी की आत्महत्या (अगस्त 2024): रोहतास जिले के भिसड़ा गांव में एक विवाहिता ने घरेलू विवाद से परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के समय उसका पति देवघर गया हुआ था। बताया गया कि 15 दिन पहले पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ था। ​

  4. पत्नी के अवैध संबंध से परेशान पति की आत्महत्या (फतेहपुर, जनवरी 2025): फतेहपुर जिले के कुसुम्भी गांव में अवधेश पासवान नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के अवैध संबंधों से परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृत्यु से पूर्व उन्होंने एक डायरी में अपनी पत्नी और उसके प्रेमी का नाम लिखा, जिसके आधार पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया।

  5. पति-पत्नी के विवाद के बाद दोनों की आत्महत्या (खरगोन, मई 2024): मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में एक दंपत्ति के बीच विवाद के बाद पहले पति ने फांसी लगाकर आत्महत्या की। पति की मृत्यु के बाद पत्नी ने भी फांसी लगाकर जान दे दी, जिससे उनकी दो महीने की बच्ची अनाथ हो गई। 

  6. पति से विवाद के बाद विवाहिता की आत्महत्या (रुद्रपुर, अप्रैल 2024): रुद्रपुर में एक 25 वर्षीय विवाहिता का अपने पति से झगड़ा हुआ, जिसके बाद पति गुस्से में काम पर चला गया। घर में अकेली रह गई महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

महिलाओं के अपराध की ओर बढ़ने के संभावित कारण:

आर्थिक दबाव और लालच: आर्थिक तंगी या संपत्ति प्राप्त करने की इच्छा भी महिलाओं को अपराध की ओर धकेल सकती है, जैसा कि बिहार और कर्नाटक के मामलों में देखा गया।​

वैवाहिक असंतोष और अवैध संबंध: पति या पत्नी के अवैध संबंधों के कारण वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ता है, जो कभी-कभी हिंसक परिणामों में बदल जाता है।​

मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: डिप्रेशन, चिंता या अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी व्यक्ति को ऐसे कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।​

घरेलू हिंसा और उत्पीड़न: कई महिलाएं वर्षों तक घरेलू हिंसा और उत्पीड़न का सामना करती हैं। जब यह सहनशक्ति की सीमा पार कर जाता है, तो वे प्रतिशोध में हिंसक कदम उठा सकती हैं।​

अति एंबिशियस होना: महिलाएं अति एंबिशियस हो चुकी हैं। वो अपने लक्ष्यों, इच्छाओं को पूरा करने, आर्थिक जरूरतों के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहने लगी हैं। भौतिकतावाद के इस युग में पुरूष मित्रों के साथ अवैध संबंध और उनके द्वारा पति के खिलाफ अपने स्वार्थपूर्ति के उकसावे का शिकार महिलाएं आसानी से हो रही हैं और बिना सोचे समझे या तो पतियों की हत्या की वारदातों को अंजाम दे रही हैं या फिर उन्हें इतना टॉर्चर कर रही हैं कि वो आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं। 

समाज के लिए विचारणीय बिंदु:

सामाजिक समर्थन प्रणाली का अभाव: महिलाओं के लिए परामर्श और समर्थन की कमी उन्हें अकेला महसूस करा सकती है, जिससे वे गलत निर्णय ले सकती हैं।​

कानूनी जागरूकता की कमी: कई महिलाएं अपने अधिकारों और उपलब्ध कानूनी सहायता से अनभिज्ञ होती हैं, जिससे वे हिंसा का शिकार होने पर उचित कदम नहीं उठा पातीं। ​ना वो समझ पा रही हैं कि किसी के बहकावे में आकर या अपने लालच में ऐसे आपराधिक कदम उठाने के बाद उन्हें किस तरह की सजा मिलेगी। 

शिक्षा और रोजगार के अवसरों की कमी: आर्थिक स्वतंत्रता की कमी महिलाओं को असहाय महसूस करा सकती है, जिससे वे गलत रास्तों पर चल पड़ती हैं।​

महिलाओं द्वारा अपराधों में वृद्धि एक जटिल सामाजिक समस्या है, जिसके पीछे कई कारक काम करते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि महिलाओं की सुरक्षा आज के समाज में महत्वपूर्ण मुद्दा है लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं होना चाहिए कि एक वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए दूसरे के अधिकारों का हनन किया जाए। न्याय सबके लिए समान है। पुरूषों के खिलाफ हिंसा, उनकी हत्याओं और आत्महत्या के लिए पिछले कुछ दिनों में सामने आए घटनाक्रम काफी चिंताजनक हैं। जिस पर अब वक्त आ गया है कि सक्षम स्तर पर कानूनों में आवश्यक बदलाव किया जाए और न्याय सबके लिए समान हो। पुरूषों का इस तरह से अचानक चला जाना पूरे परिवार की हिम्मत तोड़ कर रख देता है। ऐसा नहीं है कि समाज में हर महिला और हर पुरूष को एक ही नजरिए से देखा जाए।