राजस्थान में नवगठित जिलों के सीमांकन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया, जानें कोनसे सम्भाग में कौनसा जिला आएगा


नई दिल्ली। दिनांक 04.08.2023 को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित मंत्रिमण्डलीय बैठक में नवगठित जिलों के सीमांकन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन नवीन जिलों से राज्य के विकास को एक नई गति मिलेगी तथा आमजन की सुगमता बढेगी।

• नवीन जिलों के गठन से विकास संबंधी योजनाओं की क्रियान्विति तथा मोनिटरिंग और अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगी, जिससे आमजन को सरकारी योजनाओं, सुविधाओं और सेवाओं का लाभ शीघ्र मिल सकेगा। प्रदेश के पिछड़े और दूरस्थ क्षेत्रों तक सरकार की पहुंच और अधिक सुगम होगी, जिससे इनकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण हो सकेगा। राजस्व एवं दीवानी न्यायालयों की दूरियां घटने से इनमें लम्बित मामलों का त्वरित निस्तारण हो सकेगा तथा कानून व्यवस्था पर अधिक प्रभावी नियंत्रण हो पायेगा।

• अतः आमजन का जिला प्रशासन एवं सरकार से संवाद बढेगा, जिससे जन अभाव अभियोगों का निराकरण और शीघ्रता एवं सुगम रूप से हो सकेगा। इन नवीन जिलों का गठन राज्य सरकार द्वारा प्रदान किये जा रहे सुशासन (गुड गवर्नेन्स) को और अधिक गति देने में एक मील का पत्थर साबित होगा।

• वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा की पालना में दिनांक 21.03.2022 को नये जिले बनाने के संबंध में आवश्यकता का आंकलन कर अभिशंषा देने हेतु रामलुभाया, सेवानिवृत आई.ए.एस. की अध्यक्षता उच्च स्तरीय समिति गठित की गई थी। उक्त कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर बजट 2023-24 में वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के समय दिनांक 17.03.2023 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा प्रदेश में संवेदनशील, जबावदेही एवं पारदर्शी प्रशासन की सरकार की प्रतिबद्धता की दिशा में कदम उठाते हुये 19 नवीन जिलों एवं 3 नवीन संभागों के गठन की घोषणा की गई थी।

• समिति की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा जिलों की घोषणा के पश्चात विभिन्न जिलों के सीमांकन के संबंध में जनप्रतिनिधियों, आमजन एवं विभिन्न संगठनों से जिलों की सीमाओं के संबंध में अभ्यावेदन प्राप्त हुये। प्राप्त अभ्यावेदनों को राज्य सरकार द्वारा समिति को प्रेषित करते हुये जिलों की सीमाओं के संबंध में पुनः परीक्षण करते हुये रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु निर्देश प्रदान किये गये।

• इस बार के बजट में 19 जिलों की घोषणा की गई थी। इस क्रम में विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त ज्ञापनों/मांगो को समिति को प्रेषित किये जाने पर उच्च स्तरीय समिति द्वारा इनका पुनः परीक्षण किया गया।