कोरोना वायरस: जानिए इससे जुड़े 10 बड़े सच


कोरोना संक्रमण की दहशत पुरी दुनिया के साथ भारत में भी ऐसे फैल चुकी है. ऐसा माहौल बन गया है जैसे हर किसी को मानो सामने मौत खड़ी नजर आ रही है. सोशल मीडिया पर चल रहे भ्रामक प्रचार, गलत खबरों से ऐसा माहौल बन गया है जैसे हर आदमी की मौत निश्चित है. लेकिन यह सच नहीं है. इस वक्त देश की केन्द्र और राज्य सरकारें जो गाइडलान्स जारी कर रही हैं उन्हें यदि समय रहते, सतर्क रहते हुए ही फोलो कर लिया जाए तो आपको कोई खतरा नहीं. लेकिन भारतीय लोग अभी भी इसको हल्के में ले रहे हैं. खुद का और परिवार का बचाव करने के उपाय अपनाने के बजाए भारतीय बेवजह के जॉक्स और भ्रामक प्रचार में अपना समय जाया कर रहे हैं.

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इस वक्त हमें दो बड़े सच जानना बेहद जरुरी है. पहला सच यह है कि जरुरी नहीं आप कोरोना संक्रमित के सम्पर्क में आ गए तो आपको भी यह संक्रमण हो ही जाएगा. यह तब तक नहीं होगा जब तक आपके शरीर में प्रवेश ना कर ले.

दूसरा सच यह है कि यदि किसी को कोरोना संक्रमण हो भी गया है तो इसका मतलब भी यह नहीं कि मौत निश्चित ही है. बशर्ते आप WHO, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राज्यों के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी की गई गाइडलाइन्स को फॉलो करते रहें. समय रहते जांच, आइसोलेशन, उपचार में मदद करें.

THE END NEWS अपील करता है कि अटकलों और अफवाहों पर ध्यान ना दें. भ्रामक बातें सिर्फ भ्रम और बेचैनी बढ़ाती हैं. लोगों को तथ्यों और वास्तविकता के साथ रहना चाहिए. आइए जानते हैं कोरोना से जुड़े 10 (TEN) बड़ी बातें जो हम सबके लिए जानना बेहद जरुरी है.

1- जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैल जाते हैं. इन्हीं नन्हें कणों के मार्फत कोरोना संक्रमण फैलता है. व्यक्ति के एक बार छींकते वक्त थूक के 3,000 से अधिक कण यानी ड्रॉपलेट्स शरीर से बाहर आते हैं.

2- किसी संक्रमित सतह को छूने से आपको कोरोना वायरस हो ही जाएगा, ऐसा नहीं है. जब तक ये आपके मुंह, आंख, नाक के ज़रिए आपके शरीर में नहीं जाता, तब तक आप ठीक हैं. इसलिए अपने मुंह को छूना या बिना हाथ धोए खाना बंद कर दें. ये ध्यान रहे कि सिर्फ छूने से नहीं, बल्कि आपके शरीर में जाने से संक्रमण होगा.

3- कोरोना संक्रमित के नज़दीक जाने पर ये कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. कभी-कभी ये कण कपड़ों, दरवाज़ों के हैंडल और आपके सामान पर गिर सकते हैं. उस जगह पर किसी का हाथ पड़े और फिर वो व्यक्ति उसी संक्रमित हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह छूता है तो उसे कोरोना वायरस संक्रमण हो सकता है.

4- आप खांसते और छींकते हुए लोगों से दूर रहकर और अपनी नाक, आंख और मुंह को छूने से बचकर आप सांस लेने से जुड़े सभी वायरसों से स्वयं को बचा सकते हैं.

5- कोरोना आमतौर पर बच्चों को प्रभावित नहीं करता है. जिन लोगों की उम्र 58 से ज्यादा होती है, कोरोना का असर ऐसे बुजुर्गों पर ज़्यादा होता है. हालांकि कोरोना केवल बुजुर्गों को ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है. लेकिन बुजुर्ग लोगों और पहले से ही श्वांस रोग, अस्‍थमा, डायबिटीज, हृदय रोग से पीड़ित लोगों को यह जल्दी संक्रमित कर देता है.

6- गर्मी आने पर कोरोना वायरस कम हो जाएगा. ऐसा प्रमाण नहीं है लेकिन कोरोना वायरस की सर्वाइवल कंडिशन को देखें तो कुछ हद तक यह बात ठीक मानी जा रही है कि जैसे ही तापमान बढ़ेगा कोरोना वायरस का असर कम हो जाएगा. हालांकि WHO के अनुसार, अभी तक मिले साक्ष्‍य बताते हैं कि कोविड-19 वायरस सभी इलाकों में फैल सकता है. इसका गर्मी या सर्दी से लेना देना नहीं है.

7- कुछ लोगों की धारणा है कि लहसुन खाकर कोरोना के खतरे से बचा जा सकता है. इसमें कोई दो राय नहीं कि लहसुन में में औषधीय गुण होते हैं. लेकिन इस बात के भी अभी तक कोई साक्ष्‍य नहीं मिले कि इसे खाकर कोरोना से बचा जा सकता है.

8- कोरोना वायरस संक्रमित के इलाज के लिए अभी तक कोई वैक्‍सीन नहीं बनी है. अभी तक सिर्फ वैकल्पिक दवाओं का इस्तेमाल करके ही इससे लोगों को बचाया जा रहा है.

9- कोरोना वायरस का मलतब मौत है यह मान लेना गलत है. जिसका पॉजिटिव टेस्ट आया है, उसकी मौत ही होगी, ये कहना सही नहीं है. अभी तक के आंकड़े बताते हैं मृत्यु दर 1.5-2% है. लेकिन अभी तक इसके लिए कोई विशिष्ट एंटीडोट, एंटीवायरल या वैक्सीन तैयार नहीं हो पाए हैं, ऐसे में सही वक्त पर सपोर्टिव केयर मिलने वालों में अच्छी रिकवरी भी देखी गई है.

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10- सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या पालतू कुत्ता भी कोरोना वायरस का संवाहक (कैरियर) हो सकता है? ऐसी कोई पुष्टि अभी तक नहीं हुई है. हां लेकिन पालतू जानवरों को छूने के बाद हाथ जरुर धोएं. सबसे अहम है एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमण रोका जाए. इसका मतलब है कि जितनी ज्यादा बार आप अपने हाथ धोएंगे, जितना कम लोगों के सम्पर्क में आएंगे. उतना ही इसके संक्रमण के चक्र (साइकल) को तोड़ने में मदद मिलेगी. अल्कोहल आधारित हैंड-रब को हमेशा तैयार रखना चाहिए और इस्तेमाल करना चाहिए. मास्क लगाने में परहेज ना करें.

सौजन्य- THE INDIA HEALTH