इलेक्टोरल बॉन्ड के मसले पर बोले सीएम गहलोत- सुप्रीम कोर्ट खुद गलती कर रहा है, यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला


जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ​कि इलेक्टोरल बॉन्ड आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला है। इस स्कैंडल को संस्थागत कर दिया गया है। इसको बंद करवाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट खुद इस मसले की सुनवाई में डिले करके गलती कर रहा है।

सोमवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में गहलोत ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड आजादी के बाद में सबसे बड़ा घोटाला है।भारत सरकार एनडीए गवर्मेंट ने इलेक्टोरल बॉन्ड का इस प्रकार तरीका निकाला है कि किसी पर ब्लेम भी नहीं आए और आराम से वो साइफन पैसा कर सके। ऐसा स्कैंडल जो संस्थागत कर दिया गया है। ऐसा हिस्ट्री में कहीं हुआ ही नहीं होगा जो इन्होंने काम किया है और सुप्रीम कोर्ट में अभी भी कह रहे हैं कि हमने सही काम किया है। जबकि 95 पर्सेंट से ज्यादा पैसा भारतीय जनता पार्टी को मिल रहा है, बाकी पार्टियों को कोई पैसा नहीं मिल रहा है। तमाम उद्योगपति डरे हुए हैं, वो चुपचाप इलेक्टोरल बॉन्ड दे रहे हैं। कोई पूछने वाला नहीं, कोई रिकॉर्ड में नहीं किसी के भी। ये अरुण जेटली जी के वक्त में मेरे ख्याल से हुआ है, सोच-समझकर लॉन्ग टर्म प्लानिंग के आधार पर पूरी तरह ये स्कैंडल किया गया है। मैंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के सामने, राष्ट्रपति जी के सामने इस बात को उठाया था जोधपुर के अंदर, बार-बार हम उठाते हैं, कोई सुनवाई करने वाला नहीं है, अब ज्यूडीशियरी क्या फैसला करती है वो देखने वाली बात है।

उधर जब सीएम गहलोत से सवाल पूछा गया कि आपकी नजर में क्या रास्ता हो सकता है इस तरह की घपलों को रोकने के लिए? तो जवाब में कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इसे बंद करवाना चाहिए। पहली बात तो सुप्रीम कोर्ट खुद गलती कर रहा है डिले करके। इतना बड़ा इश्यू है देश के लिए और आपने साल-दो साल लगा दिए उसके ऊपर, प्रायोरिटी पर इसका फैसला करना चाहिए, रेगुलर सुनवाई होनी चाहिए। पूरे देशवासी स्तब्ध हैं, कोई समझ नहीं पा रहा है कि करें क्या इनका? क्योंकि जो हालात चल रहे हैं देश के अंदर, जब हम कहते हैं कि डेमोक्रेसी को खतरा क्यों है, यही तो कहते हैं, संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं, कोई पूछने वाला नहीं है इनको और इलेक्टोरल बॉन्ड आप कैसे दे सकते हो आप एक तरफा? कोई ट्रांसपरेंसी नहीं उसके अंदर, तो ये हालात बहुत गंभीर हैं, मैं ये कह सकता हूं आपको और उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट सही फैसला देगा।