पायलट के जन्मदिन पर समर्थक विधायक का आरोप, सरकार पायलट के पोस्टर हटवा सकती है, तो दूसरे ने कहा कहीं न कहीं सब्र का बांध सबका टूटने वाला है 


 
जयपुर. सचिन पायलट का जन्मदिन राजस्थान की सियासत में शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया। इस दौरान पायलट समर्थक विधायकों ने मुखर होकर पायलट को सीएम बनाने की मांग कर डाली। सचिन पायलट समर्थक विधायकों ने मुखर होकर पायलट को जल्द सीएम बनाने की मांग की।
पहले ही जहां पायलट समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी और इंद्राज  गुर्जर पायलट को सीएम बनाने की मांग लगातार उठाते रहे हैं वहीं सचिन पायलट के जन्मदिन से पहले हुए समारोह में शामिल होने के बाद इन दोनों विधायकों ने एक बार फिर पायलट को सीएम बनाने की खुलकर पैरवी की। उन्होंने पायलट को अब तक पद नहीं दिए जाने पर सवाल उठाते हुए सब्र का बांध टूटने तक की बात कही। 
जयपुर के चाकसू से कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने तो राज्य सरकार के इशारे पर जयपुर शहर से सचिन पायलट के पोस्टर और होर्डिंग हटवाने  का आरोप लगाया। उन्होंने साफ कहा यह सरकार होर्डिंग हटा सकती है। पर जनता के दिलों से पायलट को कोई हटाकर देखे।

उधर विधायक इंद्राज गुर्जर ने कहा, आप समझ सकते हैं सचिन पायलट ने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाने में कितना बड़ा योगदान दिया था। उस आदमी को आप ज्यादा दिन तक डिनाई नहीं कर सकते। कितने दिन तक आदमी सब्र करेगा। जिस व्यक्ति ने पांच साल तक गांव गांव ढाणी ढाणी घूमकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने का काम किया। 21 सीटों पर हमारी पार्टी सिमट गई थी। उस पार्टी को वापस 100 सीटों पर लाने का काम किया। उसे आप कितने दिनों तक घर बैठाकर रखोगे, कहीं न कहीं सब्र का बांध सबका टूटने वाला है।
इंद्राज गुर्जर ने कहा कि जिस व्यक्ति का नाम लेकर आप चुनाव जीते, उससे अगर अब आप दूरी बनाकर बैठे हो तो उसे समाज और पूरे राजस्थान के लोग देख रहे हैं।
 

चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने सरकार पर सचिन पायलट के पोस्टर होर्डिंग हटाने का आरोप लगाते हुए सरकार पर जमकर आरोपों की झड़ी लगाई।  और कहा, जिस तरह आज लोग उमड़े हैं। आलाकमान के लिए यह लोगों के दिलों का टेंपरेचर नापने का समय है। जयपुर शहर में सोमवार को सचिन पायलट के रातों रात पोस्टर होर्डिंग हटाए गए। सिविल लाइंस क्षेत्र में पोस्टर होर्डिंग हटाने के आदेश 3 सितंबर को ही जारी कर दिए गए थे। जन्मदिन से 3 दिन पहले इस तरह का आदेश जारी होनाए क्या जाहिर करता है, प्रशासनिक स्तर पर लिखित में आदेश बिना किसी इशारे के नहीं होते हैं। इससे पहले भी नेताओं के बधाई के पोस्टर लगते रहे हैं, लेकिन कभी इस तरह नहीं हटाए गए। इस तरह पोस्टर हटाना निंदनीय है।