राजस्थान सरकार का बजट 2021-22 तैयार, जानिए बजट निर्माण में अहम रोल निभाने वाले 10 सुपर ऑफिसर्स कौन रहे?


जयपुर (आलोक शर्मा) . राजस्थान सरकार बजट पेश करने जा रही है. इस बजट को तैयार कर लिया गया है, और मूर्त रूप जनता के सामने कुछ ही घंटों बाद 24 फरवरी की सुबह 11 बजे आने वाला है. राजस्थान के मुख्यमंत्री जो कि इस सरकार के वित्त मंत्री भी हैं उन्होने इस बजट को जनता के लिए, गरीबों के लिए, किसानों के लिए, उद्योग और व्यापार जगत के लिए एक फ्रेंडली बजट बनाने का भरसर प्रयास किया है. पर इस बजट को मुख्यमंत्री की मंशा के मुताबिक मूर्त रूप देने में कौन से वो ब्यूरोक्रेसी के सुपर ऑफिसर्स रहे जिन्होंने दिन रात एक कर दिया, और पिछले कई माह की मेहनत के बाद इस बजट को तैयार किया. यह हम सबके लिए जानना काफी अहम हो जाता है.

IAS Niranjan Kumar Arya

1. निरंजन आर्य, CS, राजस्थान सरकार 


राजस्थान सरकार की ब्यूरोक्रेसी के मुखिया होने के नाते प्रदेशभर के ऑफिसर्स से नए बजट को लेकर फीडबैक, डाटाबेस और प्रस्ताव इन्ही के निर्देश में तैयार हुए. आम जनता की जरूरतें क्या हैं? किस तरह से उन्हें राहत पहुंचाई जा सकती है? क्या काम आगामी वित्त वर्ष में प्राथमिकता के साथ होना चाहिए और किस कार्य या योजना के लिए एक प्रस्तावित बजट कितना हो? इस पर दिन रात काम किया. सीएम के निर्देशन में आम जनता के साथ विभिन्न वर्गों से फीडबैक लिया. फीडबैक को फील्टर कर प्रदेश के बजट को एक आदर्श रूप देने का भरसक प्रयास किया गया. इसमें निरंजन आर्य का लंबा प्रशासनिक अनुभव काफी काम आया. साथ ही पहले से ही वित्त विभाग के अलावा कई महत्वपूर्ण विभागों में उनका काम करने का अनुभव काफी कारगर साबित हुआ. एक बेहतर लीडरशिप ब्यूरोक्रेसी के मुखिया के तौर पर इन्होने पूरा बजट तैयार करने वाली टीम को प्रदान की.

 

IAS Akhil Arora
 

2. अखिल अरोड़ा, प्रमुख सचिव, वित्त विभाग


अखिल अरोड़ा राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी के एक गंभीर स्वभाव वाले अधिकारी माने जाते हैं. उनका काम बोलता है. शांत से दिखने वाले लेकिन एक सशक्त निर्णय क्षमता वाले ऑफिसर्स माने जाते हैं. इनका लम्बा प्रशासनिक अनुभव इस बजट को मूर्त रूप देने केे मामले में मुख्य सचिव के बाद सबसे प्रभावशाली रहा. इन्हीं के निर्देशन में वित्त विभाग की तीनों महत्वपूर्ण विंग के मुखिया सेक्रेट्री फाइनेंस रवेन्यू टी. रविकांत, सेक्रेट्री फाइनेंस बजट पृथ्वीराज सिंह, स्पेशल सेक्रेटरी एक्सपेंडिचर सुधीर कुमार शर्मा ने बजट पर काम किया. अखिल अरोड़ा के द्वारा सुझाए गए रोड़ मैप और निर्देशन के मुताबिक ही तीनों विंग्स ने बजट से जुड़े हर महत्वपूर्ण विषय को हकीकत के धरातल पर अमलीजामा पहनाया. तीनों विंग के काम के काॅर्डिनेशन में बजट तैयार करने के दौरान सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अखिल अरोड़ा की रही. सबसे महत्वपूर्ण सवाल कि अगले वित्त वर्ष के लिए पैसा आएगा कहां से? और खर्च कहां, कैसे होगा? यह काम इन्हीं के निर्देशन में पूरा हुआ.

 

IAS Kuldeep Ranka

3. कुलदीप रांका, प्रमुख सचिव, CM


राजस्थान सरकार के मंत्रियों, विधायकों की बजट से जुड़ी महत्वपूर्ण मांगों, जरूरतों को बेहतर समन्व्य के साथ मुख्यमंत्री तक पहुंचाने और मुख्यमंत्री से मिले आवश्यक दिशा निर्देशों के बाद उन्हें प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी के संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कुलदीप रांका बजट निर्माण में अहम रहे. सीएम के निष्ठावान, कार्य के प्रति गंभीर और सुलझे हुए सीनियर आईएएस कुलदीप रांका खुद लम्बा प्रशासनिक अनुभव रखने के साथ विभिन्न विभागों के मुखिया के तौर पर पर्याप्त अनुभव अपने में समेटे हुए हैं जो कि इस बजट को बनाते वक्त काफी काम भी आया. मुख्यमंत्री की ओर से विभिन्न वर्गों के साथ हुए संवाद कार्यक्रम में कुलदीप रांका लगातार मौजूद रहे और सीएम के निर्देशानुसार हाथों हाथ मिले फीडबैक के आधार पर बजट तैयार करने से जुड़े सुझाव संबंधित अधिकारियों को दिए. इस पूरे बजट के दौरान ना केवल मंत्रियों, विधायकों बल्कि बजट से जुड़े ब्यूरोक्रेसी के कन्फ्यूजनों, सीएम  के स्तर पर चाहे गए आवश्यक मार्ग दर्शनों में भी महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम किया.

 

IAS T Ravikanth
 

4. टी. रविंकात, वित्त सचिव (राजस्व)


बजट बनाने में एक और सबसे महत्वपूर्ण रोल राजस्थान सरकार के नेकनीयत, गंभीर, मोस्ट इनोवेटिव ऑफिसर के तौर पर जाने वाले वित्त सचिव रवेन्यू टी. रविकांत का रहा. वित्त विभाग के प्रमुख शासन सचिव निर्देशन में टैक्स रवेन्यू और नाॅन टैक्स रवेन्यू के प्रस्ताव तैयार करवाने में इनका अत्यावश्यक रोल रहा. सरकार का रवेन्यू बढाने के साथ जनता को ज्यादा से ज्यादा राहत कैसे पहुंचाई जाए? जनता को दी जाने वाली सहूलियतों को कैसे बढाया जा सकता है? इस पर प्रस्ताव तैयार किए. उद्योग और व्यापार जगत, रियल एस्टेट, ट्रांसपोर्ट से जुड़े कर प्रस्तावों पर काम किया. जो बजट में काफी अहम रोल रखते हैं. इसके अलावा राजस्थान सरकार के सीएम, सीएस, वित्त प्रमुख शासन सचिव के निर्देशानुसार बजट में रवेन्यू का ही महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाने वाली एक्साइज पाॅलिसी तैयार कर उसे बजट से पहले जारी करने का काम किया. मैजर रवेन्यू साॅर्सेज मसलन जीएसटी, एक्साइज, स्टाम्प एंड रजिस्ट्रेशन के विषय पर भी टीम का आवश्यक मार्गदर्शन कर प्रस्ताव तैयार करवाए. रविकांत को विभिन्न जिलों के कलेक्टर के साथ विभिन्न विभागों में काम करने का लम्बा अनुभव इस बजट को फ्रेंडली बनाने की दिशा में काफी कारगर रहा.

 

IAS Prithvi Singh

 

5. पृथ्वीराज सिंह, वित्त सचिव (बजट)


वित्त विभाग की राजस्व शाखा आगामी वित्तीय वर्ष में विभिन्न कर प्रस्तावों के जरिए कितना पैसा जुटा लेगी और आगामी वित्त वर्ष में विभिन्न मदों पर कितना पैसा खर्च होगा. वित्त विभाग, राजस्व सचिव और वित्त विभाग, विशेष व्यय सचिव से मिले अनुमानों की समीक्षा कर बजट को अमली जामा पहनाने की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी पृथ्वीराज सिंह रहें. इन्होने वित्त विभाग प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा द्वारा दिए गए रोडमैप और मास्टर प्लान के मुताबिक आय और व्यय पर मिले प्रस्तावों की समीक्षा की और फाइनल बजट कितना जारी किया जाएगा, कहां जरूरत है और कहां फिलहाल खर्चे की जरूरत नहीं है इसकी समीक्षा कर बजट तैयार किया. जैसा की पदनाम से ही जाहिर है वित्त सचिव बजट तो बजट में इनकी भूमिका किसी से छुपी नहीं है. पृथ्वीराज सिंह पहले भी सरकारों के बजट जारी करने में अहम भूमिका निभा चुके हैं.

 

IAS Sudheer Kumar Sharma

6. सुधीर शर्मा, विशिष्ठ सचिव (व्यय)


आगामी वित्तीय वर्ष में विभिन्न योजनाओं, समाज कल्याण, सरकारी वेतन, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सड़क, खेल आदि के साथ विभिन्न मदों में होने वाला है वो व्यय कितना होगा. इस महत्वपूर्ण विषय का आंकलन कर आगामी वित्त वर्ष के अनुमानित व्यय प्रस्ताव तैयार करने का पूरा प्लान सुधीर कुमार शर्मा की टीम ने किया. प्रमुख शासन सचिव, वित्त के निर्देशन में उन्होने लगातार एक बड़ी टीम को लीड किया, और विभिन्न विभागों से मिले फीडबैक और पिछले साल के खर्चों की समीक्षा के बाद पैसा अगले वित्त वर्ष में कहां कहां कितना खर्च होगा इसका व्यय अनुमान लगाया ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि हमें आगामी वित्त वर्ष में खर्चों के लिए कितने रूपयों की आवश्यकता होगी. किस विभाग में और किस मद पर कितना पैसा खर्च होगा. जो नई योजनाएं हैं उनका खर्च कितना होगा, और सरकार को कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी. पाली और बाड़मेर जिला कलेक्टर रहने के साथ सुधीर कुमार अपने सेवाकाल के शुरूआत में डायरेक्टर बजट भी रह चुके हैं तो यह अनुभव इस बजट को तैयार करने में काम आया.

 

Sharad Mehra, Director, Budget, Rajasthan Government

7. शरद मेहरा, डायरेक्टर (बजट), वित्त 


वित्त विभाग में जब भी बजट का काम मूर्त रूप लेता है तो शुरू से अंत तक डायरेक्टर बजट का महत्वपूर्ण रोल होता है. इन्होने वित्त सचिव बजट पृथ्वीराज सिंह के निर्देशन में बजट से जुड़े हर प्रस्ताव को प्रकाशन के लिहाज से अंतिम रूप दिया. जितने भी प्रस्ताव आय और व्यय से जुड़े हुए आए उनकी समीक्षा की. उन्हें पढा, समझा और जहां कहीं इसमें किंतु परंतु लगा तो तुरंत उसका समाधान करवाया ताकि जब भी बजट का फाइनल रूप सरकार और जनता के बीच जाए तो एकदम स्पष्ट रूप में जाए. शरद मेहरा ने बिना रूके और बिना थके बेहद ही गंभीरता के साथ इस काम को मूर्त रूप दिया क्योंकि जरा सी भी चूक बड़े स्तर पर परेशानी का सबब बन सकती थी.

 

IAS Sudhansh Pant

8. सुधांश पंत, ACS, PHED-भूजल विभाग


राजस्थान जैसे मरू प्रदेश में पेयजल और ग्राउण्ड वाटर से जुड़ी चुनौतियां किसी से छुपी नहीं है. ऐसे में इस बजट के निर्माण में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत की अहम भूमिका रही. अपनी सशक्त और त्वरित निर्णय क्षमता के साथ लम्बे प्रशासनिक अनुभव के तौर पर पहचाने जाने वाले सुधांश पंत ने इस बजट को प्रदेश पेयजल समस्या के समाधान और बेहतरी के लिहाज से कई प्रस्ताव तैयार करवाए, डाटाबेस तैयार करवाया और भविष्य की योजनाओं के मुताबिक एक बजट प्रस्ताव तैयार करवाने में दिन रात काम किया. पेयजल हेतु जल व्यवस्थाओं का बेहतर प्रबन्धन, निमार्ण एवं रख रखाव की सुचारु व्यवस्था एव उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण हेतु क्या इस बजट में नया हो ताकि आमजन को अधिक से अधिक राहत पहुंचाई जा सके. गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध करवाएं, लंबित और नई पेयजल योजनाओं के लिए आवश्यक बजट तैयार करवाने में इन्ही का फीडबैक और प्रस्ताव सबसे महत्वपूर्ण रहा. जल संरक्षण और संवंर्धन के लिए भविष्य की योजनाओं पर इन्हीं के निर्देशन में विभाग की टीम ने बजट के लिए आवश्यक प्रस्ताव तैयार किए. बड़ी बात यह रही कि ना केवल जलदाय और भू जल विभाग से जुडे आवश्यक प्रस्ताव इनके निर्देशन में तैयार हुए बल्कि लम्बा प्रशासनिक अनुभव होने के कारण कई अन्य विभागों के बजट प्रस्ताव तैयार करने वाले अधिकारियों के लिए भी इनका मार्ग दर्शन में काम आया.

 

IAS Naresh Pal gangwar

9. नरेश पाल गंगवार, प्रमुख सचिव, उद्योग विभाग


कोरोना संकटकाल में बर्बाद हुए उद्योग धंधों को पुर्नजीवित करने की मंशा से विश्लेषण कर उनको पुनर्जीवित करने के  लिए प्रमुख प्रस्ताव तैयार कर, उसके अनुसार बजट में प्रावधान कराने के लिए अनुशंसा करने में नरेश पाल गंगवार की प्रभावी भूमिका रही. इंडस्ट्रीज को कैसे संजीवनी इस संकट के दौर में मिले, कैसे प्रदेश के विकास में इनकी भूमिका का विस्तार हो ताकि प्रदेश में निवेश, नए उद्योगों के जन्म के साथ रोजगार के अवसर भी बढ सकें. प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद बढाने में मदद मिले. जनहित में, प्रदेश हित में और कारोबारी हित में आगामी बजट इंडस्ट्रीज के लिहाज से कैसे बेहतर बन सके इस पर प्रस्ताव तैयार कर बजट को बेहतर बनाने की दिशा में इनकी अहम भूमिका रही. लम्बा प्रशासनिक अनुभव अपने में समेटे गंगवार के सबसे बड़ी चुनौति कोरोना संकटकाल में इंडस्ट्रीज को पुनर्जीवित करने, उद्योगों को राहत देते हुए विकास के पहिए को आमजन के हित में फिर से पटरी पर लाने की रही.

 

10. सिद्धार्थ महाजन, सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग


कोरोना संकटकाल के बाद स्वास्थ्य आमजन से जुड़ा सबसे अहम मुद्दा हो गया. इस लिहाज से विभाग में ब्यूरोक्रेसी के मुखिया के तौर पर काम कर सिद्धार्थ महाजन ने प्रदेशभर के अस्पतालों की जरूरतों, सुविधाओं, उनकी आवश्यकताओं को जाना और जरूरी प्रस्ताव प्राथमिकता के आधार पर तैयार कर वित्त विभाग को भेजे. इनता ही नहीं कोरोना संकटकाल के बाद स्वास्थ्य रक्षा के लिहाज से ऐसी बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में क्या बदलाव हो, क्या नई सुविधाएं दी जाएं. प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ विभिन्न जिला अस्पतालों को किस स्तर पर क्रमोन्नत किया जाए, टीकारण को प्रदेश में प्रभावी कैसे बनाया जाए, इन सब विषयों पर प्रस्ताव तैयार किए. स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिहाज से इस बजट में क्या हो इससे जुड़े प्रस्ताव तैयार किए और अनुशंसा की. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्देशन में स्वास्थ्य और बजट से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर भी उन्होंने बजट के लिहाज से काफी काम किया. प्रशासनिक क्षेत्र में सिद्धार्थ महाजन एक गंभीर, यंग और इंटेलिजेंट ऑफिसर के रूप में पहचाने जाते हैं. 


Ashok gehlot

ऐसा नहीं कि इन अधिकारियों के अलावा किसी का अहम रोल बजट निर्माण में नहीं रहा. बजट निर्माण में सशक्त भूमिका निभाने वाले इन प्रमुख अधिकारियों के अलावा इन अधिकारियों के मातहत कार्मिकों के साथ ही जल संसाधन,​ शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, गृह, वाणिज्यकर, कृषि, पर्यटन एवं देवस्थान, आबकारी विभाग के अलावा सीएमओ के कई ऐसे कई आईएएस, आरएएस, लेखा सेवा के अधिकारी और कार्मिक रहे जिन्होने बजट निर्माण में दिन रात काम किया. बड़ी बात यह रही कि कोविड संकटकाल में राजस्थान सरकार के बजट का निर्माण इस बार किसी बड़ी चुनौति से कम इन अधिकारियों के लिए नहीं था, बावजूद इसके इन्होने अपना बेस्ट देने का हर संभव प्रयास किया.