CRPF, पुलिस के आलाधिकारियों की कमजोर प्लानिंग बनी छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में सुरक्षाबलों के 22 जवानों की शहादत का कारण


छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर में हुए नक्सलियों के हमले में सुरक्षाबलों के 22 जवान शहीद हो गए हैं. इस एनकाउंटर में 9 नक्सली भी मारे गए हैं. बस्तर के बीजापुर में शनिवार को नक्सलियों ने 700 जवानों को घेरकर हमला किया था। बीजापुर एसपी ने बताया कि हमले में 22 जवान शहीद हुए हैं। करीब 30 जवान घायल हुए हैं। मुठभेड़ के बाद 21 जवान लापता हैं। शहीद जवानों की संख्या 24 होने की आशंका है। ग्राउंड जीरो का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें 20 जवानों के शव अभी भी घटनास्थल पर ही दिखाई दे रहे हैं। यहां रेस्क्यू टीम अभी भी नहीं पहुंची है। बता दें कि 20 दिन पहले यहां नक्सलियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी की जानकारी मिली थी। लेकिन इस बीच करीब 700 जवानों को नक्सलियों ने बीजापुर के तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाड़ियों के पास घेर लिया था। करीब 5 घंटे चली मुठभेड़ में 9 नक्सली भी मारे गए हैं। बताया जा रहा है कि CRPF के सात, छत्तीसगढ़ पुलिस के 15 जवान अभी तक लापता हैं। जिस इलाके में मुठभेड़ हुई है, वह नक्सलियों की फर्स्ट बटालियन का कार्यक्षेत्र है।

20 दिन पहले UAV की तस्वीरों से यहां बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। उधर CRPF के एडीडीपी ऑपरेशंस जुल्फिकार हंसमुख, केंद्र के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार व CRPF के पूर्व डीजीपी के विजय कुमार और मौजूदा आईजी ऑपरेशंस पिछले 20 दिनों से जगदलपुर, रायपुर व बीजापुर के क्षेत्रों खुद मौजूद हैं। इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में जवानों का शहीद होना पूरी ऑपरेशनल प्लानिंग पर सवाल खड़े कर रहा है।