कोरोना सक्रमित मां को बेटे-बेटी-दामाद ने सड़क पर तड़पता छोड़ा, टूट गई मां और सांसे दोनों


देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान्.. कितनी गिर गयी संतान

कानपुर (नील अनंत) : नौ महीने अपनी कोख में रखकर जो मां संतानों के लिए पूरे संसार के द्वार खोलती है, कोरोना हो जाने पर उसी मां के लिए संतानें बेरहमी से घर के दरवाज़े बंद कर दें तो उसका रिश्तों और संसार से भरोसा नहीं उठेगा तो क्या होगा ?

उत्तर प्रदेश के कानपुर में ऐसी ही एक रिश्तों को शर्मसार करने वाली अमानवीय घटना घटी. जब एक कोरोना संक्रमित बुज़ुर्ग मां, अपनी संतानों द्वारा समय पर इलाज़ न कराने की वजह से संसार से चल बसी. उत्तरप्रदेश के कानपुर के कैंट थाना क्षेत्र में मानवता को तार तार करता हुआ ये मामला तब सामने आया जब अपने ही बेटे द्वारा सड़क पर छोड़ी गयी.

कोरोना संक्रमित मां का वीडियो बनाकर किसी ने वायरल कर दिया और तब जाकर इस मां के साथ संतानों द्वारा की गयी अमानवीय करतूत सामने आई .

दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो से पता चला कि कैंट थाना क्षेत्र में एक महिला सड़क पर गंभीर हालत में चादर ओढ़कर पडी है और उसको देखने वाला नहीं है . इस वायरल वीडियो को देखकर पुलिस हरकत में आई और मानवता का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए महिला के पांस पहुँची और उसे अस्पताल लेकर गयी मगर शायद रिश्तों से हारी हुई मां के लिए तब तक देर हो चुकी थी और अस्पताल में डॉक्टर की काफी कोशिश के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका. डी सी पी अनूप सिंह के अनुसार सोशल मीडिया पर चादर ओढ़े सड़क पर लेटी उक्त महिला का वायरल वीडियो देखकर पुलिस तुरंत हरकत में आई और चकेरी पुलिस ने उसे तुरंत इलाज़ के लिए उर्सला हॉस्पिटल में भर्ती करवाया जहाँ इलाज़ के दौरान ही महिला की मृत्यु हो गयी.

जब पूरे मामले की जांच की तो पता चला कि इस बुज़ुर्ग मां की उखड्ती हुई साँसें उसकी अपनी संतानों को ही भारी लग रही थी.

कोरोना संक्रमण की वजह से जब इस महिला की हालत बिगड़ने लगी तो उसके अपने बेटे ने इलाज़ कराने के बजाय उसे बेटी के घर के बाहर ले जा कर छोड़ दिया और हद तो तब हुई जब बेटी का कलेजा भी मां के लिए नहीं पिघला और बेटी दामाद ने उस मां को न तो अपने घर में शरण दी और ना ही इलाज़ करवाने ले गए जिससे मजबूर होकर महिला को सड़क पर तड़पते हुए अनाथों की तरह सोना पड़ा .

अब तक सुनते आये हैं कि नारी ही नारी की पीड़ा समझ सकती है. पर इस मामले में नारी होते हुए भी न तो बेटी को मां का दर्द आया और न ही बहू को. पुलिस ज़रूर अब मामले में बेटे के विरुद्ध कानूनी करवाई कर रही है.

उम्मीद है कि संसार से जाने के बाद ही सही इस मां को न्याय मिल सकेगा. कोरोना काल में एक तरफ जहाँ लोग अपने ही नहीं बल्कि दूसरों को भी बचाने में लगे हैं ऐसे में इन कलयुगी संतानों की बेरहम सोच ने रिश्तों की जड़ें ही हिला कर रख दी. उम्मीद है की मामले में इन संतानों को उचित सजा मिल सकेगी ताकि कोरोना के इस संकट भरे दौर में लोग अपनों को यूं पराया न कर सकें.