राजस्थान में 10 दिन बाद होगा पुजारी शंभू शर्मा का अंतिम संस्कार, सरकार के साथ वार्ता में बनी सहमति


जयपुर। दौसा जिले के टिकरी गांव के पुजारी शंभू शर्मा की मौत के 10 दिन बाद उनका अंतिम संस्कार होगा। सियासत के अनलिमिटेड ड्रामे का शिकार हुए पुजारी के शव को लेकर प्रदर्शनकारियों, BJP नेताओं और सरकार के बीच वार्ता में सहमति बन गई है। इससे पहले 6 दिनों तक दौसा के महुआ थाने के बाहर पुजारी शंभू शर्मा का शव रखा रहा था। वहीं बीते चार दिनों से जयपुर के सिविल लाइन फाटक के समीप भाजपा नेता शव को रखकर प्रदर्शन कर रहे थे।

प्रतिनिधिमंडल के साथ करीब 3 घंटे की बातचीत के बाद सरकार ने माँगे मानते हुए इस प्रकरण में एडीएम , तहसीलदार, नगरपालिका के ईओ को हटाने पर सहमती बन गई है। पूरे प्रकरण की संभागीय आयुक्त से जाँच कराई जाएगी। जो 30 अप्रेल तक अपनी जांच सोपेंगे। लाठीचार्ज में मारे गए जगदीश सैनी की मौत की जाँच,  शंभू पुजारी की ज़मीन सहित 172 दुकानों को जाँच पूरी होने तक सील रखा जाएगा। प्रदेशभर की मंदिर माफ़ी की ज़मीनों से क़ब्ज़ा हटाने के लिए क़ानून बनाने के लिए सरकार को अनुशंसा की जाएगी।

सुलह वार्ता में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में महेश जोशी, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, DGP एमएल लाठर, गृह सचिव अभय कुमार, पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव मौजूद रहे। आंदोलनकारी पक्ष से सांसद डॉ किरोड़ी मीणा, रामचरण बोहरा, बीजेपी नेता अरुण चतुर्वेदी, विधायक अशोक लाहोटी, भाजपा शहर अध्यक्ष राघव शर्मा, बीजेपी नेता मुकेश दाधीच,सुमन शर्मा और विप्र फाउंडेशन अध्यक्ष राजेश कर्नल आदि प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे।