काम नहीं करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के जनप्रतिनिधि भिजवाएं नाम, सरकार करेगी बर्खास्त : गहलोत


जयपुर। प्रशासन शहरों के संग अभियान में लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों की अब खैर नहीं होगी। यदि किसी भी जनप्रतिनिधि ने उनकी शिकायत की तो अब सरकार ऐसे कार्मिकों को बर्खास्त कर सकती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐसे ही कुछ संकेत दिए हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जो अधिकारी और कर्मचारी प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे देने में आनाकानी करता है। पार्षद मेयर सहित दूसरे जनप्रतिनिधि अधिकारियों की सूची तैयार करके हमें भिजवाए। हम ऐसे अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्त करने की भी कार्रवाई करें। सरकार ने लोगों को किसी भी तरह से के मकानों का पट्टा मिल सके। इसके लिए हमने हर तरह से संशोधन कर दिया है। शुक्रवार को सीएम गहलोत ने ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे नरेगा अभियान की तर्ज पर राजस्थान में शहरों में भी अभियान की शुरूआ की। सीएम गहलोत ने सबसे पहले महिलाओं को जॉब कार्ड बांटे गए। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के नाम शुरू की इस योजना में पहले दिन प्रदेशभर की 200 से ज्यादा नगरीय निकायों में 2.25 लाख लोगों को जॉब कार्ड जारी किए गए। इस अभियान में शहरी बेरोजगार परिवारों को साल में 100 दिन का रोजगार मिलेगा। सीएम गहलोत ने रेवड़ियां बांटने के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर चुटकी ली।

उन्होंने कहा- हमने जोहरी बाजार में ठेले पर बिकती देखी हैं। जनता को मुफ्त इलाज और रोजगार देना रेवड़ियां नहीं सरकार की जिम्मेदारी है। वहीं इस कार्यक्रम में मेयर सोम्या गुर्जर, विधायक नरपत सिंह, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। मंत्री प्रताप सिंह और लालचंद कटरिया भी नहीं आए। कांग्रेस विधायक गंगादेवी भी नहीं पहुंची। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस अभियान की शुरुआत जयपुर में आगरा रोड स्थित खानिया की बावड़ी में श्रमदान करके की। इस मौके पर गहलोत ने रजिस्टर्ड लोगों को जॉब कार्ड भी दिए। काम के लिए औजार भी उपलब्ध करवाए। हालांकि इस सरकारी कार्यक्रम से पहले इस पर राजनीति भी देखने को मिली।

जयपुर नगर निगम ग्रेटर और जयपुर नगर निगम हैरिटेज एरिया के 10 विधानसभा के 8 विधायकों का नाम निमंत्रण में विशेष अतिथि के रूप में लिखा गया, लेकिन 2 विधायकों सतीश पूनिया और नरपतसिंह राजवी के अलावा नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर इसमें जगह नहीं दी। योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को साल में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रुपए का बजट रखा है। इसमें एक व्यक्ति को प्रतिदिन 259 रुपए मजदूरी के तौर पर दिए जाएंगे और 8 घंटे काम करना होगा।