जयपुर. 'कोरोना की दूसरी लहर में आ रहे अधिकांश मरीज बिना लक्षणों वाले (असिंप्टोमैटिक) हैं। पहले मरीज में लक्षण दिखते थे जिससे उनकी पहचान कर क्वारंटीन करना आसान था। बिना लक्षणों वाले मरीजों की पहचान बिना टेस्ट के मुश्किल है। ऐसे मरीज को स्वयं के संक्रमित होने का भी अंदाजा नहीं होता। असिंप्टोमैटिक मरीज जानकारी के अभाव में बिना प्रोटोकॉल का पालन किए घूमते रहते हैं जिससे दूसरे लोगों में तेजी से संक्रमण फैलता है। ऐसी परिस्थिति में सभी लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का गंभीरता से पालन करना चाहिए लेकिन आमजन कोविड प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही कर रहे हैं।' यह बात राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कही।
कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 'प्रदेश में 16 फरवरी को एक दिन में कोरोना के सिर्फ 60 नए मामले आए थे लेकिन 1 अप्रेल को 1350 मामले आए हैं। 23 फरवरी को कुल एक्टिव केस 1195 रह गए थे लेकिन 1 अप्रेल को ये संख्या बढ़कर 9563 हो गई है। 24 फरवरी को केस डबलिंग टाइम 2521 दिन था जो अब 270 दिन हो गया है।'
गहलोत ने कहा कि 'अभी कोरोना वायरस भी पहले से खतरनाक हो गया है। ऐसे में हम सभी को गंभीरता दिखानी होगी। मैं सभी से पुन: अपील करता हूं कि मास्क लगाने, हाथ धोने एवं सोशल डिस्टैंसिंग बनाए रखने के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें। थोड़ी सी लापरवाही भी किसी की जान जाने कारण बन सकती है।'